Thursday, 28 March, 2024

कोचिंग संस्थानों व हॉस्टल के लिए गाइडलाइन अनिवार्य

समीक्षा बैठक :
  • जिला कलक्टर ने कहा, कोचिंग विद्यार्थियों को सुसाइड से बचाव के लिए सभी विभाग प्रो-एक्टिव होकर कार्य करें।
  • तनावमुक्त प्लानिंग के लिए पुलिस मुस्तैद होगी।
न्यूजवेव @कोटा
कोचिंग विद्यार्थियों में मानसिक तनाव रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना एवं प्रभावी कार्ययोजना तय करने के लिए जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरूवार 27 दिसंबर को टैगोर सभागार में बैठक हुई जिसमें प्रशासनिक, पुलिस, शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि वर्ष 2018 के अंत तक 19 कोचिंग विद्यार्थी सुसाइड कर चुके हैं, जिससे बच्चों के अभिभावक भी चिंतित हो रहे हैं।
जिला कलक्टर ने कहा कि शिक्षानगरी में कोचिंग विद्यार्थी तनावमुक्त होकर पढाई कर सके, इसके लिए गाइडलाइन की अनुपालना हो और सभी विभाग प्रो-एक्टिव होकर कार्य करें।
जिला प्रशासन हॉस्टलों एवं पेइंग गेस्ट संचालकों के लिए गाइडलाइन जारी कर अनिवार्य रूप से पालना कराई जाएगी। हॉस्टलों की जांच एवं विद्यार्थियों के डाटा तैयार करने के लिए पुलिस की सक्रिय भूमिका रहेगी।
कुछ संस्थानों द्वारा तनावमुक्त माहौल के लिए गाइडलाइन की पालना नहीं करने को गंभीरता से लेते हुये सभी संस्थानों में गाइडलाइन अनिवार्य रूप से लागू करवाई जाएगी। जिला कलक्टर ने कहा कि अधिकारी टीम के साथ विद्यार्थियों से भी संवाद करें।
IAS व IPS अधिकारी सुसाइड के कारण पता करेंगे
कोटा जिले में अब तक मानसिक अवसाद के कारण होने वाली दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने के लिए प्रशिक्षु आईएएस देवेन्द्र कुमार एवं प्रशिक्षु आईपीएस अमृता को जिम्मेदारी दी गई है। दोनों अधिकारी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार कारणों बारे में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देंगे।
होप संस्था के लिए स्वयंसेवक तैयार किये जायेंगे जिसमें बीएससी नर्सिंग, समाज शास्त्र एवं मनोविज्ञान विषय में अध्ययनरत इच्छुक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर मानसिक अवसाद रोकने में मदद ली जाएगी। कोचिंग संस्थानों में नियुक्त मनोविज्ञान काउंसलर के प्रोफाइल की जांच कर उन्हें संवेदनशील बनाया जाएगा।
मेन्टल स्ट्रेस की जांच के लिए प्रश्नावली भरना अनिवार्य
प्रत्येक कोचिंग संस्थान में मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई मानसिक तनाव जांच की प्रश्नावली को सभी विद्यार्थियों से अनिवार्य रूप से भरवाया जाएगा। मानसिक तनाव रोकने के लिए विद्यार्थियों की पहचान के संबंध में कोचिंग फैकलटी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोचिंग संस्थाओं में कार्यरत शिकायत निवारण कक्ष का उपयोग तनावमुक्ति के लिए भी किया जाएगा।
पुलिस करेगी हॉस्टल व पीजी की निगरानी
जिला प्रशासन द्वारा हॉस्टल एवं पेइंग गेस्ट संचालकों के लिए गाइडलाइन की अनिवार्य पालना कराई जाएगी। हॉस्टल की जांच एवं विद्यार्थियों के डाटा तैयार करने के लिए पुलिस की सक्रिय भूमिका रहेगी। हॉस्टल के वार्डन को भी तनाव के समय विद्यार्थियों की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
फिर से चालू होगी होप संस्था
बैठक में निर्णय लिया गया कि तनावमुक्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्व संचालित होप संस्था को सक्रिय कर आर्थिक रूप से सम्बल प्रदान किया जाएगा। होप संस्था के प्रचार-प्रसार के लिए नगर निगम, नगर विकास न्यास एवं जिला प्रशासन सक्रियता से सहयोग करेंगे।
इन्होंने दिए सुझाव
मीटिंग में अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन वासुदेव मालावत, आयुक्त नगर निगम जुगलकिशोर मीणा, सचिव नगर विकास न्यास आनन्दीलाल वैष्णव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मील, प्रशिक्षु आईएएस देवेन्द्र कुमार, प्रशिक्षु आईपीएस अमृता, जिला रसद अधिकारी बालकृष्ण तिवारी, होप संस्था के डॉ. एमएल अग्रवाल, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय ने अपने सुझाव दिये।
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