न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में महान सिविल इंजीनियर भारत रत्न डॉक्टर मोक्षगुण्डम विश्वेशवारिया की याद में ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से इंजीनियर दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने इंजीनियरों को बधाई दी और कहा कि विश्वेश्वरैया को देश की प्रगति में उनके बेजोड़ योगदान के लिए हमेशा याद किया जायेगा । इस कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘आत्मनिर्भर भारत में अभियंताओं की भूमिका’ थी।
इस अवसर पर प्रो. जी.एल.असावा, विश्वविद्यालय विभाग के बोम अध्यक्ष, प्रो. एस पी गुप्ता, पूर्व उप निदेशक, आईआईटी रुड़की, प्रो. एम सी गोविल, निदेशक, एनआईटी सिक्किम, इंजीनियर अजय सक्सेना, मुख्य अभियंता, कोटा थर्मल पॉवेर स्टेशन और इंजीनियर अनिल जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीएचईडी अजमेर मुख्य वक्ताओं के रूप में उपस्थित रहे । कुलपति प्रो. आर ए गुप्ता तथा डीन प्रो.अनिल के.माथुर ने सभी का स्वागत किया ।
कुलपति प्रो. आर ए गुप्ता ने कहा कि भारत के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका है। सभी प्राध्यापकों को तकनीकी शिक्षा संस्थानों के छात्रों के कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। सरकार ने नई शिक्षा नीति की शुरुआत की है ताकि नई चुनौतियों का सामना किया जा सके और भारत दुनिया में अधिक मजबूत हो सके। नई शिक्षा नीति निरंतर सीखने, बहु प्रविष्टि और बहु निकास विकल्प के साथ अपनी गति से सीखने और समाज के लिए ज्ञान को उपयोग करने पर बल देती है।
प्रो.अनिल के माथुर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में इंजीनियर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यदि हमारे गाँव आत्मनिर्भर हैं, तो भारत स्वतः आत्मनिर्भर है। आज के परिप्रेक्ष में विश्व में विनिर्माण क्षेत्र में अवसर हैं। गांवों में न केवल कृषि का केंद्र बनने की क्षमता है, बल्कि विनिर्माण के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने की क्षमता है।
भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का रोड मैप
प्रो. जीएल असावा ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का रोड मैप साझा किया। साथ ही उन्होंने संस्थान में आने वाले नए संकाय सदस्य के विकास के लिए प्रोग्राम बनाने का सुझाव दिया जिससे कि वह छात्रों से तथा समाज से अधिक अच्छे से जुड़ सकें। प्रो. एसपी गुप्ता ने महान इंजीनियर विश्वेश्वरैया के जीवन के अनछुए पहलुओं को समझाया और बताया कि कैसे उन्होंने राज्य के विकास में योगदान दिया। प्रो.गुप्ता ने इंडस्ट्री-इंस्टिट्यूट गठजोड़ पर जोर दिया और कहा कि प्रत्येक इंस्टिट्यूट में इंडस्ट्री द्वारा स्टार्टअप सेल और इनोवेशन सेंटर खोला जाना चाहिए।
फील्ड डाटा से हो नई रिसर्च
इंजीनियर अनिल जैन ने कहा कि तकनीक का उपयोग करते हुए पुराने सिस्टम के उन्नयन के लिए किया जाना चाहिए। नई तकनीक पुराने सिस्टम को सुधारने के लिए उपयोग में लेनी चाहिए। उन्होंने विचार दिया कि विभिन्न मंत्रालयों में उपलब्ध डाटा को तकनीकी संस्थानों के साथ शेयर करना चाहिए जिससे फील्ड डाटा को उपयोग में ले कर नई रिसर्च की जा सके। इस अवसर पर एनआईटी सिक्किम के डायरेक्टर प्रोफेसर एमसी गोविल ने कहा कि भारत में योजना क्रियान्वयन मैं बहुत खामियां रहती हैं। हमें तेजी से कार्य करने की पद्धति को अपनाने की जरूरत है। संस्थानों में प्राध्यापकों की कमी दूर करने की आवश्यकता है। सभी अध्यापकों को उद्योगों के साथ जोड़कर ट्रेनिंग देनी चाहिए और उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में काम करने का अनुभव देना चाहिए।
इनोवेटिव आइडिया एवं कटिंग एज टेक्नोलॉजी अपनायें
कोटा सुपर थर्मल पावर के चीफ इंजीनियर अजय सक्सेना ने एप्लाइड रिसर्च पर जोर दिया और कहा कि हमें इनोवेटिव आइडियाज एवं कटिंग एज टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनाना है तो देश में दक्ष एवं क्षमतावान लोगों की कमी दूर करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में संसाधन उपलब्ध है, उनके समुचित उपयोग की आवश्यकता है।
अंत में प्रोफ़ेसर अनिल के माथुर ने कार्यक्रम सयोजक प्रो.के एस ग्रोवर तथा प्रो. प्रवीण कुमार सहित सभी प्राध्यापकों, अभियंताओं तथा छात्रों का धन्यवाद् ज्ञापित किया।