महावीर नगर प्रथम के एक मार्ग पर सीसी रोड व नाली निर्माण के टेंडर एक साथ हुये थे। पहले रोड निर्माण कर दिया अब नाली के लिये उसे दोबारा खोद दिया
न्यूजवेव @ कोटा
केडीए द्वारा स्मार्ट सिटी कोटा में सडक व नाली निर्माण के निर्धारित मापदंडों की खुली अवहेलना की जा रही है। ऐसा ही एक मामला महावीर नगर प्रथम में सामने आया है, जहां एक माह पूर्व आवासीय क्षेत्र में नाली निर्माण से पहले ही पूरा सीसी रोड बना दिया गया। जब बरसाती पानी भरने की समस्या आई तो शनिवार को यहां जेसीबी लगाकर महात्मा फूल सामुदायिक भवन से अपेक्स लाईब्रेरी तक नाली को चौड़ा करने के लिए जेसीबी चलाई गई। जिसका नागरिकों ने विरोध किया।
प्रबुद्ध नागरिक संगठनों ने केडीए अधिकारियों से कहा कि वे मौके पर अवलोकन करें और देखें कि स्मार्ट सिटी के शहरी विकास बजट में किस स्तर पर धांधलियां की जा रही है। लाखों की लागत से निर्मित सीसी रोड को मात्र एक माह बाद दोबारा खोदने की अनुमति किसने दी है। केडीए के सेवानिवृत वरिष्ठ अभियंता ने बताया कि दोनों कार्यों की निविदायें एक साथ स्वीकृत होने पर पहले नाली निर्माण करना था, उसके बाद उस पर सीसी रोड बना दिया जाता लेकिन भ्रष्टाचार के खेल में निर्माण कार्य इससे उलटा हो रहा है। जिससे केडीए को दोबारा रोड बनाने में लाखों का नुकसान भुगतना पडेगा।
ओपेरा मेन रोड पर दो माह से खुदाई जारी
शहर में राजीव नगर, इंद्र विहार, तलवंडी के नागरिकों ने बताया कि ओपेरा मार्ग पर तलवंडी से राजीव गांधी नगर सब्जी मंडी तक मुख्य व्यस्त सडक के एक ओर गैस की पाइप लाइन बिछाने के लिये पिछले दो माह से खुदाई चल रही है। इसमें लाइन बिछाकर सिर्फ मिट्टी से ढक दिया गया है, जिससे बरसात में कीचड फैल रहा है। इस खुदाई से मेन रोड पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस क्षेत्र में कोचिंग विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से सडक दुघर्टनायें होने का अंदेशा बना हुआ है। इस कार्य के लिये जिम्मेदार एजेंसी ने सूचना बोर्ड लगाकर जानकारी तक नहीं दी है। मुख्य सडकों पर इस तरह की खुदाई करने की स्वीकृति यदि केडीए ने दी है तो उसका सूचना बोर्ड लगाना चाहिये कि यह कार्य कब पूरा होगा। उल्लेखनीय है कि दो दशक बाद गत वर्ष इस मार्ग पर पक्के डामर रोड का निर्माण किया गया था, जिसे फिर से खुर्दबुर्द कर दिया गया है। नागरिकों ने जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी व केडीए आयुक्त से मांग की कि शहर में मुख्य मार्गां पर निर्माण कार्यों में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों व संवेदकों के बीच समन्वय स्थापित कर निर्धारित समय में कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश प्रदान करें। जिससे केडीए को होने वाला लाखों रूपये का नुकसान बचाया जा सके।