Friday, 3 May, 2024

माँ मजदूरी करती रही, बेटा बन गया विधायक

लोकतंत्र की सुखद तस्वीर, रतलाम की सैलाना सीट से विधायक बने मजदूर परिवार के कमलेश्वर डोडीयार 
न्यूजवेव @रतलाम
आमचुनाव में हार जीत तो होती रहती है। हर सीट पर कई नेता हारते हैं तो एक कोई जीतता है। लेकिन जब कोई ऐसा उम्मीदवार जीत कर आ जाये है जो कि असंभव सा हो या अप्रत्याशित हो तो लगता है कि देश में लोकतंत्र वाकई आज भी जिंदा है। मध्यप्रदेश में ऐसे ही एक अप्रत्याशित शख्स चुनाव जीतकर आए है- कमलेश्वर डोडीयार।
एक मजदूर मां के बेटे कमलेश्वर डोडियार पिछले कई सालों से आदिवासियों के मुद्दे पर निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। जनता के आग्रह पर उन्होंने भी भारत आदिवासी पार्टी से पर्चा दाखिल कर दिया। लेकिन चुनाव प्रचार पर अधिक राशि खर्च नहीं कर सके। क्षेत्र की जनता उनसे पहले से रूबरू थी। 3 दिसंबर को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे, तब उनकी मां सीताबाई मजदूरी के लिए गई हुई थी। सबको यह जानकार आश्चर्य हुआ के रतलाम की सैलाना सीट से एक मजदूर परिवार का बेटा जीत कर विधायक बन गया है।
झाैंपड़ी में रहते है
मतगणना के दौरान जैसे-जैसे जीत का अंतर बढ़ता गया वहां मौजूद लोग उन्हें जीत की बधाई देते रहे, लेकिन हार-जीत से बेखबर मां सीताबाई मजदूरी में व्यस्त रहीं। सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के 33 वर्षीय कमलेश्वर डोडियार ने जीत का परचम फहराकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने 4,618 मतों से जीत हासिल की है। वे मजदूर परिवार में पले-बढ़े और झोपड़ी से निकले हैं। बारिश में उस पर तिरपाल डालकर पानी से बचकर अपना काम चलाते है।
12 लाख कर्ज लेकर चुनाव लड़ा
चुनाव खर्च कैसे और कहां से किया। इस बारे में पूछा तो बताया कि कमलेश्वर ने 12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट। भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं। इस सीट पर मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 90.08 प्रतिशत मतदान हुआ था। मानो क्षेत्र की सारी जनता उसे अपना विधायक बनाना चाहती हो। यह सपना सच भी हो गया।

(Visited 243 times, 1 visits today)

Check Also

PW द्वारा कोटा में पहला विद्यापीठ रेजीडेंशियल प्रोग्राम (VP RP) प्रारंभ

 अच्छी खबर- फिजिक्स वाला ने भारत में 18 नए रेजीडेंशियल सेंटर (VP RP) लॉन्च किये …

error: Content is protected !!