- टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की सीमा दोगुनी करनेवाला पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी (अमेंडमेंट) बिल संसद से पास हो गया है।
- कानून में संशोधन से 10 लाख रुपये की जगह अब 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी पर टैक्स नहीं देना होगा।
- सरकार को मैटरनिटी लीव की सीमा भी 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करने तक की अनुमति मिल गई है।
न्यूजवेव, नई दिल्ली
संसद ने आज पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी (अमेंडमेंट) बिल पास कर दिया है। पुराने ग्रैच्युटी कानून में संशोधन के बाद अब 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी पर टैक्स फ्री हो गई। पहले यह रकम 10 लाख रुपये थी। संसद से पास संशोधन विधेयक के मुताबिक, अब सरकार इस कानून में संशोधन किए बिना समय-समय पर टैक्स फ्री ग्रैच्यूटी की सीमा बढ़ा सकती है। इसके अलावा, सरकार को महिला कर्मचारियों के मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) के दौरान भी उन्हें नौकरी पर मानने की समयसीमा तय करने की अनुमति मिल गई। अभी 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव तय है। पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी बेनिफिट (अमेंडमेंट) ऐक्ट, 2017 के आलोक में ही ग्रैच्यूटी भुगतान कानून में संशोधन हुआ है। इस संशोधन के मुताबिक, अधिकतम मातृत्व अवकाश बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।
संशोधन का असर
टैक्स फ्री ग्रैच्यूटी की अधिकतम रकम किसी व्यक्ति के पूरे करियर पर लागू होती है। इसका मतलब यह है कि अपने पूरे सर्विस पीरियड में आपको 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्यूटी पर ही टैक्स नहीं देना होगा। इस दौरान चाहे आपने जितनी जगहों पर काम किया हो। 20 लाख रुपये से ज्यादा की ग्रैच्यूटी पर टैक्स देना होगा। अगर एंप्लॉयर को लगे तो वह फॉर्म्यूले पर आधारित ग्रैच्यूटी की रकम से ज्यादा पैसे भी दे सकता है। पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी ऐक्ट, 1972 में ज्यादा ग्रैच्यूटी देने पर कोई रोक नहीं है। कानून में सिर्फ ग्रैच्यूटी की न्यूनतम कर मुक्त रकम तय की जाती है।
किनको होगा फायदा?
टैक्स-फ्री ग्रैच्यूटी की सीमा बढ़ने से ज्यादातर वैसे लोगों को ही फायदा मिलेगा जो मोटा वेतन पाते हैं। ज्यादातर लोगों का मूल वेतन (बेसिक सैलरी) 70,000 रुपये प्रति माह नहीं होगा। हालांकि, जिसने अभी जॉब जॉइन ही किया है या जिन्हें वर्षों तक नौकरी करनी है, उन्हें इस संशोधन का लाभ मिलेगा।
मौजूदा वक्त में 5 या ज्यादा वक्त से फॉर्मल सेक्टर में काम करनेवाले लोग नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के बाद 10 लाख रुपये तक टैक्स फ्री ग्रैच्युटी का लाभ उठा पाएंगे। ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में कार्यरत लोगों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह 20 लाख रुपये की टैक्स फ्री ग्रैच्यूटी का लाभ मिलेगा। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मियों की टैक्स फ्री ग्रैच्यूटी रकम 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये हो चुकी है।
पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 फैक्ट्रियों, खानों, तेल खनन क्षेत्रों, पौधारोपण, बंदरगाह, रेलवे कंपनियों, दुकानों या अन्य संस्थानों में कार्यरत लोगों के लिए लाया गया था। यह कानून 10 या ज्यादा कर्मचारियों वाले किसी संस्थान में लगातार कम-से-कम 5 वर्ष तक कार्यरत रहनेवालों पर लागू होता है।