राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने घरेलू बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपा
न्यूजवेव @कोटा
राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) में घरेलू बिजली की दर बढ़ाने के लिये याचिका दायर की है। इसके अनुसार, जल्द ही राज्य में मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली के बिल करंट मारने लगेंगे। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में प्रतिमाह 500 से अधिक यूनिट बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को 7.15 रू के स्थान पर अब 7.95 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान करना होगा। प्रति यूनिट 80 पैसे की वृद्धि से घरेलू उपभोक्ताओं पर 28 प्रतिशत भार बढ़ जायेगा।
सूत्रों के अनुसार, 501 यूनिट बिजली खर्च करने पर प्रस्तावित दर से बिल की राशि लगभग 3982 रूपये तथा इस पर स्थायी शुल्क, शहरी सेस, बिजली शुल्क तथा फ्यूल चार्ज के रूप में 873 रू. अतिरिक्त देने होंगे। जिससे बिल की राशि बढकर 4855 रू. हो जायेगी।
कोटा में स्मार्ट मीटर के बाद दोहरी मार
नागरिकों ने बताया कि पहले ही कोटा शहर के अधिकांश क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली के बिलों में ज्यादा राशि वसूलना जारी है। इसके बाद बिजली की दरों में बढोतरी हो जाने से घरेलू उपभोताओं पर दोहरा करंट लगेगा।
बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि एक ओर 1240 मेगावाट क्षमता के कोटा थर्मल पावर स्टेशन से सस्ती बिजली का उत्पादन लोड डिस्पेच सेंटर द्वारा निरंतर बाधित किया जा रहा है। दूसरी और, बिजली की दरें बढ़ाकर समय पर बिल भरने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डालने का प्रयास किया जा रहा है। इसके स्थान पर बिजली चोरी करने वालों पर सजा व जुर्माना राशि चार गुना की जानी चाहिये तथा प्रत्येक फीडर में संधारण की हानि न्यूनतम स्तर पर लाने के प्रयास तेज किये जायें।
यदि डिस्कॉम घाटे में चल रहे हैं तो केवल बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं पर ही बिजली क्यों गिराई जा रही है। बिजली चोरी के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कडे़ कदम उठाये जायें।
राज्य में घरेलू बिजली की मौजूदा दरें
यूनिट वर्तमान दर (रूपये)
50 – 3.85
50-150 – 6.10
150-300 – 6.40
3000-500 – 6.70
500 यूनिट से अधिक- 7.15
बिजली विशेषज्ञों ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर है, इसके बावजूद बिजली की दरों में अप्रत्याशित वृद्धि करना न्यायसंगत नहीं है। राज्य सरकार को जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम में फीडर के अनुसार बिजली चोरी रोकने तथा संधारण हानि रोकने के लिये कडे़ कदम उठाने चाहिये।
दिल्ली व गुजरात में बिजली सस्ती
उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल, 2019 से गुजरात में 100 यूनिट तक बिजली दर 3.50 रू तथा 251 से अधिक उपभोग पर 5.20 रूपये प्रति यूनिट दर लागू है। जो राजस्थान से बहुत कम है। इसी तरह, दिल्ली में 28 मार्च, 2018 से 200 यूनिट तक 3 रू, 401 से 800 यूनिट तक 6.50 रू, 801 से 1200 यूनिट तक 7.0 तथा 1200 से अधिक यूनिट पर 7.75 रूपये की दर लागू है। ऐसे में बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर राजस्थान में बिजली की दरों में बेइंतहा बढोतरी करना कुप्रबंधन का नतीजा है।
विद्युत वितरण कंपनी ने प्रस्ताव में कहा कि वर्तमान में बिजली कंपनियों का घाटा 7 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। राज्य में घरेलू बिजली की दरें बढाने के बाद यह घाटा घटकर 2 हजार करोड़ रूपये रह जायेगा।