Wednesday, 21 May, 2025

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी में युवाओं को भविष्य की डिग्री

न्यूजवेव पटना
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने बिहार सहित अन्य राज्यों में शिक्षित युवाओं के लिये बढ रहे रोजगार संकट पर मंथन करने के लिये पटना में सेमिनार आयोजित की। मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने बताया कि स्किल बेस्ड कोर्सेस युवाओं को अत्याधुनिक ट्रेनिंग और सही कॅरिअर ऑप्शन चुनने में कैसे मदद कर सकते हैं। बीएसडीयू, जयपुर ने उपयुक्त कौशल सेट में युवाओं को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के बारे में राष्ट्रीय चर्चा शुरू की, जो युवाओं को भविष्य की अनिश्चितताओं से दूर समाधान की राह दिखाएगी।
मशीन लर्निंग और फंक्शन लर्निंग पर फोकस

बीएसडीयू के कुलपति डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने इस सम्मेलन के दौरान कहा, “आज प्रत्येक आर्गेनाइजेशन प्रशिक्षित कर्मचारी चाहते हैं। दुनिया कुछ पेशेवर कॅरिअर विकल्पों के इर्द-गिर्द घूम रही है, जैसे मैनेजमेंट, प्रशासनिक, अकाउंट्स व टेक्निकल आदि। बीएसडीयू ने ऐसे प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए हैं जो छात्रों को मशीन लर्निंग और फंक्शन लर्निंग में सक्षम बनाते हैं। बी. वोक. और एम. वोक. जैसे पाठ्यक्रमों को ही भविष्य की डिग्री माना जाना चाहिए, क्योंकि इनके माध्यम से ही हम ऐसे ग्रेजुएट छात्र तैयार कर पाएंगे, जिन्हें स्किल डवलपमेंट में दक्षता प्राप्त होगी। हाल ही में राजस्थान व झारखंड सरकार ने इस क्षेत्र में बीएसडीयू को समर्थन दिया है।

भारत में एम्प्लॉयबिलिटी 47.38 फीसदी

इंडिया स्किल रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत में एम्प्लॉयबिलिटी 47.38 फीसदी है। बिहार जैसे कुछ राज्यों में लगभग आधे युवा खेती पर निर्भर हैं, लगभग 53 फीसदी श्रमिक कृषि मजदूर हैं। केंद्र सरकार रोजगार के कई मुद्दों पर काम कर रही है। लेकिन नौकरी के अवसरों की कमी एक चुनौती है। ऐसे में रोजगार बढ़ाने के लिए स्किल इंडिया जैसी योजना शुरू की गई है। जिसके तहत युवाओं को कुशल रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
देश की एकमात्र कौशल-आधारित संस्था भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) अपने स्विस ड्यूल-एजुकेशन सिस्टम के आधार पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, यूनिवर्सिटी ने अपनी स्थापना के बाद से देश में 5000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। 2016 में स्थापित बीएसडीयू न केवल शैक्षणिक, बल्कि सरकार की योजनाओं को औद्योगिक समर्थन भी प्रदान कर रही है।

उपयोगी डिप्लोमा व डिग्री कोर्स

बी.वोक. कार्यक्रम की संरचना माड्यूलर रूप में की गई है। इसमें सर्टिफिकेट (6 माह के बाद), डिप्लोमा (1 वर्ष के बाद), एडवांस्ड डिप्लोमा (2 वर्ष के बाद) और बी.वोक. (3 वर्ष के बाद) के दौरान अनेक एंट्री और एक्जिट प्वाइंट हैं। छात्रों को हर वैकल्पिक सेमेस्टर में औद्योगिक इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है। इस तरह विद्यार्थियों को तीन साल के बी. वोक. कार्यक्रम के दौरान 18 महीने का औद्योगिक अनुभव हासिल होता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि छात्र हर एक्जिट लेवल पर इंडस्ट्री के लिए तैयार होता है। इंटर्नशिप के दौरान ‘सीखें और कमाएं‘ सिस्टम के तहत छात्रों को 7000 रुपए से लेकर 15000 रुपए प्रति माह तक का स्टाइपेंड मिलता है। विश्वविद्यालय कौशल संबंधी अनेक क्षेत्रों में मास्टर प्रोग्राम एम. वोक. और पीएच. डी. भी प्रदान करता है।

