कोटा में पहली अमेरिकन डॉक स्पाइनल डिकम्प्रेशन मशीन से ले रहे हैं एडवांस थेरेपी
न्यूजवेव @ कोटा
कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में अधिकांश मल्टीनेशनल व आईटी कंपनियां ‘वर्क फ्रॉम होम’ पैटर्न से संचालित हो रही हैं। इनमें जॉब करने वाले प्रोफेशनल युवा अपने घर से लैपटॉप पर 12 से 14 घन्टे ऑफिस वर्क कर रहे हैं।
कोटा से मुम्बई, गुरुग्राम, बेंगलुरु, पुणे, नोएडा, दिल्ली, हैदराबाद आदि बड़े शहरों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रॉडक्ट मैनेजर, आईटी कंसल्टेंट, टेक्निकल असिस्टेंट आदि पदों पर जॉब कर रहे युवा पिछले 6 माह से कोटा में रहकर ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक युवाओं में लगातार लेपटॉप पर काम करने से गर्दन, रीढ़ की हड्डी, सर्वाइकल दर्द, कंधे व मांसपेशियों में असहनीय दर्द जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
मेडिकल कॉलेज कोटा के सामने आरोग्य नगर में ‘RUN AGAIN’ एडवांस्ड फिजियोथेरेपी सेंटर के निदेशक डॉ. नृपराज गोचर ने बताया कि पिछले तीन माह से शहर के कई प्रोफेशनल युवा बॉडी पॉश्चर के कारण असहनीय दर्द की शिकायत लेकर आते हैं।
उन्होंने बताया कि शरीर मे स्पाइन का घुमाव SS आकार में होता है, उसे संतुलित बनाये रखना जरूरी है। चूंकि गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से शरीर को लंबे समय तक नीचे झुकाये रखेंगे तो उसे रोकने के लिए मसल्स पर बहुत दबाव पड़ता है, जिससे वे असामान्य ढंग से कठोर हो जाती है। जिससे ‘मसल्स स्पाज्म’ की समस्या पैदा हो जाती है। कोटा में प्रथम अमेरिकन डॉक स्पाइनल डिकम्प्रेशन मशीन के जरिये डॉ नृपराज गोचर प्रोफेशनल को दर्द निवारक दवाओं के स्थान पर इस अत्याधुनिक मशीन से थेरेपी दे रहे हैं। जिससे डिस्क अंदर जाकर पहले जैसे स्तर पर काम करती है।
इनका कहना है
कोटा के आईआईटीयन अंचित गुप्ता गुरुग्राम में प्रोडक्ट मैनेजर हैं। उनको वर्क फ्रॉम होम के चलते 2 माह से स्पाइन में तेज दर्द होने लगा, इस मशीन पर 15 दिन नियमित थेरेपी लेने से उन्हें दर्द से छुटकारा मिल गया।
ब्यावर से एडवोकेट हेमेंद्रसिंह चौहान (42) को गर्दन में असहनीय दर्द था, दवाइयों से कोई राहत नही मिली। कोटा में इस मशीन का पता चलने पर उन्होंने यहां आकर 12 दिन तक थेरेपी ली। अब स्वस्थ होकर राजसमंद कोर्ट जा रहे हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कवि खंडेलवाल टीचर्स कॉलोनी में वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, सर्वाइकल दर्द से उनको छुट्टियां लेनी पड़ी, लेकिन कोटा में ही एडवांस अमेरिकन स्पाइनल मशीन पर थेरेपी लेने से उनकी दिनचर्या सामान्य हो गई। डॉ गोचर ने बताया कि ऐसे प्रोफेशनल्स को लेजर, शार्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउंड, इंटर फेरेंशियल थेरेपी व स्पाइनल डिकम्प्रेशन थेरेपी से स्थायी आराम मिल रहा है।
यह सावधानी बरतें
- लेपटॉप या कम्प्यूटर स्क्रीन को आई लेवल पर रखें।
- ऑफिस वर्क करते समय कुर्सी पर पीछे तकिया या अन्य सपोर्ट रखें।
- प्रत्येक एक से डेढ़ घन्टे में कुछ देर बाहर टहलें, जिससे मसल्स वार्मअप हो सके।