राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 12वें दीक्षांत समारोह में बेटियों के सिर बंधे अधिक ताज, 28 में से 16 गोल्ड मेडल गर्ल्स को मिले
न्यूजवेव @ कोटा
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि हमारी उच्च तकनीकी शिक्षा सिर्फ सिलेबस और कक्षाओं तक सीमित न रहे। देश की प्रगति में इंजीनियर्स की भूमिका अहम होती है इसलिये सूचना व प्रौद्योगिकी के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ग तक इसका प्रसार हो। पं.दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि शिक्षा जितनी गहरी और व्यापक होगी, समाज उतना ही संपन्न होगा।
बुधवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 12वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने यह बात कही। कुलाधिपति मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इंजीनियरिंग शिक्षा में मानवीय मूल्यों, नवाचार एवं स्किल डवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया है। नवाचारों की संभावनाओं पर कार्य करते हुये आरटीयू में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आगे बढने के लिये प्रेरित करे। उन्हें इंजीनियर के साथ एक अच्छा इंसान बनाने के प्रयास हों। इसके लिए सिलेबस में कला व संस्कृति का भी समावेश किया जाए। नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे नये कोर्स विकसित किए जाएं जो विद्यार्थी को सकारात्मक बने रहने के लिए प्रेरित करे। हमारे विद्यार्थी मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप, डिजिटल इंडिया आदि क्षेत्रों में आगे बढें।
दीक्षांत अतिथि प्रो.वी.के. जैन ने कहा कि डिग्री लेकर स्टूडेंट उपलब्ध विकल्पों में से नये अवसर की तलाश करें। रचनात्मक विचारों एवं स्किल डेवलपमेंट के साथ आप पेशेवर दुनिया में अलग पहचान बनाने का प्रयास करें। नेल्सन मंडेला ने कहा है, शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी व इंजीनियरिंग कॉलेजों के हर विषय में सिलेबस को नियमित अपडेट करना बहुत जरूरी है। कुलपति प्रो.एसके सिंह ने बताया कि आरटीयू से 85 कॉलेज सम्बद्ध है। गत वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय प्रयास तथा नवाचार किये गये है। उन्होंने सभी स्टूडेंट्स को बधाई दी।
प्रज्ञा व त्रिशा को गोल्ड मेडल से नवाजा
भव्य दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र एवं तेजपुर विवि, असम के पूर्व कुलपति डॉ. वी.के. जैन एवं कुलपति प्रो. एस.के.सिंह ने एमटेक (स्ट्रक्चरल इंजीनियंरिंग) की प्रज्ञा महेश्वरी को चांसलर गोल्ड मेडल एवं बीटेक सीएस की त्रिशा विश्वास को कुलपति गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। उन्होंने बीटेक, बीआर्क, बीबीए, एमबीए, एमटेक, एमसीए, होटल मैनेजमेंट व पीएचडी कोर्सेस में 21,567 स्टूडेंट्स को डिग्रियां वितरित करने की घोषणा की। समारोह में 106 को डिग्रियां एवं 28 स्टूडेंट्स को स्वर्णपदक प्रदान किये। कुल 28 में से 16 गोल्ड मेडल छात्राओं को और 12 छात्रों को प्रदान किये गये। उन्होंने आरटीयू में स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर का वर्चुअल शिलान्यास किया।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. वी.के.द्विवेदी ने बताया कि दीक्षांत समारोह में बीटेक 19,320, एमबीए 1265, एमसीए 535, एमटेक 221, बीआर्क 194, बीबीए 1, बीएचएमसीटी 9, पीएचडी 21 सहित कुल 21567 विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की गई। इनमें से 17,656 छात्र एवं 3,911 छात्रायें हैं। सम्बद्ध कॉलेज विशेष समारोह आयोजित कर स्टूडेंट्स को ये डिग्रियां वितरित करेंगे।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि जेसीबी बल्लभगढ के वाइस प्रेसीडेंट संजय कथूरिया, आरटीयू के बॉम सदस्य, एचओडी, प्रोफेसर्स, अन्य कुलपति व शिक्षाविद सहित संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स अपने अभिभावकों के साथ मौजूद रहे।
तकनीकी शिक्षा में भी बेटियां आगे
इस वर्ष इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर एप्लीकेशन व होटल मैनेजमेंट आदि में गोल्ड मेडल जीतने वालों में बेटियां अव्वल रहीं। बीटेक में 14, एमटेक में 11, एमबीए, एमसीए,बीआर्क में 1-1 स्टूडेंट को गोल्ड मेडल प्रदान किये गये।