न्याय की गुहार: ऐसे अपराधियों पर फास्ट ट्रेक अदालतों में मुकदमे चलाए जाएं
न्यूजवेव @ कोटा
कोटा की महिला अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई कि सरकार एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ का नारा दे रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल जाने वाली कम उम्र की मासूम बेटियों के साथ लैंगिक अपराध बढते जा़ रहे हैं।
इन दिनों उनका दैहिक शोषण करने वाले अपराधी इतने बैखौफ हो गए हैं कि वे उनके अंगों को क्षतिग्रस्त करने जैसा नारकीय कृत्य कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि कहीं भी बालिकाएं और महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही। महिला अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन बुधवार को जिला कलक्टर को सौंपा।
उन्होंने मांग की कि दरिंदगी की ऐसी घटनाओं पर तत्काल नियंत्रण करने के लिए अपराधियों के खिलाफ फास्ट ट्रेक अदालतों में मुकदमे चलाए जाएं। साथ ही, पशु समान अपराधियों के खिलाफ सजा के ऐसे कठोरतम प्रावधान किए जाएं, जिससे अपराध करने से पहले उन्हें मौत दिखाई दे। उन्हें मानव अधिकारों से वंचित किया जाए।
महिला अधिवक्ता सुमन विजयवर्गीय, बबीता शर्मा सहित अन्य अधिवक्ताओं ने मांग की कि अपराधियों को कठोरतम दंड देने के साथ ही अबोध बालिकाओं के परिवार की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए। गलियों व कच्ची बस्तियों में विधिक सहायता शिविर ज्यादा लगाए जाएं ताकि बालिकाएं व महिलाएं अपने काननी अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके।