न्यूजवेव @ भोपाल
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) लागू होने के 14 साल बाद देश में चुनींदा सूचना आयुक्त ऐसे भी है जो लीक से हटकर अपना कर्तव्य निभाते हुये आम जनता को काफी राहत दिला रहे हैै। मध्यप्रदेश में राज्य सूचना आयुक्त रहे आत्मदीप ने पद से सेवनिवृत्ति के बाद भी सूचना के अधिकार का लाभ अधिकाधिक लोगों को दिलाने के लिए अपनी निशुल्क सेवाये देना सतत जारी रखा है।
देश के सफलतम सूचना आयुक्तों में शामिल आत्मदीप ने कर्तव्यनिष्ठा का नया अध्याय रच कर अन्य सूचना आयुक्तों के लिए अनुकरणीय मिसाल पेश की है। उन्होंने मप्र के राज्य सूचना आयुक्त के रूप में 2019 तक जनता व शासन के हित में, देश में न केवल अनेक नवाचार किए, बल्कि RTI एक्ट के तहत की जाने वाली अपीलों व शिकायतों के आसान व त्वरित निराकरण का नया ट्रेंड भी सेट किया। सरकारी अधिकारियों और नागरिकों का समय व खर्च बचाने के लिए उन्होंने सूचना आयोग को उसकी चारदीवारी से बाहर निकाल कर जिलों में ले जाने का जतन किया। जिलों में जाकर कैंप कोर्ट लगाएं और जिलों की अपीलों की सुनवाई जिलों में ही करके वही फैसले सुनाने शुरू किए। जिलों में जाकर लोक सूचना अधिकारियों, अपीलीय अधिकारियों व RTI के क्रियान्वयन से जुड़े अन्य लोक सेवकों की कार्यशाला आयोजित कर उनकी व्यावहारिक दिक्कतें सुनीं और उनका निराकरण करते हुए अधिकारियों कर्मचारियों को जनता को जानकारी देने के लिए प्रेरित किया।
शिकायतों व अपीलों की सुनवाई के लिए नागरिकों व अधिकारियों कर्मचारियों को अपना कामकाज छोड़कर अपने गांव या नगर से भोपाल आने जाने की परेशानी ना उठानी पड़े और उनका रोजमर्रा का कामकाज प्रभावित ना हो, इसके लिए आत्मदीप ने मप्र सूचना आयोग में पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी सुनवाई का श्रीगणेश किया। साथ ही देश में पहली बार फोन पर ही सुनवाई कर अपील व शिकायतों का निपटारा करने की नई पहल की।
RTI को सोशल मीडिया से जोड़ा
खास बात यह कि सूचना आयुक्त के रूप में आत्मदीप ने सोशल मीडिया का सदुपयोग करने का आगाज किया। उन्होंने फोन फेसबुक व्हाट्सएप ईमेल मैसेंजर इंस्टाग्राम आदि के जरिए लोगों और अधिकारियों कर्मचारियों के RTI संबंधी सवालों के जवाब देने का और उन्हें मांगा गया परामर्श देने का सिलसिला शुरू किया। सूचना आयुक्त पद पर 5 साल का कार्यकाल सफलता से पूरा करने के बाद आत्मदीप ने यह जनहितकारी सिलसिला अनवरत जारी रखा है। घर बैठे RTI संबंधी जानकारियां मुफ्त में हासिल करने के लिए देश विदेश के हजारों लोग इस सुविधा का लगातार लाभ ले रहे हैं।
एक और नई पहल करते हुए आत्मदीप ने सूचना आयुक्त के रूप में “राइट टू इनफार्मेशन (जर्नलिस्ट)” नाम से फेसबुक पेज भी शुरू किया। इस पेज पर कोई भी नागरिक व अधिकारी कर्मचारी RTI संबंधी कोई भी जानकारी या सलाह निशुल्क प्राप्त कर सकता है। इस फेसबुक पेज को अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों के और भारत के विभिन्न राज्यों के करीब साढ़े तीन हजार लोग नियमित रूप से फॉलो कर रहे हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में यह अनुकरणीय व प्रेरक पहल है जब कोई सूचना आयुक्त सेवानिवृत्त होने के बाद जनहित में अपनी सेवायें नियमित रूप से निशुल्क दे रहे हैं। मिशनरी भावना से जनसेवा की यह अनूठी मिसाल है।