भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न से उठाया मुद्दा, शहीदों के परिजनों के 23 प्रकरण आज भी लंबित
न्यूजवेव @ जयपुर
कोटा दक्षिण से भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा में मांग की कि प्रदेश में शहीद सैनिक व अर्धसैनिक बलों के परिजनों को मिलने वाली सहायता व सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराया जाये। इस पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिक व अर्धसैनिक बलों के परिजनों को कृषि भूमि आवंटन, सम्मान भत्ता, नियोजन, शहीद का सम्मान, निशुल्क शिक्षा एवं छात्रवृति, बिजली कनेक्शन व बस पास सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।
इस पर विधायक शर्मा ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में आतंकी घटनाओं एवं अन्य आपदाओं में प्रदेश के 34 सैनिक शहीद हुए हैं, जिनके परिजनों के 23 प्रकरण आज भी जिला कलेक्टर के पास लंबित पडे़ हैं। राज्य सरकार और अधिकारी शहीदों की शहादत के प्रति बेपरवाह हैं।
उन्होंने कहा कि कोटा के सांगोद से 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में शहीद हेमराज मीणा की अंत्येष्टि में पहुंचे सरकार के प्रतिनिधियों ने परिजनों को विश्वास दिलाया था कि सांगोद चौराहे पर शहीद हेमराज मीणा की मूर्ति की स्थापना, गांव तक सड़क निर्माण करवाया और विनोद कला खुर्द स्थित विद्यालय जिसमें शहीद ने अपनी पढ़ाई की थी उसका नाम शहीद के नाम पर रख दिया जायेगा, ये सब आश्वासन आज भी अधूरे हैं।
इस पर मंत्री ने बताया कि शहीदों के परिजनों को भूमि आवंटन करने हेतु जमीन दिखाई गयी लेकिन उनको ये जमीन पसंद नही आई। कई मामलों में जिला कलेक्टर व राजस्व विभाग के अधिकारीयों के स्तर पर सहयोग नही किया जाता है। सरकार द्वारा 25 बीघा जमीन, 25 लाख का हाउसिंग बोर्ड का मकान या 50 लाख रुपये देने का राज्य सरकार का प्रावधान है लेकिन जिला कलेक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारी शहीदों के परिजनों को सहायता राशि व सुविधाएं दिलाने में मदद नहीं करतें।
अधिकारियों को पाबंद करे सरकार
विधायक संदीप शर्मा ने सरकार के मंत्री की बात का कडा प्रतिरोध करते हुए कहा कि अधिकारी सरकार से बडे नही होते हैं। सरकार को पाबंद करना चाहिए तथा सख्ती से निर्देश देना चाहिए कि तुरंत शहीदों के परिजन और वीरांगनाओं की मांग को पूरा करें। शर्मा के प्रश्न पूछने पर तीन बार हंगामे की स्थिति पैदा हुई।
शर्मा ने कहा कि शहीदों की वीरांगनायें धरने पर बैठी हैं, सरकार उनकी कोई सुध नही ले रही है। उनके साथ सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा भी बैठे है। इस पर अन्य विधायकों ने उनका समर्थन करते हुए सरकार से मांग की शहीदों के परिजनों की मांग को पूरा किया जाये। प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड ने सदन को अवगत कराया कि कोटा विधायक संदीप शर्मा के प्रश्न के जवाब का सरकार द्वारा संतोषजनक जवाब नही दिया गया। राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि उनकी सब मांग पूरी दी गई है।
प्रश्न के बाद सदन में शिक्षा पर चल रही बहस के दौरान विधायक संदीप शर्मा , विधानसभा के उपनेता राजेन्द्र राठौर और विधायक दल धरना स्थल पर पहुंचे जहां शहीदों की वीरांगनाओं के साथ राज्यसभा सासंद किरोडीलाल मीणा, पूर्व विधायक हीरा लाल नागर शहीद स्मारक में शहीदों के परिजनों को सहायता दिलाने की मांग कर रहे थें।
वीरांगनाओं ने कहा, आज तक मांगे पूरी नहीं
बाद में धरना स्थल पर शहीदों के परिजन शाहपुरा निवासी शहीद रोहिताश की पत्नी मंजु लांबा, सुदंरवाली नगर निवासी शहीद जीतराम की पत्नी सुंदरी, कोटा निवासी शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला और असिस्टेंट कमांडर जितेंद्र सिंह की पत्नी रेणु सिंह ने बताया कि सरकार ने छोटे भाई को सरकारी नौकरी देने, 25 किमी की सड़क और शहीद के नाम से शहीद स्मारक निर्माण, कॉलेज व स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने, अदालत चौराहे पर प्रतिमा लगाने, अनुकम्पा नियुक्ति देने व अन्य कई मांगें सरकार द्वारा आज तक पूरी नही की गयी हैं।
विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में पहुंच कर आसन से पाईंट ऑफ इंफॉर्मेशन से अनुरोध किया कि हम धरना स्थल पर वीरांगनाओं और परिजनों से मिल कर आये हैं, उनकी मांगें अभी तक पूरी नही हुई। सरकार शहीदों की शहादत का भी सम्मान नहीं कर रही है। शहीदों के परिजन परेशान हो कर धरना देना पड रहा है और अपनी जायज मांगों के लिये धरना देना पड रहा है।
विधायक के साथ मदन दिलावर, अशोक लाहोटी, धर्मनारायण जोशी, सुभाष पूनिया सहित अन्य विधायक भी खडे हो गये और सदन में शहीदों को न्याय दिलाने को लेकर काफी देर तक सदन की कार्यवाही रूकी रही। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। सदन में बैठे सभी सदस्यों ने विधायक का समर्थन किया और सदन में हंगामा प्रारम्भ हो गया।
इस पर सभापति सीपी जोशी ने राजेन्द्र राठौड़ को सदन में शहीदों की मांग रखने के लिये बोला। राठौड़ ने बताया कि प्रदेश की वीरांगनायें अपनी मांगों और राज्य सरकार द्वारा सहायता नही देने के कारण राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरना दे रही है। इस मुद्दे पर आधे घंटे चर्चा करके मांगों को शीघ्र पूरा किया जाये ।