RTU में ‘ग्रीन बिल्डिंग एवं एसोसिएटेड जॉब अपॉर्चुनिटी’ पर हुई वर्कशॉप
न्यूजवेव@ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में ‘ग्रीन बिल्डिंग एवं एसोसिएटेड जॉब अपॉर्चुनिटी’ विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथी कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता, IGBC राजस्थान चैप्टर के चेयरमेन जैमिनी ओबेरॉय, CII के डॉ शिवराज ढाका, जादवपुर विश्वविद्यालय के डॉ मानक घोष तथा निर्माण परामर्शदाता महेश वैष्णव विशिष्ट अतिथि रहे। इसके अतिरिक्त IGBC कोटा संभाग के सचिव आर पी शर्मा, सिटी मॉल के निदेशक वीरेंद्र पांड्या एवं निपोन पेंट्स के नितीश स्वामी सहित कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।
कोर्डिनेटर डॉ.बी.पी.सुनेजा ने बताया कि आज के जलवायु परिवर्तन में ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। डीन प्रो. अनिल माथुर ने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग द्वारा ऊर्जा की बचत के लिये ग्रीन बिल्डिंग पर निरंतर नये अनुसंधान हो रहे हैं। IGBC के जैमिनी ओबरॉय ने आव्हान किया कि ग्रीन बिल्डिंग को एक जन आंदोलन बनाया जाय। हमारा उद्देश्य है कि अगले कुछ वर्षों में हम इस तकनीक का विकास करके विश्व में नंबर एक बन सकते हैं।
ओबेरॉय ने बताया कि 2004 में इस विधि से निर्माण करने पर 18 प्रतिशत अधिक लागत आती थी लेकिन आज यह अतिरिक्त लागत घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है। इससे होने वाले लाभ कुछ ही समय में अतिरिक्त लागत की भरपाई कर देते हैं। उन्होंने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में स्टूडेंट चैप्टर खोलने के लिए कुलपति प्रो आर ए गुप्ता को सर्टिफिकेट प्रदान किया। कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने कहा कि स्टूडेंट बीटेक के दौरान ही किसी क्षेत्र में विशेष योग्यता हासिल करे तकनीकी क्षेत्र में उनके नॉलेज व स्किल डेवलपमेंट का लाभ मिल सके। प्रो के एस ग्रोवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
ग्रीन बिल्डिंग पर नवाचार शुरू
तकनीकी सत्र में डॉ शिवराज ढाका ने ICICI बैंक की जोधपुर शाखा के भवन का उदाहरण देते हुए जल प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा तथा अपशिष्ट प्रबंधन में नवाचार की जानकारी दी। इसके लिए प्रयोग में लिए जा सकने वाले विभिन्न मानकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग के क्षेत्र में रोजगार की बहुत अधिक संभावनाएं है।
जादवपुर विश्वविद्यालय से प्रो मानक घोष ने सौर पथ के अनुसार भवनों के विभिन्न भागो के अभिविन्यास के बारे में बताया। उन्होंने बहुत से ऐसे छोटे-छोटे कदमों के बारे में जानकारी दी जिनसे ऊर्जा की बचत हो एवं भवन को प्रयोग में लाने वाले रहवासी स्वस्थ पर्यावरण से लाभान्वित हो सके। निर्माण परामर्शदाता महेश वैष्णव ने गर्मी में ऊष्मा रोधी निर्माण हेतु नवाचार प्रयोग के बारे में बताया।