भक्ति की विराट पाठशाला में मिली संस्कारों की सीख
न्यूजवेव@ कोटा
राष्ट्रीय बाल दिवस पर सोमवार को शिक्षा नगरी कोटा में एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट प्रा.लि. ने विराट संस्कार महोत्सव-2022 आयोजित किया। खास बात यह रही कि कुन्हाडी स्थित बैंचमार्क सिटी के विशाल पांडाल में 40 हजार से अधिक कोचिंग विद्यार्थी भारतीय संस्कृति के रंगो से सराबोर भक्ति की पाठशाला में मधुर भजनों पर मंत्रमुग्ध होकर झूमते रहे।
संस्कार महोत्सव-2022 के साथ दिव्य कल्याणोत्सव होने से विद्यार्थियों में आध्यात्मिक उर्जा का संचार भी हुआ। पांडाल में भजनों की धुन पर भगवान लक्ष्मी-वेंकटेश का कल्याणोत्सव वैष्णव परंपरा के अनुसार मनाया गया। देशभर के लाखों विद्यार्थी इस विराट पाठशाला को लाइव देखते रहे।
धर्म, धैर्य और ध्यान के साथ आगे बढें- घनश्यामाचार्य जी महाराज
श्री झालरिया पीठाधिपति जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्री घनश्यामाचार्यजी महाराज ने कोचिंग विद्यार्थियों को धर्म, धैर्य, ध्यान की सीख दी। उन्होंने कहा कि जीवन में संस्कार ही हैं जो हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमारे चरित्र को निर्मल रखते हैं, हमें कर्तव्यनिष्ठ व जवाबदेह बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा में संस्कारों की कमी होना अच्छी बात नहीं है। हम आज जो सुख भोग रहे हैं, ये हमारे अच्छे कर्म ही हैं।
बगुले की तरह एकाग्र बनें
महाराज ने कहा कि विद्यार्थियों को काग चेष्टा, बको ध्यानम, श्वान निद्रा, अल्पहारी व गृहत्यागी इन पंच लक्षणों पर ध्यान देना होगा। एक विद्यार्थी कौए की तरह चेष्टावान और बगुले की तरह एकाग्र हो। श्वान के समान संतुलित नींद ले, सात्विक आहार ले और घर का मोह त्यागते हुए लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाएं। सात्विक आहार के साथ जो विद्या ग्रहण करते हैं, वही लंबे समय तक आपके पास रहती है। सच्चे मन से दानपुण्य अवश्य करें और इसकी निरन्तरता बनाए रखें, हो सकता है इससे कुछ लाभ नहीं हो रहा हो लेकिन एक दिन इसका पुण्य प्राप्त होगा।
माता-पिता व गुरु को नहीं भूलें
महाराज ने कहा कि आप शिक्षित होकर अपने संस्कारों को कभी नहीं भूलें। कितनी ही बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर चले जाओ लेकिन, अपने माता-पिता व गुरु का सत्कार करना नहीं भूलें, क्योंकि आप जहां भी हो, उनकी वजह से ही हो।यदि आप माता-पिता व गुरुजनों को प्रणाम करते हैं तो उनका आशीर्वाद तो आपको मिलता ही है साथ ही उनके शरीर की सकारात्मक उर्जा भी आपको मिलती है। उनका पुण्य भी आपको मिलेगा। मित्रों का चयन बहुत सोच-समझकर करना होगा। यदि बुरी आदतों वाला विद्यार्थी आपका मित्र बनेगा तो आप भी उस व्यसन का शिकार हो जाएंगे। इसके विपरीत पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी से आपकी मित्रता होगी तो आप भी अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
भक्ति भजनों पर झूमे स्टूडेंट्स
एलन निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी ने गणपति वंदना से महोत्सव की शुरूआत की। निदेशक राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने भजन गायन में साथ दिया। एक के बाद एक भक्ति भजन प्रस्तुत किए, जिन पर विद्यार्थी भावपूर्ण नृत्य करते रहे। झांकियां और आकर्षक नृत्य के बीच खूब पुष्पवर्षा हुई। यहां गाजे-बाजे से पधारो रंग जी आज….., झुक जाओ श्रीरंग जी नाथ झुकनो पड़ सी….., छोटी-छोटी गईया छोटे छोटे ग्वाल….., छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना….. सहित कई भजनों पर विद्यार्थी झूमे।
दिव्य कल्याणोत्सव में बरसे फूल
भगवान वेंकटेश व लक्ष्मी की भव्य सवारी आई और दिव्य कल्याणोत्सव शुरू हुआ। कार्यक्रम में फेकल्टीज अलग अंदाज में वर-वधू पक्ष के रूप में रहे। फेकल्टीज पुरूष परम्परागत वेशभूषा कुर्ते पायजामे व पगड़ी में नजर आए व महिला फेकल्टीज ओढ़नी व साड़ी में नजर आईं। यहां भगवान वेंकटेश और लक्ष्मीजी की भव्य सवारी ’गाजे-बाजे के साथ आई और भक्ति भजन गूंजे। स्वर्ण मंगल गिरी में सुसज्जित भगवत विग्रह, राज्योपचार (छड़ी, छत्र, चंवर, झंडे, शंख, चक्र आदि) से शोभायमान थे। इस पारंपरिक वातावरण में दुल्हे रूप में सजे शंख चक्रधारी भगवान श्रीवेंकटेश की एक झलक देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती रही।