Monday, 11 November, 2024

स्कूली बच्चों को ‘विजुअल मैथ्स’ पढ़ाई जाए

  •   53वीं वार्षिक मैथ्स कांफ्रेंस कोटा में शुरू
  • 200 से अधिक गणितज्ञ, शिक्षक व स्कॉलर ने मैथ्स प्रॉब्लम सॉल्विंग पर की पैनल चर्चा

न्यूजवेव @ कोटा

द एसोसिएशन ऑफ मेथेमेटिक्स टीचर्स ऑफ इंडिया (AMTI), चेन्नई की 53वीं वार्षिक कांफ्रेंस 26 दिसंबर,बुधवार को दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल, आरके पुरम, कोटा में प्रारम्भ हुई। इस तीन दिवसीय मैथ्स कांफ्रेंस में देशभर से 200 से अधिक गणितज्ञ, शिक्षक, स्कॉलर व स्टूडेंट्स भाग ले रहे हैं।

उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि कोटा यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.नीलिमा सिंह व विशिष्ट अतिथि NPCIL के साइट डायरेक्टर वीके जैन, एएमटीआई के अध्यक्ष प्रो.इंदर के. राणा व एलन निदेशक राजेश माहेश्वरी ने दीप प्रज्ज्वलन कर मैथ्स कांफ्रेंस स्मारिका का विमोचन किया। पहले दिन डॉ. ए नरसिंगा राव मैमोरियल लेक्चर में वक्ताओं ने कहा कि बच्चों में मैथ्स का भय कम करने के लिए स्कूल सिलेबस में “विजुअल मैथ्स” पर फोकस किया जाए, जिससे इसे समझना आसान होगा।

हर सरकारी स्कूल में दो मैथ्स लेब हों

मैथ्स कांफ्रेंस में वक्ताओं ने सुझाव दिया कि  हर सरकारी स्कूल में प्राइमरी लेवल व सेकंडरी लेवल पर दो मैथ्स लेब हों। एनसीईआरटी ने मैथेमेटिक्स के किट भी तैयार किये हैं, जिससे क्यूब, प्रिज्म, कोन, सिलेंडर, परिधि के कंसेप्ट समझना आसान हो गया है।

एलन निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि मैंने 30 वर्ष पहले गणित पढ़ाते हुए संस्थान की शुरुआत की थी। आज आवश्यकता है कि मैथ्स को हम कैसे रोचक व सरल ढंग से पढ़ाएं। यह मंथन कोटा के लिए उपयोगी रहेगा।

एएमटीआई की महासचिव डॉ. आर शांति ने वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि देश के 3258 गणितज्ञ एएमटीआई के सदस्य हैं। प्रतिवर्ष की तरह देश मे नेशनल मैथ्स टेलेंट कॉन्टेस्ट (NMTC) में इस वर्ष 645 स्कूल व शिक्षा संस्थानों के 1.34 लाख विद्यार्थी शामिल हुए।

जनवरी,2019 में गणित के शिक्षकों के लिए ‘वेब बेस्ड कंसेप्ट क्लेरिफिकेशन’ वर्कशॉप आयोजित होगी। एसोसिएशन द्वारा देश के गणित शिक्षकों व जूनियर गणितज्ञों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम व वर्कशॉप भी कराई जा रही हैं। इस तीन दिवसीय कांफ्रेस में पैनल चर्चा के बाद कुछ सिफारिशें एमएचआरडी को भेजी जाएगी।

एक्टिविटी से मैथ्स कंसेप्ट समझाएं

आईआईटी, मुम्बई में गणित विभाग में फेलो प्रो. आई.के.राणा ने कहा कि आज अधिकांश बच्चों को मैथ्स का डर सताता है जबकि मैथ्स में बहुत फन है। खेल-खेल में हम किसी भी थ्योरम को आसानी से समझ सकते हैं।

गणित के शिक्षको का दायित्व है कि विद्यार्थी मैथ्स को समझे, उनमें प्रॉब्लम सॉल्व करने की योग्यता है। उनमें इतना आत्मविश्वास पैदा करें कि स्कूल में हर चुनौती का सामना करना सीख जाएं। उन्हें नए कन्सेप्ट दें। शिक्षक बच्चों को ध्यान से सुनें और उनसे सुझाव मांगे। हर टॉपिक से जुड़ी एक्टिविटी क्लास में कराई जाए। कंटेंट स्किल के साथ वीडियो, क्विज, पजल्स, गेम्स या हाथ खड़े करवाने की एक्टिविटी से मैथ्स प्रॉब्लम को हल करना आसान होगा।

एएमटीआई के एसोसिएट जनरल सेक्रेटरी डॉ.पलनिवासन ने कहा कि मैथ्स का लेवल सभी स्कूलों में एक जैसा नही हो सकता। इसके लिए शिक्षक, पेटेंट्स और समाज को मिलकर बच्चों को मोटिवेट करना होगा।

तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम

एक्जीक्यूटिव चेयरमैन प्रो. जे.पांडुरंगन ने बताया कि तमिलनाडु के अधिकांश सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम हैं, बच्चों को आधुनिक तकनीक से पढ़ाया जा रहा है। ऐसा उत्तर भारत के राज्यों में नही है। राज्य सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

बच्चों को नई टेक्नोलॉजी से मैथ्स पढ़ाएं

जूनियर मेथेमेटिशयन के एडिटर आर.आत्मारमन ने कहा कि स्कूल में ज्योमेट्री प्रॉब्लम को हल करना स्टूडेंट्स के लिए कठिन होता है। इसके लिए शिक्षक जिओजी का उपयोग करें। मैथ्स के टॉपिक को टेक्नोलॉजी से जोड़कर पढ़ाना होगा। पढ़ाते समय शिक्षक एडवांस टूल्स काम मे लेकर बच्चों को सही एक्सपोजर दे सकते हैं। गणितज्ञों का मानना है कि टेक्नोलॉजी के दौर में गणित के टीचर को भी अपडेट रहने की आवश्यकता है। डीडीपीएस के सीईओ रवि गर्ग ने बताया कि दूसरे दिन पेपर प्रजेन्टेशन के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। यह तीन दिवसीय मैथ्स कांफ्रेंस 28 दिसम्बर तक चलेगी।

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