– राज्य सूचना आयोग का महत्वपूर्ण फैसला
– कहा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट तृतीय पक्षकार को नहीं दे सकते, इसमें कोई जनहित नहीं
– पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स के नाम की सूचना भी देने योग्य नहीं
न्यूजवेव @ जयपुर
पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति सूचना के अधिकार के तहत किसी आम आदमी या तृतीय पक्षकार को नहीं मिल सकती। मृतक आनन्दपाल का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम भी आरटीआई के तहत उजागर नहीं किए जा सकते। राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने गत सप्ताह दो अपीलें खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला दिया।
आयुक्त शर्मा ने अपने निर्णय में कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस-न्यायालय-चिकित्सक व मृतक के परिजनों से सम्बन्धित व्यक्तिगत सूचना है तथा व्यापक लोकहित दर्शाए बिना इसकी प्रति किसी अन्य व्यक्ति को सूचना के अधिकार के तहत नहीं दी जा सकती।
आयोग ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स के नाम भी उनकी सुरक्षा को देखते हुए आरटीआई के तहत सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। उल्लेखनीय है कि अनेक आपराधिक मामलों में वांछित गैंगस्टर आनन्दपालसिंह पिछले साल जून में राजस्थान पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था जिसके बाद प्रदेश में बवाल हो गया था।
सी-स्कीम जयपुर निवासी अजीतसिंह ने उपजिला अस्पताल, रतनगढ़ व जिला अस्पताल, चूरू से आनन्दपालसिंह के रतनगढ़ व चूरू में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियां व पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना चाही थी। सूचनाएं नहीं मिलने पर मामला अपील में राज्य सूचना आयोग पहुंचा।
अस्पतालों के लोक सूचना अधिकारियों ने आवेदक को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया था। अपीलार्थी ने कहा कि आनन्दपाल के एनकाउंटर के बाद देशभर में बवाल हुआ है इसलिए जनहित में उसे सूचना दिलाई जाए। आयोग ने अपीलार्थी का तर्क नहीं माना और दोनों अपीलें खारिज कर दीं।
निर्णय में सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट कानून लागू करने वाली एजेंसियों पुलिस-अदालतों से संरक्षित है और व्यक्तिगत सूचना है जो केवल मृतक के परिजनों को दी जा सकती है।
मृतक आनन्दपाल की पत्नी श्रीमती राजकंवर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति दे दी गई और अपीलार्थी यह साबित करने में विफल रहा है कि इस मामले में कोई जनहित है। बिना व्यापक जनहित के किसी अन्य व्यक्ति को किसी की व्यक्तिगत सूचनाएं नहीं दी जा सकती।
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आयोग ने अपने फैसले में यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना भी उनके प्रति विश्वास तथा उनके जीवन व शारीरिक सुरक्षा के मद्देनजर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 1 ई एवं 8 1 जी के तहत नहीं दी जा सकती। रतनगढ़ उप जिला अस्पताल द्वारा सूचना आवेदक को चिकित्सकों के नाम की सूचना नहीं दी लेकिन चूरू जिला अस्पताल ने आवेदक को चिकित्सकों के नाम बता दिए।
आयोग ने फैसले में चूरू जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को हिदायत दी कि वे भविष्य में ऐसी सूचना देने के प्रति सावधानी बरतें।