Friday, 26 December, 2025

9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ की किसान सम्मान निधी जमा

गुड गवर्नेंस डे: अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंति पर प्रधानमंत्री का किसानों से सीधा संवाद
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को देश के किसानों से लाइव संवाद किया। उन्होंने कहा कि आज 25 दिसंबर को देश के 9 करोड किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि के रूप में 18 हजार करोड रूपये की किस्त राशि जारी की गई है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन कई अवसरों का संगम है। आज क्रिसमस है, मोक्षदा एकादशी है, गीता जयंति है। साथ ही, भारत रत्न मदनमोहन मालवीय की जयंति एवं महान कर्मयोगी व हमारे प्रेरणा पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंति है। उनकी स्मृति में देश ‘गुड गवर्नेंस डे’ मना रहा है।  गीता में कहा है-‘स्वे स्वे कर्मणि अभिरतः संसिद्धिम् लभते नरः’ यानि जो अपने स्वाभाविक कर्मों को तत्परता से करता है, उसे सिद्धि मिलती है। अटलजी ने पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति कर्म को पूरी निष्ठा से समर्पित कर दिया। सुशासन, गुड गवर्नेंस को अटलजी ने भारत के राजनीति और सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनाया। गांव और गरीब का विकास अटलजी की सर्वोच्च प्राथमिकता रहे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, अंत्योदय योजना, सर्व शिक्षा अभियान जैसे सार्थक बदलाव लाने वाले कदम अटलजी ने उठाए। आज जिन कृषि सुधारों को देश ने जमीन पर उतारा है, उनके सूत्रधार अटल बिहारी वाजपेयी थे।
अब कमीशन, कट या हेराफेरी बंद होगी


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक कम्प्यूटर के क्लिक से 18 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम उनके किसानों के बैंक के खाते में जमा हो गए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख, 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं और यही तो गुड गवर्नेंस है। यही तो गुड गवर्नेंस टेक्नोलॉजी के द्वारा उपयोग किया गया है। कोई कमीशन नहीं, कोई कट नहीं, कोई हेराफेरी नहीं।
उन्होंने कहा कि 2014 से हमारी सरकार ने नई एप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। हमने देश के किसान की छोटी-छोटी दिक्कतों और कृषि के आधुनिकीकरण, उसे भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने पर एक साथ ध्यान दिया। हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों का खेती पर होने वाला खर्च कम हो। सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों की संख्या में सोलर पंप, ये सब योजनाएं उठाई। आज देश के करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।
1000 कृषि मंडियों को ऑनलाइन किया


हमारी सरकार ने प्रयास किया कि किसान को फसल की उचित कीमत मिले। लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर एमएसपी मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई। आज किसानों की जेब में एमएसपी का रिकॉर्ड पैसा पहुंच रहा है। ये जितने लोग आंदोलन चला रहे हैं, ये सरकार के हिस्सेदार थे, समर्थन करते थे और यही लोग स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के ऊपर बैठ गये थे। हमने किसानांे के हित में इनको बाहर निकाला है। हमारी सोच रही कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि उसको विकल्प मिलना चाहिए, बाजार मिलना चाहिए। हमने देश की 1000 से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किसानों ने कर दिया है। किसानों ने ऑनलाईन बेचना शुरू किया है।
हम चाहते हैं कि छोटे किसानों के समूह बनें ताकि वो अपने क्षेत्र में एक सामूहिक ताकत बनकर काम कर सकें। आज देश में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ- एफपीओ बनाने का अभियान चल रहा है, उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है।
गांव के पास फसलों का स्टोरेज हो


मोदी ने कहा कि गांव के पास ही भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की आधुनिक सुविधा कम कीमत पर किसानों को उपलब्ध हो। सरकार ने इसे भी प्राथमिकता दी। आज देशभर में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क विकसित करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए का निवेश कर रही है। सरकार मछलीपालन, पशुपालन, डेयरी उद्योग, मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित कर रही है। देश के बैंकों का पैसा देश के किसानों के काम आए। 2014 में जहां 7 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान था, उसे अब 14 लाख करोड़ रुपए, यानि दोगुना किया गया है ताकि किसान को कर्ज मिल सके। बीते कुछ महीनों से करीब ढाई करोड़ छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है और अभियान तेजी से चल रहा है। हम मछली पालकों, पशुपालकों उनको भी किसान क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं, ये लाभ उनको भी अब दिया जा रहा है बीते वर्षों में देश में अनेक नए कृषि संस्थान बने हैं, कृषि की पढ़ाई की सीटें बढ़ी हैं।
छोटे किसानों के लिये कई योजनायें लागू
आज देश के छोटे और सीमांत किसान को अपना पक्का घर, शौचालय, साफ पानी का नल मिल रहा है। किसान को बिजली के मुफ्त कनेक्शन, गैस के मुफ्त कनेक्शन का बड़ा लाभ हुआ है। हर साल आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ने छोटे किसान के जीवन की बहुत बड़ी चिंता कम की है। 90 पैसे प्रतिदिन यानि एक चाय से भी कम कीमत और 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर बीमा, किसानों के जीवन में बहुत बड़ी ताकत है। 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हजार रुपए मासिक पेंशन, ये सुरक्षा कवच भी आज किसान के पास है।
मंडियों में प्रतिस्पर्धा बढेगी तो किसान को फायदा


