Friday, 4 October, 2024

देश के सभी विश्वविद्यालय आसपास के गांवों को गोद लेकर विकास करें

शोध रिपोर्ट : राजस्थान व हरियाणा के 10 विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिये 26 गांवों का सर्वे किया। कोटा यूनिवर्सिटी में एचओडी डॉ मीनू माहेश्वरी की शोध प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्वीकार।
न्यूजवेव@ कोटा

देश के सभी विश्वविद्यालय कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के तहत अपने आसपास के कुछ गांवों को गोद लेकर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब व्यक्ति तक पहुंचायें। इस विषय पर कोटा विश्वविद्यालय द्वारा राजस्थान व हरियाणा की 10 यूनिवर्सिटी द्वारा गोद लिये 26 गांवों को सर्वे कर एक शोध रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे भारत सरकार के महात्मा गांधी नेशनल कौंसिल ऑफ रूरल एजुकेशन द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
कोटा विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की एचओडी सीएमए डॉ. मीनू माहेश्वरी ने बताया कि उन्हें महात्मा गांधी नेशनल कौंसिल ऑफ रूरल एजुकेशन द्वारा ‘कैंपस इंगेजमेंट इन रूरल कम्युनिटी डेवलपमेंट, अपराइजिंग इंस्टीट्यूशनल सोशल रिस्पांसिबिलिटी आउटरीच प्रोग्राम ऑफ स्टेट यूनिवर्सिटीज ऑफ राजस्थान एंड हरियाणा‘ विषय पर मेजर प्रोजेक्ट दिया गया था। प्रदेश के राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयो को निर्देश दिये थे कि वे सीएसआर के तहत आसपास के गांव गोद लेकर सर्वागीण विकास करने की भूमिका निभायें।
दो राज्यों के 26 गांवों में किया शोध कार्य
इस शोध कार्य में राजस्थान एवं हरियाणा से 5-5 विश्वविद्यालय को शामिल किया गया। इनमें राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, आरटीयू कोटा, वीएमओयू कोटा, सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, राजस्थान हेल्थ यूनिवर्सिटी जयपुर तथा हरियाणा से एमडीयू रोहतक, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी, जेसी बोस वाईएमसीए फरीदाबाद, भगत फूल सिंह यूनिवर्सिटी सोनीपत द्वारा गोद लिये गांवों में व्यापक सर्वे किया गया।
डॉ.माहेश्वरी ने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांवांे में कार्य कर रहे नोडल अधिकारी, शिक्षक, रजिस्ट्रार, विद्यार्थियों तथा ग्रामीणों से प्रश्नावलियों, अवलोकन व व्यक्तिगत वार्तालाप कर विभिन्न जानकारियां प्राप्त की गई। इस प्रोजेक्ट में चार तरह की प्रश्नावलियां व अनुसूचियां तैयार की गई। प्रोजेक्ट में सभी 10 विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, नोडल अधिकारी से विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यों से संबंधित जानकारी एकत्रित की गई। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा जिन शिक्षकों को इसका दायित्व सौंपा गया ऐसे 72 शिक्षकों से प्रश्नावली द्वारा जानकारी ली गई।
इस शोध कार्य में दोनों राज्यों के 10 विश्वविद्यालय के 26 गोद लिए गांवों का दौरा कर गांवों के 750 निवासियों से सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यों की पूछताछ कर जानकारी एकत्र की गई। शोध में एनएसएस, यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम, उन्नत भारत अभियान आदि में कार्य कर रहे 305 विद्यार्थियों को शामिल कर उनके फीडबेक को भी शामिल किया गया। शोध कार्य में ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट व यूनेस्को वेबसाइट से भी जानकारियां ली गई। इस प्रोजेक्ट में अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ की वाणिज्य विभाग की डॉक्टर शोभना गोयल ने प्रोजेक्ट निर्देशक के रूप में कार्य किया तथा प्रियंका दहिया ने डाटा संकलन में सहयोग किया।

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