देश-विदेश के प्रतिभागी जून माह में 100 किमी से अधिक दौडेंगे, ऑनलाइन पंजीयन 10 मई तक।
न्यूजवेव @ कोटा
आगामी 1 से 30 जून तक कोटा में पहली बार आयोजित हो रहे रनिंग फेस्टिवल-2019 को लेकर महिलाओं में बहुत उत्साह है। फिटनेस स्क्वायर रनिंग क्लब (FSRC) के निदेशक अमित चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिभागी अपने-अपने शहरों में न्यूनतम 3.2 किमी नियमित दौड़ पूरी करेंगे, जिससे जून के 30 दिनों में उन्हें कम से कम 100 किमी दौड़ने की चुनौती रहेगी। देश-विदेश से 478 नागरिक इसमें ऑनलाइन पंजीयन करवा चुके हैं, जिसमें 200 से अधिक महिलाएं हैं। www.townscript.com पर ऑनलाइन पंजीयन की अंतिम तिथी 10 मई है। देश-विदेश के प्रतिभागी अपनी दौड़ का डाटा मोबाइल एप strava, nrc, endo mondo etc. के जरिये नियमित शेयर करेंगे, जिससे पूरे माह का ऑनलाइन ट्रेकिंग रिकार्ड दर्ज होगा।
17 मैराथन कर चुकी अर्चना मूंदडा ने बताया कि रनिंग फेस्टिवल शहर की महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करेगा। वे खुद जून माह में 6.7 किमी नियमित दौडते हुये 200 किमी रनिंग का रिकार्ड बनाएगी। रनिंग फेस्टिवल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीता जिंदल, डेंटिस्ट डॉ. अंकिता माथुर, हियरिंग सेंटर की प्रियंका माथुर, सीए दीपांशी जैन, डॉ. रूचि साहू, उद्यमी अंकिता कालानी, राखी शर्मा, गुंजन गांधी, पूर्णिमा यादव, मीनाक्षी जैन, दिव्यानी धीरिया व फ्लोरिडा से राधिका राठी सहित 200 से अधिक प्रोफेशनल महिलाएं, युवतियां और गृहणियां नियमित 3.2 किमी दौडते हुये माह में 100 किमी दौड़ पूरी करेंगी।
शहरवासी इस चुनौती को स्वीकार करें
रनिंग फेस्टिवल-2019 के एम्बेसेडर एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिये शहरवासी इस चुनौती को स्वीकार करें। वे स्वयं 30 दिन तक इस नियमित दौड़ को पूरा करेंगे। ‘स्वस्थ रहें, मस्त रहें’ का संदेश देने वाली यह दौड़ हर उम्र के लोगों में नई उर्जा पैदा करेगी। 30 दिन नियमित दौड़ने से यह हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाएगा। एलन भी इसमें सहभागी है। हाल ही में कोटा में ‘इंटरनेशनल बेयर फुट रनिंग डे’ पर 200 से अधिक शहरवासियो व चिकित्सकों ने एक घंटे में 5 किमी की दौड़ पूरी की थी।
केल्सियम व विटामिन-डी के लिये दौड़ जरूरी
श्रीजी हॉस्पिटल की निदेशक डॉ.नीता जिंदल ने बताया कि 45 से 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं में मेनापॉज के बाद केल्सियम एवं विटामिन-डी की कमी होने लगती है, जिससे हड्डियों में दर्द होने लगता है। इसके लिये जॉगिंग या दौड़ एक प्रभावी एक्सरसाइज है, जिसमें पैर जमीन पर जोर से पड़ने से केल्सियम व विटामिन-डी शरीर में घुलता है। दौडना एक मूड एलीवेटर है, जिससे हार्मोंस संतुलित होते हैं। आज लाइफ स्टाइल में हम कुर्सी या बिस्तर पर अधिक समय तक बैठे रहते हैं, शरीर एक मशीन है लेकिन हम इसे मूवमेंट नहीं दे रहे हैं। लोग प्रतिदिन ढाई से तीन हजार कैलोरी खा रहे हैं, लेकिन व्यायाम व दौड़ नही करने से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, हार्ट व हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों को गले लगा रहे हैं। इसलिये स्वस्थ रहने के लिये 1 दिन या 1 माह नहीं पूरे वर्ष दौड़ लगाएं।