प्रधानमंत्री ने कहा कि अब गांव में किसानों को, उनके मकान का, जमीन का नक्शा और कानूनी दस्तावेज दिया जा रहा है। टेक्नोलॉजी की मदद से स्वामित्व योजना के बाद अब गांव के किसान को भी जमीन और घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलना आसान हुआ है। पहले मंडी में बेहतर दाम नहीं मिलते थे या उपज को दोयम दर्जे का बताकर खरीदने से इनकार कर दिया जाता था तो किसान मजबूरी में औने पौने दामों पर उपज बेच देता था। अब कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं।
अब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेच सकते हैं। मंडी में उपज बेच सकते हैं। निर्यात कर सकते हैं। व्यापारी को बेच सकते हैं। उपज दूसरे राज्य में बेच सकते हैं। पूरे गांव के किसानों को एफपीओ के माध्यम से पूरी उपज को एक साथ बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बना सकते हैं। देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे हें तो इसमें गलत क्या है?
मोदी ने कहा कि आज नए कृषि सुधारों के बारे में झूठ फैलाए जा रहे हैं। वास्तविकता तो ये है कि बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार ने उपज की रिकार्ड खरीदी की है, वो भी नए कानून बनने के बाद। इन कृषि सुधारों से सरकार ने एग्रीमेंट फार्मिंग की जिम्मेदारी ली है। कुछ राज्यों पंजाब आदि में ये कानून बरसों से हैं। वहां निजी कम्पनियां खेती कर रही है। पहले समझौता तोड़ने पर किसानों पर पेनल्टी लगती थी। अब सरकार ने इसमें सुधार करके पैनल्टी या जुर्माना बंद कर दिया है। पहले अगर किसान मंडी नहीं जा पाने पर किसी ट्रेडर को अपना माल बेच देता था। अब खरीदार समय से भुगतान करने के लिए बाध्य है। उसे 3 दिन में भुगतान करना होगा।
दूध या मुर्गीपालन में एग्रीमेंट से लाभ तो खेती में विरोध क्यों


उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों का एक और अहम पक्ष है। अब किसान के साथ एग्रीमेंट करने वाला उनको अच्छे बीज, तकनीक, अत्याधुनिक उपकरण, विशेषज्ञता में मदद करेगा क्योंकि इसी में उसकी भी रोजी-रोटी है। अगर किसी वजह से किसान की उपज अच्छी नहीं हुई तो भी एग्रीमेंट करने वाले को किसान की उपज का निर्धारित दाम देना ही पड़ेगा। यदि किसान, एग्रीमेंट को खत्म करना चाहता है तो कर सकता है, जबकि सामने वाला नहीं कर सकता है।
देश के कई भागों में एग्रीमेंट फार्मिंग को पहले भी परखा गया हैै। दुनिया में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला देश भारत ही है। आज डेयरी सेक्टर में सहकारी या निजी कंपनियां पशुपालकों से दूध खरीदती हैं और उसे बाजार में बेचती हैं। ये मॉडल कितने वर्षों से चला आ रहा है। क्या किसी ने अपना बाजार पर एकाधिकार कर लिया?  पोल्ट्री यानी मुर्गी पालन में सबसे ज्यादा अंडों का उत्पादन भारत में है। पोल्ट्री सेक्टर में कई छोटी-बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। वे किसी को भी कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। जहां भी उन्हें ज्यादा दाम मिलता है वो अंडे बेच सकते हैं। किसानों को यह अधिकार मिले तो हम इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
नई तकनीक से उपज में होगा वैल्यू एडिशन
मोदी के अनुसार, नए कृषि सुधारों से भारतीय कृषि में नई टेक्नोलॉजी का प्रवेश होगा। आधुनिक तकनीक से किसान उपज में विविधता ला सकते हैं। उपज की बेहतर पैकेजिंग कर सकेंगे, उसमें वैल्यू एडिशन कर सकेंगे। क्वांटिटी के साथ क्वालिटी और ब्रांडिंग होने से उपज की मांग पूरी दुनिया में होगी। किसान उत्पादक के साथ खुद निर्यातक बन सकेंगे। अब समय आ गया है कि ब्रांड इंडिया दुनिया के कृषि बाजारों में भी खुद को स्थापित करे।
तर्क और तथ्य के आधार पर, हर कसौटी पर हमारे ये निर्णय कसे जा सकते हैं। उसमें कोई कमी है, तो उसको इंगित करें। किसानों के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार हर समय तैयार है। किसानों को राजनीतिक मोहरा नहीं बनायें। देश के अन्नदाता की तरक्की से ही राष्ट्र की खुशहाली जुडी है। सिर्फ आत्मनिर्भर किसान ही आत्मनिर्भर भारत की नींव डाल सकता है। इसलिये देश के किसानों से आग्रह है कि वे किसी के बहकावे में आने से बचें, तर्क और तथ्य को समझकर अपने हित में बनाये कृषि कानूनों का समर्थन करें।

(Visited 324 times, 1 visits today)

Check Also

Fake AI Video Shows FM Nirmala Sitharaman Promoting Investment Scheme Promising ₹5,000 Per Hour

Press Information Bureau’s (PIB) fact-checking unit has termed the video fake and said that it …

error: Content is protected !!