भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ व ब्रह्मोस एरोस्पेस ने देश की सुरक्षा के लिए रचा नया कीर्तिमान।
न्यूजवेव, नईदिल्ली
राजस्थान की पोकरण परीक्षण रेंज में गुरूवार सुबह 8ः42 बजे भारतीय सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का सफल परीक्षण हुआ। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, डीआरडीओ एवं ब्र्रह्मोस एरोस्पेस के संयुक्त प्रयासों से विकसित यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। यह ध्वनि से लगभग 2.8 गुना तेजी से हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम हैै। भारत दुनिया में पहला देश है, जिसके पास जमीन, समुद्र व हवा से मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने परीक्षण के बाद ट्वीटर पर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए लिखा कि स्वदेशी तकनीक से ब्रह्मोस मिसाइल का पिन पॉइंट एक्यूरेसी से परीक्षण करने पर देश को बहुत गर्व है।
इस मौके पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ एस.क्रिस्टोफर, मिसाइस व स्ट्रेटेजिक सिस्टम के प्रबंध निदेशक डॉ.जी.सथीष रेड्डी एवं ‘ब्रह्मोस’ के प्रबंध निदेशक डॉ.सुधीर मिश्रा सहित वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी एवं वैज्ञानिक मौजूद रहे। प्रोग्राम निदेशक डॉ.दशरथ राम एवं प्रोजेक्ट निदेशक श्रीमती वी.प्रमीलाहू ने भारतीय परीक्षण में अग्रणी भूमिका निभाई।
युद्ध में करीब 290 किमी रेंज तक तेजी से मारक क्षमता रखने वाली इस मिसाइल का निधांरित लक्ष्य तक सफल परीक्षण किया गया। इसका भार करीब 2.5 टन है। भारतीय सेना के साथ डीआरडीओ व ब्रह्मोस के वैज्ञानिकों की टीम ने इस भारतीय परीक्षण को सफल बनाया।
‘ब्र्रह्मोस’ मिसाइल की खास बातें-
– इसका नाम ‘ब्रह्मपुत्र’ नदी व रूस की ‘मस्कवा’ को मिलाकर रखा गया।
– यह कम उंचाई पर उड़ान भरती है, इसलिए राडार की पकड़ मं नहीं आती है।
– यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
– यह मेनुवरेबल मिसाइल है, लक्ष्य अपना ठिकाना बदले तो यह रास्ता बदलने में सक्षम है।