न्यूजवेव @कोटा
राजस्थान विधानसभा में कोटा के भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने बुधवार को कहा कि कोटा में चौराहों के सौंदर्यीकरण जैसे विकास कार्यों पर करोड़ों रूपये खर्च किये जा रहे हैं, जबकि आवासीय कॉलोनियों में बदहाल सडके, पार्को, नालीयों एवं अधूरी सीवरेज योजना, सफाई व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शर्मा ने आरोप लगाया कि अनियोजित एवं जल्दबाजी में किये जा रहे विकास कार्यो से कोटा शहर में वर्ष 2022 में 444 सडक हादसे हुए, जिसमें 111 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि वर्ष 2021 में 365 सडक दुर्घटनाओं में 75 लोगों को अकारण मौतें हुई। ऐसे दिखावटी विकास से कई घरों में चिराग बुझ गये, महिलाएं विधवा और बच्चे अनाथ हो गये।
चौराहों को बड़ा करना फिजूलखर्ची
स्मार्ट सिटी के करोडों रूपये के बजट को यूआईटी द्वारा सौंदर्यीकरण में बर्बादी की जा रही है। वर्तमान में न्यास द्वारा निर्मित फ्लाई ओवर व अंडर ब्रिज तकनीकी रूप से गलत माने जा रहे हैं। हॉल में एक 16 वर्ष के बालक की मौत हो गई। शहर के चौराहों की परिधि बढाकर यातायात में विजिबिलीटी खत्म कर दी है। जयपुर, दिल्ली व बैंगलुरू में चौराहे छोटे किये जा रहे हैं, लेकिन कोटा में चौराहों को बड़ा व मीनारे बनाकर करोडो रूपये की फिजूलखर्ची की जा रही है। न्यास के कई अंडर ब्रिज में पानी भरा रहता है। यूआईटी केवल नई कॉलोनियां बेचकर राजस्व इकठ्ठा करने में व्यस्त है। जबकि न्यास व निगम में हस्तांतरित कॉलोनियों में अभी तक आधारभूत सुविधायें विकसित नहीं हुई है।
कोटा में कचरा प्रबंधन विफल
विधायक ने कहा कि दो नगर निगम होने के बावजूद कोटा के हर वार्ड में स्वच्छता के स्थान पर गंदगी देखने को मिलती है। नगर निगम उत्तर के कार्यालय पर 40 करोड खर्च किये जा रहे हैं, यह राशि कचरा प्रबंधन में लगाई जा सकती थी। सफाई पर निगम 60 करोड का बजट खर्च करके भी शहर को स्वच्छ बनाने की योजना को लागू नहीं कर रहा है। कोटा के ट्रेचिंग ग्राउड पर कचरे के ढेर जमा है। जमा कचरे से आसपास के 3 किमी क्षेत्र में जल, वायु, भूमि प्रदूषित हो रही है। करोडों रूपये खर्च करने पर भी कोटा स्मार्ट सिटी स्वच्छता की रैंकिंग में पिछड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोटा दक्षिण में 500 से अधिक पार्क है जो उजडे पडे़ है। वार्डो में निर्माण कार्य हेतु 120 करोड के निर्माण कार्य प्रस्तावित है। आपके द्वारा प्रत्येक वार्डो में 1-1 करोड के कार्य करवाये गये। जिसमें कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी की अनुशंसा पर 50 लाख के कार्य कराये गये। ये कौन सा नियम है।