लाइव – एजुकेशन हब में शुरू हुआ ‘कॅरिअर कॉन्क्लेव-2018’। पहले दिन 11 वर्षीय गूगल ब्वाय कौटिल्य से मिले कोचिंग स्टूडेंट्स।
न्यूजवेव@ कोटा
हैप्पीनेस इनिशिएटिव की ओर से आयोजित सबसे बडे़ ‘कॅरिअर कॉन्क्लेव-2018’ का आगाज 11 वर्षीय गूगल वंडर ब्वाय कौटिल्य पंडित ने किया। शुक्रवार सुबह राजीवगंाधी नगर में दो दिवसीय एजुकेशन फेयर के उद्घाटन सत्र में उसने डांस करते हुए बचपन की मस्ती से सबको लुभाया। उसके बाद एक-एक सवाल का धाराप्रवाह अंग्रेजी में जवाब देते हुए उसने स्टूडेंट्स व पेरेंट्स को चकित कर दिया। ‘पॉवर ऑफ माइंड’ को बढ़ाने के लिए उसने कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कुछ नॉलेज मंत्र बताए-
प्र.- पहली नॉलेज कैसे और कहां से मिली?
जवाब- मैं करनाल के छोटे से घर से हूं। दादा जयकृष्ण शर्मा व पिता सतीश शर्मा स्कूल चलाते हैं, उन्होंने 5 साल की उम्र में एक एक्टिविटी में एटलस देकर दुनिया को समझने के लिए कहा। मैने 20 दिन में एटलस को बारीकी से समझा। पहली लर्निंग यहीं से शुरू हुई। 10 वर्ष में मैने इमेजीनेशन को समझा। देश के भविष्य के बारे में सोचने लगा।
प्र.- इस उम्र में मैमोरी कैसे शार्प हो गई?
जवाब- मैं मूडी हूं। हम जो करें, अच्छे मूड से करें। स्टडी एक फन है, यदि फन मानते हुए पढेंगे तो बहुत कुछ अचीव कर सकते हैं। ब्रेन को लर्निंग से शार्प करते रहें। एकाग्रता इतनी हो कि पढ़ते हुए महासागर की तरह गहराई तक जाएं।
प्र.- ग्लैमर में बचपन कहीं गुम तो नहीं हो गया?
जवाब- मैं आज भी दोस्तों के साथ मिट्टी में खेलता हूं। बचपन एक खाली बॉक्स है, हमारी ग्रास्पिंग पॉवर अच्छी होती है। बचपन से जुडे़ रहे तो बहुत कुछ लर्निंग मिलती रहेगी। मैने अपने की गाने पर डांस करना भी शुरू किया।
प्र.- सपने सच करने के लिए क्या करें?
जवाब- ड्रीम हर समय बदलते रहते हैं। मैने आईएएस, इंडियन स्पेस में जाने के सपने देखे। उम्र के साथ सपने चेंज हो जाते हैं। कक्षा-11वीं या 12वीं में अपनी रूचि से कॅरिअर को चुनें। यदि लक्ष्य में आपकी रूचि है तो 50 प्रतिशत मेहनत इच्छाशक्ति से सफल हो जाती है।
प्र.- भविष्य में देश के लिए क्या करेंगे?
जवाब- डॉ. एपीजे कलाम मेरे आदर्श हैं, वे परिवार के लिए नहीं देश के लिए जीए। भारत दुनिया के लिए गेलेक्सी है। हम जो भी अच्छा करेंगे देश के लिए करेंगे।
प्र.- फेवरिट गेम कौनसा है?
जवाब- मैं शुरू से शतरंज खेलता हूं। माइंड व हैल्थ दोनों के लिए गेम्स जरूरी है। इससे लर्निंग बढ़ जाती है।
प्र. पेरेंट्स की मेंटरिंग कैसी हो ?
जवाब- हम सबके भीतर गॉड गिफ्ट छिपी है। ईश्वर की मर्जी से कोई पत्ता भी नहीं हिलता। इसलिए माता-पिता से हमेशा मोटिवेशन लेते रहें, उससे हमारी केपेसिटी दोगुना हो जाएगी।