राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा- छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिले
न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 14वें दीक्षांत समारोह में मंगलवार को विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 9521 उपाधियां दी गई। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने की एवं सम्मानित अतिथि के रूप में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे उपस्थित रहे।
दीक्षांत समारोह में 36 पीएचडी, 212 एमटेक, 1 एमआर्क, 745 एमबीए, 595 एमसीए, 7817 बीटेक, 113 बीआर्क और 2 बीएचएमसीटी डिग्री वितरित की गई। इस वर्ष कुल 7487 छात्र और 2034 छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई।
समारोह में कुलाधिपति स्वर्णपदक कौटिल्य इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, जयपुर के एमटेक (ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग) छात्र आदित्य शर्मा को दिया गया। कुलपति स्वर्णपदक आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, जयपुर की बीटेक छात्रा रश्मि कुमारी को मिला। विभिन्न कोर्सेस ं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 20 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए जिसमें एमटेक के 4, एमबीए के 1, एमसीए के 1, बीटेक के 13 और बीआर्क के 1 विद्यार्थी शामिल हैं। इन 20 विद्यार्थियों में 11 छात्र एवं 9 छात्राएं सम्मलित हैं। समारोह के दौरान इंजीनियरिंग के 28, मैनेजमेंट के 3 एवं कम्प्यूटर एप्लीकेशन संकाय के 5 सहित कुल 36 विद्यार्थियों को पीएचडी उपाधियां प्रदान की गई। इनमें 24 छात्र एवं 12 छात्राएं सम्मिलित है। कुलसचिव भावना शर्मा ने आभार जताया।
डिग्री से नये जीवन का प्रारंभ
कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि आपके नये जीवन का प्रारंभ है। यह समय है जब आप अर्जित ज्ञान का उपयोग समाज व देश के प्रति समर्पित कर जन कल्याण हेतु करने के लिए तैयार हुए हैं। तकनीकी शिक्षा की पहली आवश्यकता यह है कि हम जो भी बात कहें, तर्क से कहें। भारत साइंस एवं टैक्नोलॉजी में बहुत अग्रणी है। तकनीकी शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, यह नवाचार, अनुसंधान और व्यावहारिक ज्ञान का संगम है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि तकनीकी तथा विशिष्ट ज्ञान के क्षेत्रों के भी पाठ्यक्रम यहां अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी विकसित करें। स्थानीय ज्ञान-विज्ञान से संबंधित शोध एवं अनुसंधान को भी अधिकाधिक मातृभाषाओं में लाने के प्रयास शिक्षण संस्थान करें। उन्होंने कहा कि नवाचार के साथ छोटे उद्योंगो को प्रोत्साहन दें।
गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर के कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे ने कहा कि राज्य में 2006 से आरटीयू द्वारा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारे विद्यार्थी सामाजिक बदलाव के पथ प्रदर्शक हैं, हम सफलता के पाँच मार्गदर्शक सिद्धांत मंत्र’ नवोन्मेषी विचारों से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कुलपति प्रो. एस के सिंह ने कहा कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों का विकास एवं छात्रों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे राज्य के शिक्षक एवं छात्र तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन् विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर सके। उन्होंने डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी।