सिद्धपीठ श्रीझालरिया मठ डीडवाना के पीठाधीश्वर स्वामी श्री घनश्यामाचार्यजी महाराज तीन दिवसीय प्रवास पर कोटा में
न्यूजवेव @ कोटा
जगदगुरू श्रीरामानुजाचार्य श्रीझालरिया पीठाधीश्वर स्वामी घनश्यामाचार्यजी महाराज ने रविवार को शिक्षा नगरी कोटा में अध्ययनरत देश के हजारों विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कारों से जुडे़ रहने की सीख दी। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के समरस सभागार में निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी, डॉ.बृजेश माहेश्वरी एवं शिक्षकों ने गुरूदेव का पुष्पहार से स्वागत कर आशीर्वाद लिया। डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने ‘परम गुरु राम मिलावन हार…’ गुरुवंदना प्रस्तुत की।
स्वामी घनश्यामाचार्यजी महाराज ने विद्यार्थियों से कहा कि आप कितने ही शिक्षित हो जाओ लेकिन अपने संस्कारों को कभी मत भूलना। डिग्री प्राप्त कर कितनी ही बड़ी कंपनी में उंचे पद को हासिल कर लो लेकिन जीवन में माता-पिता और गुरुजनों का सत्कार करना नहीं भूलें। क्योंकि आप जहां भी हो, उनकी वजह से ही हो।
बडों को प्रणाम करने से मिलती है सकारात्मक उर्जा
महाराज ने कहा कि आप माता-पिता व गुरुजनों को प्रणाम करते हैं तो आशीर्वाद के साथ ही उनके शरीर की सकारात्मक उर्जा भी आपको मिलती है। उनका पुण्य भी आपको मिलेगा। ये संस्कार बचपन से होने चाहिए। इन्हीं संस्कारों की वजह से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेशों मे भी मान-सम्मान मिल रहा है। वे प्रधानमंत्री होकर भी आज भी नित्य अपनी मां को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेते हैं।
सोच-समझकर करें मित्रों का चयन
महाराज ने सचेत किया कि मित्रों का चयन बहुत सोच-समझकर कर करें। बुरी आदतों वाले मित्र बनेंगे तो आप भी उस व्यसन का शिकार हो जाएंगे। पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी से मित्रता है तो आप भी अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। सिद्धपीठ श्रीझालरिया मठ डीडवाना के पीठाधीश्वर स्वामी श्री घनश्यामाचार्यजी महाराज तीन दिवसीय प्रवास पर कोटा में है। वे सोमवार शाम को भक्ति की सबसे बड़ी पाठशाला संस्कार महोत्सव में विद्यार्थियों को आशीर्वचन देंगे।