भवानीमंडी में भव्य शोभायात्रा के साथ तीन दिवसीय ‘नानी बाई रो मायरो‘ कथा शुरू
न्यूजवेव @ भवानीमंडी
गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान और भक्त की महिमा अनंत होती है। वाणी की सार्थकता हरि के गुणगान में है। नरसी मेहता ने अपनी वाणी से सदा श्रीहरि का गुणगान किया था। बुराइयों और किसी की निंदा में रूचि हमारी भजन में अरूचि का संकेत है। नरसीजी की भगवान में अगाध श्रद्धा थी। उनको बाल्यावस्था में परिवार से धार्मिक संस्कार मिले थे। आज हर परिवार को नरसीजी से भक्ति भाव सीखना चाहिये।
मंगलवार को भवानीमंडी में राधाकृष्ण महाराज ने मानधना परिवार के पूर्वजों की स्मृति में नवनिर्मित ‘परम्परा’ भवन का उद्घाटन किया। उसके बाद राधेश्याम बगीची स्थित गोकुलधाम में ‘नानी बाई रो मायरो’ कथा का वाचन करते हुये मारवाड़ी शैली में उन्होंने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा से पूर्व नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें नगरवासी व मानधना माहेश्वरी परिवार के सदस्य शामिल हुए।
सुबह राधेश्याम मंदिर से गोवत्स राधाकृष्ण महाराज के सान्निध्य शुरू हुई शोभायात्रा में महिलाओं ने हाथों में तुलसी वृंद (तुलसी पौधे) धारण किए। पारंपरिक वेशभूषा में महिला-पुरुष भक्ति गीतों पर झूमते हुए चले। शोभायात्रा में भगवान बांकेबिहारी की सुसज्जित प्रतिमा रथ को श्रद्धालु कथा स्थल तक लाये। मार्ग में सामाजिक संगठनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं स्थानीय निवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। राधाकृष्ण महाराज ने कथास्थल पर नवनिर्मित भवन ‘राधे-कुंज’ का लोकार्पण किया। इस दौरान मानधना परिवार के गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी एव नवीन माहेश्वरी सपरिवार मौजूद रहे।
बसंतोत्सव में बहेगी भजनों की गंगा
मानधना परिवार के गोविन्द माहेश्वरी ने बताया कि श्री माहेश्वरी समाज के संयोजन एवं श्री राधेश्याम मंदिर ट्रस्ट, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला संगठन, राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स एवं भवानीमण्डी वेलफेयर ट्रस्ट के सहसंयोजन में आयोजित इस कथा के दूसरे दिन बुधवार को श्री गिरिराज मित्र मण्डल, कोटा की ओर से बसंतोत्सव भजन संध्या रात्रि 8 से 11 बजे तक आयोजित होगी। वहीं, अंतिम दिन गुरुवार को संकीर्तन प्रभात फेरी निकाली जाएगी। जोकि सुबह 6 बजे श्री बालाजी मंदिर से प्रारंभ होकर वापिस बालाजी मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी।