Monday, 13 January, 2025

कोटा जिले में तूफानी वर्षा से लबालब हुये नदी व बांध

गांधी सागर अधिकतम स्तर पर पहुंचा, कोटा बैराज के गेेट खोले गयेे। जिला कलक्टर की निगरानी में आपदा प्रबंधन कार्य तेज

न्यूजवेव कोटा

कोटा जिले में 14 से 16 अगस्त तक रिकॉर्ड बरसात होने से बडे़ व छोटे बांध पूरी क्षमता से भर चुके हैं। वहीं, नदी-नाले उफान पर होने से कई सड़क मार्ग बंद कर दिये गये हैं। कोटा, बारां, झालावाड़ व बूंदी के कुछ कस्बों व गांवों में निरंतर जलप्लावन के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। जिससे जनजीवन बुार तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि 17 अगस्त को मौसम साफ होने से लोगों को राहत मिली।

कैथून सहित अन्य क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्यों के लिये जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राजन दुष्यंत के नेतृत्व में प्रशासनिक एवं पुलिस, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीमें पानी भराव से प्रभावित आवासीय क्षेत्रों में नाव से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

जिला कलक्टर ने बताया कि कोटा जिले में मानसून वर्षा औसत 746 मिमी होती है, जबकि 16 अगस्त तक 770 मिमी वर्षा हो चुकी है। गांधी सागर में जलस्तर 1303.24 दर्ज किया गया जबकि 1305 मिमि भराव होने पर इसके गेट खोल दिये जायेगे। जिससे नीचे के सभी बांधों से पानी का निकास करना जरूरी हो जायेगा। इस स्थिति को देखते हुये प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है।
इन दिनों जिले के दो बडे़ बांध सावनभादो एवं अलनिया पर चादर चल रही है। कोटा बैराज में 851 फीट भराव क्षमता हो जाने से 16 अगस्त को बैराज के 16 गेट खोलकर अधिकतम 1.14 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई। जिससे चन्द्रेसल नदी उफान पर बह रही है। मध्यप्रदेश में मुरैना तक चंबल के बांधों से पानी छोडने का असर देखा गया।

दो दिनों में लगातार वर्षा के फलस्वरूप कैथून कस्बे में 5 से 6 फीट पानी भरा रहा। झालावाड़ जिले में स्थित कालीसिंध बांध व अन्य सहायक नदियोें-आहु, अमझार में पानी की आवक के कारण कोटा-इटावा मार्ग पर बड़ोद पुलिया पर तथा खातोली-श्योपुर मार्ग अवरूद्व हो गया है। कैथून में एसडीआरएफ की 4 बोट एवं 32 जवान तथा नागरिक सुरक्षा दल के 50 जवानों ने 550 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। 15 अगस्त गुरूवार को भोजन के 1800 पैकेट्स, 150 लीटर डीजल, 150 लीटर पैट्रोल एवं 4 गैस सिलैण्डर नगरपालिका कैथून को उपलब्ध करवाये गये। इसी प्रकार 16 अगस्त को शाम तक 2 हजार से अधिक भोजन के पेकेट भेजे गये।
इधर, लगातार तेज वर्षा होने से कोटा शहर में सडकें उखड़ गई। जगह-जगह गहरे गड्डे हो जाने से सडक दुर्घटनायें हो रही है। नागरिकों ने आरोप लगाया कि एक ही बरसात में सडकों का उखड़ जाना पीडब्ल्यूडी विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करता है। यूआईटी व नगर निगम शहर की मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने में विफल रहे हैं।

(Visited 420 times, 1 visits today)

Check Also

इंजीनियरिंग कॉलेज कोटा में सिल्वर जुबली एलुमनी मीट ‘रजत-ओ-संगम’ 27 से

सिल्वर जुबली  : यूएसए, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा, स्विट्जरलैंड से भी आयेंगे ओ बैच के एलुमनी …

error: Content is protected !!