- ब्लॉकचेन ऑफ लैंड ऑपरेशन (BOLO) के जरिये भूमि के सही विक्रय एवं उपयोग को विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
- देश में कृषि संबंधी आर्थिक सुधार के लिए यह एक नया मिशन है।
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
भू-संपदा के मामले के भारत दुनिया में सबसे समृद्ध देशों की सूची में है। भूमि ऐसी मौलिक संपत्ति है जिससे देश की अर्थव्यवस्था संचालित हो रही है। इसके उपयोग का कुशल प्रबंधन करके कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। हाल ही में राष्ट्रीय संगठन ‘क्यूरेस’ ने ब्लॉकचेन से भूमि उपयोग करने के संबंध में नई टेक्नोलॉजी पर आधारित रिसर्च ‘BOLO’ प्रस्तुत किया है।
क्वांटम रिसर्च एंड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (QRACE) के निदेशक व टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर डॉ.कुमार गौतम ने ऑनलाइन वेबिनार में कहा कि ब्लॉकचेन नेटवर्क पर क्वांटम कम्प्यूटर की छाया से भविष्य का खतरा उभरकर सामने आ रहा है। केंद्र सरकार क्वांटम कम्प्यूटिंग को तेजी से लागू करने के पक्ष में है। उनकी टीम ने दो वर्ष पूर्व 2018 में भविष्य के खतरे से आगाह करते हुये एजुमॉंक फाउंडेशन (EDUMONK) एवं वर्ल्ड रिसर्च एसोसिएशन के साथ मिलकर क्वांटम ब्लॉकचेन लेजर पर शोध पत्र प्रस्तुत किया है। देश में ब्लॉकचेन की तुलना आईफोन से की जा सकती है। इसके जरिये व्यावसायिक पादर्शिता से हमें रोजमर्रा की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव देखेंगे। भूमि के ब्लॉकचेन ऑफ लैंड ऑपरेशन (BOLO) से देश में भू उपयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार, मानवीय भूलें व बढ़ते हस्तक्षेप को रोका जा सकता है।
क्यूरेस ब्लॉकचेन डिविजन के निदेशक व आर्किटेक्ट मनीष पटेल का कहना है कि पूरे ग्रह का शासन संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों पर ‘नया वैश्विक आदेश’ स्थापित करने के उदेद्श्य से एक विकासवादी दौर से गुजर रहा है। सतत विकास लक्ष्य-2030 ( SDP) अर्जित करने के लिये हमें मिलकर कार्य करने होंगे। पटेल ने ’मैसेंजर ऑफ नेचर (सस्टेनेबल लिविंग मैगजीन), एजुमॉंक फाउंडेशन जैसे संगठनों के साथ मिलकर इंटरनेशनल रिसर्च किये हैं।
भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी रोकना जरूरी
उन्होने कहा कि भूमि रजिस्ट्री के मामले में सिस्टम पर भरोसा करने के लिए बहुत से मध्यस्थ शामिल होते हैं। जब आपके पास संपत्ति का एक टुकड़ा होता है, तो ट्रैकिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। आपके पास बनाए रखने के लिए कई भूमि रिकॉर्ड होते हैं। भूमि के उपयोग में कागजी कार्रवाई जैसे- नकली टाइटल, जाली दस्तावेज और रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के बाद विवादित स्थितियां पैदा कर विभिन्न पक्षों के बीच महंगी अदालती लड़ाई लड़ी जा रही है। ऐसे हालात में ब्लॉकचेन की पारदर्शी प्रकृति से यह पता लगाना संभव है कि संपत्ति कैसे, क्यों व किसके द्वारा हस्तांतरित हुई है। ब्लॉकचेन की अपरिवर्तनीय, सुनने व ट्रेस करने योग्य खूबियां सभी देशों की सरकारों को भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया में विकेंद्रीकृत टेक्नोलॉजी को लागू करने के लिए लुभा रही हैं।
