राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में आईएसटीडी की वर्कशॉप
न्यूजवेव@ कोटा
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट कोटा चेप्टर, बीपीएनआई, कोटा ज्ञानद्वार एजुकेशन सोसाइटी व हर्षिता सोशल डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में 5 अगस्त को “ब्रेस्ट फीडिंग एंड इन्फेंट हेल्थ” विषय पर वर्कशॉप आयोजित की गई।
मुख्य अतिथि आरटीयू कुलपति डॉ आर ए गुप्ता ने कहा कि भविष्य की तैयारी हमें आज से करनी होगी। ब्रेस्ट फीडिंग वर्कशॉप महिला जागरूकता के लिए सकारात्मक प्रयास है। आज महिलाओं को शिक्षित होने के साथ मातृत्व दायित्व के बारे में बेसिक जानकारी होना जरूरी है। विशिष्ट अतिथि प्रो,बी पी सुनेजा ने कहा कि आज की पीढी अपने दादा दादी, नाना-नानी से ऐसे विषयों पर बात करने से झिझक रखती है। महिलाओं में जागरूकता आज के समय की मांग है।
कॉर्डिनेटर यज्ञदत्त हाडा व सुधीन्द्र गौड ने बताया वर्कशॉप में बीपीएनआई के चीफ कॉर्डिनेटर सीनियर कन्सल्टेंट (शिशु रोग) डॉ सी बी दास गुप्ता, डॉ.नवनीत बागला, डॉ. अविनाश बंसल तथा शीला वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
आईएसटीडी की चेयरपर्सन अनीता चौहान ने कहा कि भारतीय परंपराओं में महिला शक्ति को कई रूपों में दर्शाया गया है। खुद को सबल बनाने के लिये लिंग समानता के नाम पर, यूरोप महिलाओं के लिए अधिक शक्ति की मांग करता है। जबकि महिलाएं यदि मातृत्व भाव खो देती है तो वह शक्तिहीन होगी। मातृत्व उसे शक्तिशाली बनाता है।
डॉ नवनीत बागला ने कहा कि परिवार में माँ अपने शिशु को तनावमुक्त होकर स्तनपान करवाने के लिये उचित समय दें। डॉ अविनाश बंसल ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन से कहा कि माँ का दूध शिशु के मस्तिष्क विकास में जरूरी है।
डॉ सी बी दासगुप्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी व कॉलेज छात्राए अपने परिवार में भाभी, सहेली, चाची को गाइड कर सकती हैं। वे भावनात्मक सहयोग के साथ जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान करवाने की जागरूता पैदा करें।
हर्षिता सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी की शीला वर्मा ने कहा कि प्रसूता को उचित संतुलित आहार देने से दूध की गुणवत्ता बढ़ती है। डॉ एकात्म गुप्ता ने कहा कि जन्म के पहले घंटे में माँ का दूध अमृत समान होता है। आरटीयू में डीन डॉ अन्नपूर्णा भार्गव ने सबका आभार जताया।