राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (RTU) कोटा में स्वास्थ्य जागरूकता पर व्याख्यानमाला
न्यूजवेव @ कोटा
सेहत किचन से निकलकर आती है, इसलिए बाजार की बजाय घर का शुद्ध खाना ही खाना चाहिए। एमबीएस अस्पताल के उपनिदेशक डॉ संजीव सक्सेना ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा में स्वास्थ्य पर व्याख्यान मेऺ यह बात कही। डॉ, संजीव सक्सेना को रनिंग, फिटनेस और डाइट पर बल देते हुुुए भोजन में घी की महत्ता बताई और कार्बोहाइड्रेट कम खाने और प्रोटीन ज्यादा लेने के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि 80% सेहत खानपान से और 20% सेहत एक्सरसाइज से आती है। यानी सेहत किचन से निकलकर आती है। शुगर फ्री और शुगर से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। सभी विद्यार्थियों को बताया कि रोज 5 किलोमीटर चलने अथवा रोज दौड़ने के क्या फायदे हैं। घी से होने वाले फायदे जैसे आंतों का अच्छा लुब्रिकेशन होना, आंखों में फायदा के बारे बताया। यह भी कहा कि ज्यादा कैलोरी वाले भोजन खाने से बचें। ज्यादा से ज्यादा कच्ची फल और सब्जियां खाएं पैक्ड फ्रूट जूस खाने से बचें और उसके बजाय छाछ, दूध और देसी घी, दही के फायदे समझाए। मनुष्य के शरीर में कई किस्म के फैट पाए जाते हैं। ज्यादा कैलोरी वाला फ़ूड से बचेऺ, जो आपके पेट की चारों तरफ चर्बी (विसरल फैट) बढ़ाता है। अमूमन लोग जिस फैट को कम करना चाहते हैं, उसे सबकुटेनियस फैट कहा जाता है ,जिसे हम उंगलियों से पकड़ सकते हैं जबकि शरीर के अंगों के आसपास जमा फैट विसरल फैट कहलाता है। यह फैट सभी फैटों में सबसे हानिकारक फैट माना जाता है।
जब भी आपके ऑर्गन के आपस फैट लेयर बनेगी, यह लेयर आपके ऑर्गंस को आसानी से काम करने नहीं देगी। सभी अंगों का काम बाधित होता चला जाएगा, जिससे शरीर को नुकसान होना तय है। विसरल फैट को कम करने के लिए आप कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें-
- अपनी डाइट का ध्यान रखें। हमेशा हेल्दी चीजें ही खाएं। हमेशा सही मात्रा में ही खाएं। ओवर ईटिंग से बचें।
- हमेशा सही समय पर खाना खाएं। बाद में खाना खा लेंगे, इस तरह के रवैये को न अपनाएं।
- अपने हर मील के बीच कम समयावधि का गैप दें और हर बार फुल पेट खाने के बजाय हल्का भोजन लें।
- नियमित रूप से वर्कआउट जरूर करें। लेकिन बहुत ज्यादा प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से बचें।
- पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
ऐसे बदलें अपनी डाइट-
अपनी डाइट को अचानक से नहीं बदले जैसे अचानक से मीठा खाना बंद नहीं करें क्योंकि कुछ समय बाद आप उसको बहुत ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं। इसलिए डाइट को बदलते वक्त कोई ऐसी डाइट का चयन करें जिससे कि मीठे की क्रेविंग को दूर किया जा सके जैसे शक्कर के स्थान पर फलों का चयन करें।चीनी से कई गुना ज्यादा मीठे होते हैं,शुगर फ्री स्वीटनर इनसे डायबिटीज और मोटापे का खतरा ज्यादा होता है, इनसे बचना चाहिए ।जब हम कम सोते हैं या ज़्यादा तनाव मैं होते हैं तो पेट मैं घरेलीं हार्मोन निकलता है जो भूख बढ़ाता है और फैट बढ़ाता है इसलिए पूरी नींद लेना और तनावमुक्त रहना आवश्यक है। फैटी फूड इतना नुकसानदायक नहीं है। जितना की हाई शुगर प्रोसेस्ड फूड नुकसानदायक है, जिसमें की ज्यादा फ्रुक्टोज होता है और यह फ्रुक्टोज दातों के लिए दिल के और आतों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है तो कम मीठा खाकर ही स्वस्थ रह सकते है ।
कार्यक्रम में प्रोफेसर एसके सिंह कुलपति राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा, डॉ. दिनेश बिड़ला डीन फैकल्टी अफेयर्स, डॉ. रंजन माहेश्वरी, डॉ. अजय बिंदलेश चेयरमैन परीक्षा डॉ विजय गोराना डीन इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंटरेक्शन, डॉ मनीष चतुर्वेदी चेयरमैन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, दिवाकर जोशी, संगीता कौशल असिस्टेंट रजिस्ट्रार एवं प्रोफेसर एसके सिंह इनेबल वॉयस चांसलर आरटीयू कोटा उपस्थित रहे।