-10 हैक्टेयर तक की कृषि भूमि पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भू-रूपातंरण की आवश्यकता नहीं
नीलेश कुमार शर्मा
न्यूजवेव @ कोटा
राज्य में अब कृषि भूमि पर बिना स्वीकृति के फूड प्रोसेसिंग से संबंधित उद्योग आसानी से लगा सकेंगे। हाड़ौती समेत पूरे राज्य में नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्र की सीमा से बाहर 10 हैक्टेयर कृषि भूमि पर बिना लैंड कन्वर्जन के फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री स्थापित कर सकते है, जिसके लिए खातेदार को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से संबंधित पत्रावली के लिए संबंधित जिला उद्योग केंद्र या स्थानीय पंचायत से किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं लेनी पड़ेगी।
10 हैक्टेयर तक की कृषि भूमि पर लघु उद्योग लगाने के लिए भू-रूपातंरण की जरूरत नहीं है। इस प्रकार कोटा समेत पूरे प्रदेशभर में कृषि आधारित उद्योग एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना होगी। इससे विभिन्न प्रकार के फसलों के उत्पादन में किसानों की रूचि बढ़ेगी। वहीं स्थानीय लोगों को प्रचुर मात्रा में रोजगार भी मुहैया हो सकेगा। साथ ही कृषि आधारित उद्योग की स्थापना से कृषि उत्पाद को भी अधिक समय तक संरक्षित रखा जा सकेगा। इन उद्योगों के लगने से उत्पाद, कच्चे माल की मांग निरंतर बनी रहेगी।
4000 स्क्वायर वर्ग मीटर से बढ़ाकर किया 10 हैक्टेयर
उद्योग जगत से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में सरकार ने 4000 स्क्वायर वर्ग मीटर कृषि भूमि पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की स्वीकृति थी, जिसे बढ़ाकर अब 10 हैक्टेयर कर दिया है। इससे उद्यमियों व किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में आसानी होगी।
*देनी होगी अंडरटेकिंग*
कृषि भूमि पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए संबंधित खातेदार को तहसीलदार के समक्ष फॉर्म एच के साथ खातेदार का नाम, भामाशाह नंबर, आधार नंबर के साथ भूमि का खसरा नंबर 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर अंडरटेकिंग देनी होगी।
*भूूमि कन्वर्जन पर उद्यमी को 100% छूट*
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत उद्यमी द्वारा जिला उद्योग केंद्र में इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट के साथ फाइल लगाने पर भूमि-कन्वर्जन का निशुल्क किया जा रहा है। इसमें भूमि-कन्वर्जन करवाने के लिए उद्यमी को 100 फीसदी छूट दी जा रही है। कन्वर्जन करवा लेने से संबंधित उद्यमी को उद्योग चलाने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों से लोन की सुविधा मुहैया हो जाएगी। वहीं खातेदार द्वारा बिना कन्वर्जन के 10 हैक्टेयर जमीन पर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगा सकता है। उद्योग विभाग द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
-आर.के.सेठिया, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र
सिस्टम में छूट नही दे रही सरकार
‘जब तक लैंड का टाइटल चेंज नहीं होगा तब तक उद्यमी को बैंकों से फाइनेंस की सुविधा नहीं मिलेगी। सरकार को चाहिए कि वह लैंड कन्वर्जन के लिए जिला उद्योग केंद्र को अधिकृत कर संबंधित उद्योग के लिए कन्वर्जन का प्रमाण पत्र जारी करने की स्वीकृति प्रदान करें। कन्वर्जन में छूट तो दे रही है लेकिन सरकार सिस्टम में छूट नहीं दे रही है। इस प्रकार सरकार कानून में आमूलचूल परिवर्तन कर प्रमाण पत्र के लिए जिला कलक्टर, एडीएम, जिला उद्योग केंद्र को अधिकृत कर दें।
-गोविंद राम मित्तल, संस्थापक अध्यक्ष, दी एसएसआई एसोसिएशन‘फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसमें राज्य सरकार को यह करना चाहिए कि जो उद्यमी दूसरे सेक्टर में कार्यरत है उन्हें भी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोत्साहित करें। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में उद्योग लग सकेंगे। मूल्य संवर्धन का यह बेहतरीन तरीका है।
-एल.सी.बाहेती, अध्यक्ष, लघु उद्योग कॉउंसिल ऑफ कोटा*कोटा में एग्रो आधारित उद्योगों की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि तथा कृषि आधारित उद्योगों का ही रहने वाला है।
-अविनाश राठी, अध्यक्ष, कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन