कोटा यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 56 पीएचडी उपाधि, 1 चांसलर मेडल, 2 कुलपति पदक एवं 50 गोल्ड मेडल प्रदान किये
न्यूजवेव@ कोटा
‘राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी गंभीर चिंता का विषय हैं। कुछ यूनिवर्सिटी में यूजीसी के मापदंडों के अनुसार पद स्वीकृत नहीं है। जहां टीचिंग स्टाफ के पद स्वीकृत है, वहां पदों को भरे जाने के आदेशों की प्रतीक्षा में लम्बा समय बीत रहा है। पदों की भर्ती करते समय शिकायतों एवं अन्य मामलों में स्थगन आदेश की वजह से भर्तियां अटकी हुई हैं। ऐसे में अच्छे टीचर्स के अभाव में विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देना चुनौती है।’
यह कहना है कोटा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं महामहिम राज्यपाल श्री कल्याण सिंह का। बुधवार को कोटा यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी होने से विश्वविद्यालयों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। लेकिन विकल्प से मौलिकता की भरपाई नहीं की जा सकती। आज स्थिति यह है कि कोटा यूनिवर्सिटी टाॅप-200 संस्थानों की सूची से बाहर हो गई है। इसका मुख्य स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति रहा है।
राज्य की विभिन्न यूनिवर्सिटी में सेवाएं दे रहे कुलपति से उन्होंने कहा कि इस बाधा को दूर करने के लिए ईमानदारी, निष्पक्षता और पारदर्शिता से जुट जाएं। रिक्त पदों पर भर्ती करने का टाइम टेबल तैयार करें, फिर कठोरता से अनुपालना करें। उन्होंने कहा कि भर्तियों में निष्पक्षता हो। मेरिट में कोई समझौता नहीं करें। देषहित व छात्रहित को आगे रखें। दीक्षार्थियों से कहा कि वे स्किल डेवलपमेंट से स्वरोजगार अपनाएं।
56 को पीएचडी उपाधि व 50 को गोल्ड मेडल मिले
कोटा यूनिवर्सिटी के पांचवे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 56 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधियां, 1 चांसलर मेडल, 2 कुलपति पदक एवं 50 गोल्ड मेडल प्रदान किये। राज्यपाल ने छात्रों के मुकाबले छात्राओं द्वारा ज्यादा गोल्ड मेडल एवं डिग्रीयां अर्जित करने पर छात्राओं की प्रंशसा की। इस वर्ष कुल 19,251 पीजी डिग्रीयां एवं 34,261 यूजी डिग्रीयों विद्यार्थियों को भेजी जाएंगी।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोटा यूनिवर्सिटी में विभिन्न शोध पीठ की स्थापना करने से युवाओं को लाभ मिला। भविष्य में यूनिवर्सिटी नई बुलंदियों तक पहंुचे, इसके लिए कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं। समारोह में राज्यपाल के ओएसडी अजय शंकर पांडेय, महापौर महेश विजय, यूआईटी चेयरमैन आरके मेहता, अतिरिक्त कलक्टर शहर बीएल मीणा सहित जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया।
विधायिका में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिले
राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी द्वारा गांव गोद लेकर स्मार्ट विलेज बनाने के कंसेप्ट की प्रंशसा की। उन्होंने कहा कि बेटे-बेटियों को समान मानकर बेटी बचाओ-बेटी पढाओं के संदेश को सबसे आगे रखना होगा। विधायिका में भी जब 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण मिलेगा, लोकतंत्र सुदृढ़ हो जाएगा।
दीक्षांत समारोह की शुरूआत में राज्यपाल पारंपरिक शोभायात्रा के साथ मंच पर पहुंचे। उन्होंने द्वीप प्रज्जवलन कर समारोह का श्रीगणेश किया। उन्होने मेजर ध्यानचंद खेल संकुल व संत पीपा छात्रावास का डिजिटल लोकार्पण एवं ग्राम डूंगरज्या में हुये विकास कार्य पुस्तक का विमोचन किया।