Thursday, 5 December, 2024

कोटा बैराज पर नये पुल का श्रीगणेश

विकास सेतु : आजादी के बाद पहली बार कोटा बैराज पर वैकल्पिक पुल बना, कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल के प्रयासों से नदी पार क्षेत्र में विकास की नई राह खुली 
न्यूजवेव @ कोटा
गणेश चतुर्थी पर कोटा शहर को ऐतिहासिक कोटा बैराज पर समानांतर पुल की सौगात मिली। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरूवार को चंबल नदी पर 58 वर्ष पुराने कोटा बैराज पर समानांतर पुल का जयपुर से उद्घाटन किया। पुल के दोनों ओर जगमगाती रोशनी के साथ शहरवासियों को जैसे ही यह सौगात मिली, हजारों नागरिकों ने आतिशबाजी व सेल्फी लेते हुए उत्सवी जश्न मनाया। नवनिर्मित पुल पर आवागमन शुरू हो जाने से वाहनचालकों के चेहरों पर खुशियां तैरने लगी।


पुल पर भव्य उद्घाटन समारोह में कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी, विधायक प्रहलाद गुंजल, कलक्टर गौरव गोयल, एसपी दीपक भार्गव, महापौर महेश विजय, यूआईटी अध्यक्ष आरके मेहता, भाजपा जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय, पार्षद बृजेश शर्मा नीटू, विकास तंवर सहित कोटा उत्तर के सभी पार्षद एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।
पुल की लम्बाई करीब 1200 मीटर है, इस पर आवागमन शुरू हो जाने से नदी पार क्षेत्र में सकतपुरा, कुन्हाड़ी, नांता, थर्मल कॉलोनी, अम्बेडकर कॉलोनी, रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी, लक्ष्मण विहार सहित आसपास की एक दर्जन कॉलोनियों के वाशिंदों को लाभ हुआ है।


कोटा उत्तर के विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि जनवरी,2016 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नदी पार क्षेत्र को शहर से जोड़ने के लिए नया ब्रिज बनाने की घोषणा की थी। चंबल नदी पर यह पहला पुल है जो शिलान्यास के बाद भाजपा शासनकाल में ही सबसे पहले बनकर शुरू भी हुआ।
सकतपुरा एवं दूसरे छोर पर गढ़ पैलेस तक एप्रोच रोड़ बन जाने से वर्षों बाद जनता को सुविधा मिली है। यूआईटी सचिव आनंदीलाल वैष्णव के अनुसार, कोटा बैराज के पास करीब 54 करोड़ रूपए की लागत से नए समानान्तर पुल का निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा हुआ है। अहमदाबाद की विजय एम मिस्त्री (वीएएम) कंपनी ने 2 वर्ष में इसका निर्माण कार्य किया।
पुराने ब्रिज पर बंद होंगे वाहन


जल संसाधन विभाग के सूत्रों का कहना है कि नया ब्रिज चालू हो जाने से कोटा बैराज पुल पर जल्द ही भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाएगा। सभी वाहन नए पुल से गुजरने लगेंगे, जिससे कोटा बैराज की मरम्मत व सुरक्षा संभव हो सकेगी। चंबल नदी में बैराज के गेट खुलते ही तूफानी जल प्रवाह नए पुल पर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी।
3 लाख लोगों के लिए वरदान बना पुल


शहर में 3 लाख से अधिक आबादी चंबल नदी पार क्षेत्र में है। जहां कोटा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट व करीब 12 आवासीय कॉलोनियों के अतिरिक्त लैंडमार्क सिटी के रूप में कोचिंग क्षेत्र विकसित हो जाने से वर्षपर्यंत यहां बाहरी विद्यार्थियों को आवागमन बना रहता है। चित्तौड़ की ओर जाने वाले चारपहिया वाहन प्रतिदिन कोटा बैराज से नांता रोड होते हुए एचएच-76 पर निकलते हैं। सेंड स्टोन एरिया के साथ ही यह बूंदी मार्ग से सीधा जुड़ जाता है। चौड़ा पुल बन जाने से इस मार्ग पर अब यातायात जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। नदी पार क्षेत्र की जनता अब दशहरा मेले का भरपूर आनंद ले सकेगी।

कोटा बैराज पर नया पुल 

54 करोड़ रू. कुल लागत
1200 मीटर कुल लंबाई
600 मीटर ब्रिज चंबल नदी पर
600 मीटर दो एप्रोच रोड
16 पीयर पर टिका
13 स्पान 37.50 मीटर के
5 स्पान 18.75 मीटर के
11 पाइल फाउंडेशन
8 ओपन फाउंडेशन
21 जनवरी,16 से निर्माण शुरू
13 सितंबर,18 को लोकार्पण

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