– जनवरी में 8.69 लाख परीक्षार्थियों की तुलना में सितंबर में सिर्फ 6.35 लाख ने दी जेईई-मेन परीक्षा
– कोरोना महामारी के कारण 25 प्रतिशत विद्यार्थी रहे अनुपस्थित
नईदिल्ली/कोटा
वर्ष में दो बार होेने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन,2020 के लिये 1 से 6 सितंबर तक सिर्फ 6.35,000 परीक्षार्थी ही पेपर देने पहंुच सके। जबकि इस परीक्षा के लिये 8.58 लाख विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया था। यह पहला मौका है जब जेईई-मेन परीक्षा में 2.25 लाख (25 फीसदी) विद्यर्थियों की अनुपस्थिति दर्ज की गई है। शुक्रवार 11 सितंबर को जेईई-मेन का रिजल्ट घोषित होगा। जिसमें दोनों अवसरों के स्कोर के आधार पर ऑल इडिया मेरिट सूची भी जारी की जायेगी। जेईई-मेन में चयनित परीक्षार्थियों में से शीर्ष 2.50 लाख स्टूडेंट्स जेईई-एडवांस्ड के लिये क्वालिफाई होंगे। जेईई-एडवांस्ड परीक्षा 27 सितंबर को आयोजित होगी।
याद दिला दें कि जेईई-मेन के जनवरी अटैम्प्ट में 9,21,261 पंजीकृत परीक्षार्थियो में से 8,69,010 परीक्षा दी थी। पहले चरण में कुल 52,251 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे थे। लेकिन दूसरे चरण में कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के चलते जनवरी की तुलना में सितंबर में 2.34 लाख विद्यार्थियों की कमी दर्ज की गई।
इससे स्पष्ट है कि कई विद्यार्थी अपने जनवरी के स्कोर के आधार पर एडमिशन लेंगे। जनवरी में कुल 9 विद्यार्थियों ने 100 एनटीए स्कोर अर्जित किया था। जिसमें राजस्थान से दो टॉपर्स अखिल जैन व पार्थ द्विवेदी ने 100 स्कोर अर्जित किया था। एनआईटी, त्रिपल आईटी व केंद्र वित्त पोषित संस्थानों में प्रतिवर्ष बीटेक सीटों की वृद्धि होने के बावजूद जेईई-मेन में परीक्षार्थियों की संख्या प्रतिवर्ष कम होना इंजीनियरिंग डिग्री में घटने रूझान को इंगित करती है।
कोरोना कहर से 2.25 लाख स्टूडेंट्स नहीं दे सके जेईई-मेन परीक्षा
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