जूनियर अकाउंटेंट एवं टीआरए भर्ती परीक्षा 2013 में अनियमितताओं को लेकर याचिकाकर्ता ने भर्ती परीक्षा निरस्त करने की अपील की थी
न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 2013 में आयोजित जूनियर अकाउंटेंट एवं टीआरए भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मंगलवार को आरपीएससी की ओर से जवाब नहीं दिए जाने पर 1000 रूपए का जुर्माना लगाया।
अधिवक्ता लोकेश कुमार सैनी ने बताया कि बसंत विहार निवासी रक्षित विजय ने आरपीएससी जूनियर एकाउंटेंट व तहसील रेवेन्यू एकाउंटेंट भर्ती परीक्षा, 2013 में अनियमितता का आरोप लगाते हुए आरपीएएसी अध्यक्ष व डीटीए के खिलाफ सिविल न्यायाधीश, दक्षिण में 4 जनवरी 2018 को दावा पेश किया था। इस पर अदालत ने आरपीएएसी को 6 अप्रेल तक जवाब पेश करने के आदेश जारी किये थे। बाद में उक्त अवधि को बढाया भी गया, परन्तु अवधि बढाए जाने के बावजूद भी आरपीएससी द्वारा इस संबंध में कोई प्रत्युत्तर पेश नहीं किया गया। जिसके कारण न्यायालय ने आरपीएससी पर निर्धारित अवधि समाप्त हो जाने पर 1000 रूपये का जुर्माना लगाया।
रक्षित ने बताया कि 2015 में इस परीक्षा में वह भी परीक्षार्थी था लेकिन परीक्षा केन्द्र विशेष पर नकल व पेपर लीक संबंधी मामले के कारण परीक्षा को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। बाद में यह परीक्षा अक्टूबर 2016 को कराई गई। इसमें उसकी तैयारी व पेपर अच्छा होने के बावजूद 7 नवम्बर को जारी रिजल्ट में उन्हें असफल घोषित कर दिया गया।
जानकारी से पता चला कि परीक्षा आयोजन में हर स्तर पर गड़बड़ी हुई है। दावे में कहा कि प्रतिवादीगण इस भर्ती व परीक्षा में अनियमितता व मिलीभगत के कारण इसे स्वतः निरस्त करें या फिर न्यायालय इसे निरस्त कराए। न्यायालय ने आरपीएससी को जवाब नहीं दिए जाने का दोषी मानते हुए एक हजार का जुर्माना लगाया है।