राजस्थान सरकार ने एक कौशल ओलंपियाड का आयोजन किया है जिसमें बीएसडीयू के छात्र भी भाग ले रहे हैं। डॉ. पाब्ला ने सुझाव दिया कि स्कूल में एक विषय के रूप में भी कौशल जोड़ना चाहिए, ताकि छात्र कौशल-आधारित कैरियर के अवसरों के बारे में जान सकें जो वे स्नातक होने के बाद से चुन सकते हैं। ऐसे में साइंस, आर्टस व सोशल साइंस जैसे विषयों के अलावा छात्र नये स्किल के बारे में सीख सकते हैं।

इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग का लाभ
बीएसयूडी का कैंपस 50 एकड क्षेत्र में है, जिसमें 73 बिल्डिंग और 55 अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं सहित 16 कंप्यूटर लैब, कई रिसर्च लैबोरेट्री, सुसज्जित वाई-फाई सुविधा युक्त कैंपस और 20 से अधिक इंटरनेशनल एमओयू शामिल हैं। बीएसडीयू ने कई उद्योगों के साथ साझेदारी की है। विश्वविद्यालय अनेक ऐसे संगठनों के साथ जुड़ा हुआ है, जो उसके छात्रों को उद्योग में काम करने का मौका प्रदान करते हैं। उद्योग की कुछ अग्रणी कंपनियो में स्टूडेंट्स इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग का लाभ उठाते हैं, उनमें डायकिन, महिंद्रा, एपेक्स अस्पताल, कैड सेंटर, आर्डेन, सबल भारत, रिगेल, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, ल्यूपिन, आईटीसी, पेप्सीको, एलजी, एलएंडटी, नेस्ले और फाइजर शामिल हैं।

बीएसडीयू ने कौशल क्षेत्र में अनेक कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ 50 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। स्विस ड्यूअल मॉडल ऑफ स्किल एजुकेशन पर आधारित एक कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसी तरह इसने फोटोनिक्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए राजस्थान सरकार और फोटोनिक इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड, सिंगापुर के साथ एक एमओयू किया है।

आरटीयू से बीएसडीयू का करार
यूनिवर्सिटी ने स्किल डलवलपमेंट, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, रिसर्च एवं डेवलपमेंट के क्षेत्र में इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबल कम्युनिटीज, यूएसए के साथ और स्किल डवलपमेंट, रिजल्ट ओरिएंटेड टैªनिंग, प्लेसमेंट, आर एंड डी के लिये राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी,कोटा और द एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान तथा भारद्वाज फाउंडेशन, जयपुर के साथ सहयोग किया है।

क्या है भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू)
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत में स्किल डेवलमेंट पर आधारित प्रथम यूनिवर्सिटी है। स्विट्जरलैंड के डॉ राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत, बीएसडीयू शिक्षा के ‘स्विस-ड्यूअल-सिस्टम‘ का पालन करता है जो सैद्धांतिक भाग के साथ-साथ उद्योगों के वास्तविक माहौल में व्यावहारिक प्रशिक्षण पर समान रूप से जोर देता है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह के तहत एक शैक्षिक उद्यम है, जिसने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों के साथ संचालित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने के विचार के तहत भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी उर्सुला जोशी ने 2006 में विलेन, स्विट्जरलैंड में ‘राजेंद्र और उर्सुला जोशी फाउंडेशन‘ का गठन किया और इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री के साथ उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना है। बीएसडीयू अनुसंधान, नॉलेज डवलपमेंट और प्रसार के लिए नये अवसर प्रदान करता है।

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