Thursday, 12 December, 2024

श्रीमन् नारायण-नारायण…से गूंज उठा बद्रीनाथ धाम

पुरुषोत्तम मास महोत्सव : श्री झालरिया पीठ का 7  दिवसीय महोत्सव बद्रीनाथ धाम में शुरू, एलन मानधना परिवार के सदस्य बने यजमान

न्यूजवेव @ बद्रीनाथ

उत्तराखंड में श्री बद्रीनाथ धाम में विश्व शांति व जनकल्याण के लिए श्रीझालरिया पीठ के सात दिवसीय पुरुषोत्तम मास महोत्सव का श्रीगणेश रविवार से हुआ। श्रीझालरिया पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 स्वामी श्री घनश्यामाचार्य महाराज के सान्निध्य में श्रीधर महोत्सव समिति द्वारा भव्य शोभायात्रा के साथ महोत्सव प्रारंभ हुआ।

पहले दिन एलन मानधना परिवार के सदस्य यजमान बने। बद्रीनाथ धाम में प्रातः भगवान बद्रीविशाल के मंदिर से गाजे-बाजे के साथ शोभयात्रा निकाली गई। इस अवसर पर मधुर भजनों की धुन पर पारंपरिक परिधान पहने हजारों श्रद्धालु जमकर झूमते रहे। बड़ी संख्या में कोटा व अन्य शहरों से श्रद्धालु पहुंचे। थे। समूचा बद्रीविशाल धाम परिसर नारायण-नारायण…के जयकारों से गुंज उठा।

शोभयात्रा में भगवान श्री वेंकटेश की सवारी फूलों से सुसज्जित रथ पर विराजमान रही। श्री झालरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री घनश्यामाचार्य महाराज व युवराज स्वामी श्री भूदेवाचार्य महाराज रथ पर सवार रहे। 144 महिलाओं ने सिर पर कलश धारण किए। पीछे झालरिया पीठ की पताकाएं थामे सैकड़ों भक्त चल रहे थे। अंत में शोभयात्रा परमार्थ लोक आश्रम पहुंची।

दोपहर में युवराज स्वामी श्री भूदेवाचार्य महाराज ने व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को भक्ति, ज्ञान व वैराग्यरूपी श्रीमद् भागवत कथामृत का रसपान कराया। उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित है। इसमें प्रभू भक्तों का निर्मल यश चरित्र है, इसलिए नाम श्रीमद् भागवत है। इसके श्रवण से तापत्रय नष्ट होते हैं। श्रीमद् भागवत भगवान का वाङ्मय स्वरुप है। अन्य अवतारों में भगवान समय पूरा होने पर क्षीर सागर लौट जाते हैं, लेकिन कृष्णावतार में भगवान लीला संवरण के समय खुद को श्रीमद भागवत में वास करते हैं। इसलिए इसका हर शब्द अक्षर भगवान श्रीकृष्ण का ही विग्रह है। कथा के मुख्य यजमान कोलकाता के सुदर्शन पùनाभ बगडि़या व रायचूर के बालकिशन रामानुजदास इनानी ने भागवत आरती की।

अर्णिमंथन से यज्ञ में अग्नि प्रज्वलित


पुरुषोत्तम मास महोत्सव के तहत रविवार सुबह श्रीमहालक्ष्मी महायज्ञ में यजमानों को दशविधि स्नान कराकर शुद्धिकरण के बाद विधिवत पूजन कराया गया। स्वामी श्री घनश्यामाचार्य महाराज के सान्निध्य में मुख्य 144 कुण्डीय श्रीमहालक्ष्मी महायज्ञ में मुख्य यजमान कोटा से एलन मानधना परिवार व धर्माबाद के ओमप्रकाश सुबोध काकाणी ने सपत्नीक वैदिक मंत्रों से अर्णिमंथन किया।

वैदिक मंत्रों के साथ अर्णिमंथन से यज्ञ की अग्नि प्रज्वलित की गई। मंत्रोच्चारण से पूरा मंडप गुंजायमान हो उठा। अर्णिमंथन से प्रज्वलित इस अग्नि को 144 कुण्डों में प्रतिष्ठापित कर सात दिवसीय श्रीमहालक्ष्मी महायज्ञ की शुरुआत की गई। इस यज्ञ में 144 यजमान सपत्नीक 301 पण्डितों के साथ वेदमंत्रों का उच्चारण करेंगे। महायज्ञ में एलन मानधना परिवार सहित अन्य यजमान 16 लाख श्रीसूक्त मंत्रों के उच्चारण पर आहुतियां देंगे। महायज्ञ 31 मई तक प्रतिदिन सुबह 7 से दोपहर 12ः30 बजे तक चलेगा।

भगवत मुखोल्लास, प्रतिदिन होगी लक्षार्चना
महोत्सव में प्रतिदिन भगवत मुखोल्लास व लक्षार्चना होगी। विभिन्न विधियों से भगवान का आव्हान किया जाएगा। प्रथम दिन तुलसी दल से भगवान की अर्चना की गई। दूसरे दिन गुलाब पुष्प, तीसरे दिन बिल्व पत्र, चौथे दिन कमल पुष्प, पांचवें दिन केशर, छठे दिन रजत पुष्प व सातवें दिन स्वर्ण पुष्प से लक्षार्चना की जाएगी।

सोमवार को प्रातः गुलाब पुष्पों से लक्षार्चना महायज्ञ, दोपहर 12ः30 बजे तक श्रीमहालक्ष्मी महायज्ञ एवं दोपहर 2 से शाम 5ः30 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा में कपिलोपदेश, ध्रुव चरित्र, पुरंजनोपाख्यान, अजामिलोपाख्यान, वृ़त्रासुर चरित्र, प्रहलाद चरित्र व नृसिंह अवतार प्रसंगों का वाचन होगा।

जनकल्याण के लिए विलक्षण अवसर
जगद्गुरु झालरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री घनश्यामाचार्य महाराज की असीम कृपा सभी भक्तों पर बनी रहती है। उनके पावन सान्निध्य में भगवान बद्रीनाथ की पावन नगरी में इस दिव्य आयोजन में भाग लेने का सौभाग्य मिल रहा है। विश्वशांति व जनकल्याणार्थ किया जा रहा यह आयोजन विलक्षण है।
– गोविन्द माहेश्वरी, कोटा

महोत्सव में सात्विक भक्ति का अनुभव
श्री बद्रीनाथ धाम में झालरिया पीठ द्वारा आयोजित पुरुषोत्तम मास महोत्सव में भाग लेने का सौभाग्य सात्विक अनुभूति कराता है। यह हर किसी को नहीं मिलता, गुरू महाराज के आशीर्वाद से यह संभव हो पाया है। दास हनुमानजी महाराज की कृपा से ऐसे पावन आयोजनों से हम जनकल्याण के कार्यों को बढावा दें।
-सुदर्शन बगडि़या, कोलकाता

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