Thursday, 12 December, 2024

24 लाख विद्यार्थियों की प्रवेश परीक्षायें अब सितंबर में

1 से 6 सितंबर तक 9 लाख से अधिक परीक्षार्थी देंगे जेईई-मेन एवं 13 सितंबर को 15 लाख विद्यार्थी देंगे नीट-यूजी
न्यूजवेव @ नईदिल्ली/कोटा
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्विट करके विद्यार्थियों को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये तथा शैक्षणिक गुणवत्ता बनाये रखने के लिये जेईई तथा नीट प्रवेश परीक्षायें सितंबर माह तक स्थगित करने की निर्णय लिया गया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर जारी नोटिस के अनुसार, जेईई-मेन,2020 परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक कम्प्यूटर बेस्ड मोड में होगी। इससे पहले अप्रैल में होने वाली यह परीक्षा 18 से 23 जुलाई तक स्थगित की गई थी लेकिन देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बेकाबू हो जाने से राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं को सितंबर माह तक स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। जनवरी के बाद जेईई-मेन के लाखों विद्यार्थियों को अप्रैल से सितंबर 5 माह तक परीक्षा होने का इंतजार करना पड रहा है, जिससे उनकी तैयारी प्रभावित हुई है।
जेईई-मेन के जनवरी चरण में कुल 8.69 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। दूसरे चरण में अधिक पंजीयन होने से परीक्षार्थियों की संख्या 9 लाख से अधिक हो सकती है। एचआरडी मंत्री के अनुसार, जेईई-एडवांस्ड परीक्षा इस वर्ष 27 सितंबर को आयोजित की जायेगी। जिसमें जेईई-मेन से चयनित करीब 2.50 लाख विद्यार्थी पेपर देंगे।
एनटीए वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी अब 13 सितंबर को आयोजित होगी। इस वर्ष 3 मई को आयोजित होने वाली यह परीक्षा 26 जुलाई तक स्थगित की गई थी। देश के विभिन्न राज्यों के कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुये शिक्षाविदों ने 13 सितंबर को एक ही दिन लगभग 15 लाख विद्यार्थियों की पेन-पेपर परीक्षा आयोजित करवाने को चुनौती व जोखिमपूर्ण भी माना है।
गिर सकती है कटऑफ
कोचिंग विशेषज्ञों का आंकलन है कि इस वर्ष जेईई-मेन के कटऑफ में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है। क्योंकि प्रभावी एवं नियमित तैयारी नहीं कर पाने से उंचा स्कोर अर्जित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या सीमित रहेगी। उन्होंने बताया कि जेईई-मेन,2020 के दोनों चरणों में 8 माह का अंतराल होने तथा लॉकडाउन के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो जाने से विद्यार्थियों में नियमित पढाई का शैड्यूल टूट सा गया है। कोरोना संक्रमण के कारण मानसिक रूप से परेशान हो जाने से वे सही ढंग से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। परीक्षा से ठीक पहले कई बाधाओं का सामना करने से विद्यार्थियों की एकाग्रता प्रभावित हुई है।

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