नासा ने नई तकनीक विकसित कर शोर को 70 प्रतिशत तक कम कर दिखाया
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
फ्लाइट का शोर उसमें यात्रा करने वालों या आसपास रहने वालों को परेशान नहीं करेगा। नासा ने अब तकनीक विकासित की है, विमान को लैंडिग और टेकऑफ करने समय होने वाले शोर पर नियंत्रण रहेगा।
नासा ने एकॉस्टिक रिसर्च मेजरमेंट के अंतर्गत एक ऐसी नॉइस रिडक्शन टेक्नोलॉजी का सफल टेस्ट किया है, जो चौकानेवाले परिणाम दे रही है। इस टेक्नोलॉजी द्वारा नासा ने फ्लाइट के इंजन के शोर को 70 प्रतिशत तक कम करने में सफलता हासिल की है।
सामान्यतः किसी हवाईजहाज को टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान एयरपोर्ट और उसके आसपास के कई किलोमीटर के दायरे में बहुत उंचा शोर इंसानों के साथ पशु-पक्षियों को भी बहुत परेशान करता है।
ऐसे काम करती है ये टेक्नोलॉजी
केलिफोर्निया में नासा के आर्मस्ट्रांग फ्लाइट रिसर्च सेंटर में नासा ने हवाई जहाजों के शोर को नियंत्रित करने के लिए एक नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया है। यह टेक्नोलॉजी हवाई जहाज के गैर प्रपल्शन हिस्सों द्वारा पैदा किए गए शोर पर जबरदस्त नियंत्रण कर सकती है।
टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया
ऐसा शोर हवाई जहाज की लैंडिंग के दौरान सबसे ज्यादा महसूस होता है। नासा ने हवाई जहाजों के शोर को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी की इस सीरीज का सफल टेस्ट किया है। जिसमें हवाई जहाज के लैंडिंग गियर के शोर को कम करने के साथ ही लैंडिंग गियर का कैविटी ट्रीटमेंट फ्लेक्सिबल विंग फ्लॉप आदि में कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।
नासा ने नॉइस रिडक्शन टेक्नोलॉजी का यह परीक्षण गल्फ स्ट्रीम थर्ड नाम के एक रिसर्च एयरक्राफ्ट पर किया है और तकनीक का इस्तेमाल करने के बाद हवाई जहाज का शोर 70 प्रतिशत तक कम हो गया।
नासा के एकॉस्टिक रिसर्च मेजरमेंट के प्रोजेक्ट मैनेजर केविन वेइनर्ट का कहना है कि नासा की टेक्नोलॉजी वाकई बहुत ही यादगार साबित होगी और सबसे बड़ी बात यह है कि यह सीधे तौर पर आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाएगी।