न्यूजवेव@ कोटा
एजुकेशन सिटी के कोचिंग विद्यार्थियों में स्मार्ट फोन पर घंटो तक चिपके रहने से आंखों व ब्रेन पर घातक प्रभाव हो सकता है। एक सर्वे में सामने आया कि स्मार्ट फोन, टेबलेट/कम्प्यूटर के उपयोग से डिजिटल विजन सिन्ड्रोम नामक रोग युवाओं में अधिक पाया गया है। मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव से उनमें नज़र का धुंधलापन, आंखों में दर्द, सिरदर्द, आंखों में जलन, आँखों का सूखापन, भारीपन व थकान जैसी समस्याएं उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही है।
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, मुख्य शाखा छावनी तथा सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेजर सेन्टर, कोटा के संयुक्त तत्वावधान में नेत्र चिकित्सा जाँच शिविर में वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय, ने यह बात कही। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि कम्प्यूटर या मोबाइल पर ‘20-20-20’ रूल का पालन करें, जिसमें स्क्रीन 20 इंच की दूरी पर हो। कार्य करने के 20 मिनट बाद 20 फीट दूरी पर रखी वस्तुओं (व्इरमबज) को 20 सैकण्ड तक देखें। इस व्यायाम से आंखों की माँसपेशियों शिथिल रखने में सहायता मिलती है एवं साथ ही मोबाइल या कम्प्यूटर के लम्बे उपयोग के कारण आंखों में तनाव, सिरदर्द आदि लक्षण नहीं होते है।
आई कैम्प में नेत्र विशेषज्ञ डा. निपुण बागरेचा ने बताया कि शिविर में 70 से अधिक व्यक्तियों की नेत्र जाँच की एवं दृष्टि दोष से पीड़ित रोगियों को चश्में के नम्बर दिये गये। शिविर मेें नेत्र एलर्जी, ड्राई आई सिन्ड्रोम, डिजिटल विजन सिन्ड्रोम आदि से पीड़ित व्यक्तियों को दवा के माध्यम से उपचार किया गया। बैंक कर्मचारियों एवं ग्राहकों की ऑटोरिफ्रेक्टोमीटर से जाँच कर, चश्में के नम्बर दिये गये तथा अत्याधुनिक उपकरणों से जाँच कर परामर्श दिया गया। शाखा प्रबंधक के. एन. द्विवेदी, ने आभार जताया।