ये हैं ब्लॉकचेन (BOLO) के अहम पहलू
1. भूमि रजिस्ट्री की चुनौतियां
भारत में भूमि की खरीद-फरोख्त में बिचौलियों और दलालों की भूमिका सबसे अहम होती है। भूमि की दलाली एक बडे प्रापर्टी व्यवसाय का रूप ले चुकी है। क्योंकि वे भूमि के बदलते मार्केट रेट के बारे में अधिक जानते हैं। खरीदार हो या विक्रेता सामन्यतः अपने हित में निर्णय लेने के लिये बिचौलियों को कॉल करना पसंद करते हैं। नतीजतन, खरीददार बाजार की गहरी समझ लेकर भूमि की लेनदेन के लिए न्यूनतम अधिकतम कीमतों की पहचान करते हैं। बिचौलिए तीसरे पक्ष के रूप में दस्तावेजों की आवश्यक जानकारी इकट्ठा करते हैं, उनमें त्रुटियों की पहचान करते हैं, व्याख्या करते हैं और अचल संपत्ति लेनदेन की राह को सरल कर देते हैं। चूंकि पैतृक अचल संपत्ति एक बड़ा व्यवसाय है, जिसमें कई खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें दलाल, उधार देने वाले साहूकार या बैंक, मध्यस्थ और राजस्व के लिये स्थानीय निकाय व सरकारें प्रमुख हैं। इन अतिरिक्त लागतों से समूचा परिस्थितिकी तंत्र महंगा हो जाता है।
2.धोखाधड़ी के बढ़ते मामले
एक संपत्ति के विक्रेता बनकर एक से अधिक लोग सामने आ जाते हैं। इनमें से कई जारी दस्तावेज बनाकर उस संपत्ति को बेचकर अवैधानिक रूप से धन कमाने की कोशिश करते हैं। शहरों में वर्षों पुरानी कृषि योग्य भूमि को कॉलोनी के रूप में रिहायशी अथवा व्यावसायिक उपयोग के लिये बेचने की परंपरा तेजी से चलन में है। बिचौलिये उस भूमि के रूपांरतण करवाने की जिम्मेदारी लेकर पैसा कमाते हैं।
यदि एक विक्रेता संपत्ति के कथित मालिक के रूप में सामने आता है तो वह धन के साथ भागने के बाद पूरी राशि प्राप्त कर लेते हैं। कई मामलों में यह सामने आया कि विक्रेता और खरीदार दोनों धोखाधड़ी से अनजान थे क्योंकि उन्होने जमीन रजिस्ट्री के बारे में स्पॉट चेकिंग ही नहीं की। केवल दस्तावेज देखकर लेनदेन कर ली।
3.टाइटल डीड में समय की देरी
भूमि रजिस्ट्री में शीर्षक पंजीकरण (टाइटल डीड ) पूरा करने में काफी लंबा समय लगता है। इस लंबे अंतराल के दौरान कोई कानूनी समस्या भी पैदा हो जाती है। जैसे-यदि संपत्ति बेचने के लिए पट्टे को तोड़ने के लिए मकान मालिक के नोटिस की तामील करनी हो तो क्या होगा। ऐसे मामलों में पूरी प्रक्रिया में दलाल अनावश्यक देरी करके खरीददारों से धन कमाते हैं। समय की देरी भी भ्रष्टाचार का ही नमूना है।
4.मानवीय भूल या हस्तक्षेप
वर्तमान में, भूमि रजिस्ट्री के रिकॉर्ड अपडेट मैन्युअल से किए जाते हैं। इन परिवर्तनों की विश्वसनीयता किसी विशेष व्यक्ति पर निर्भर करती है। इसका आशय है कि भूमि रजिस्ट्री मानव त्रुटियों के लिए अधिक असुरक्षित है। इस हस्तक्षेप से भूमि रजिस्ट्री प्रणाली में त्रुटियों की संभावना बढ़ सकती है।