पड़ताल: देशभर में कंसलटेंसी के नाम पर कुछ दलाल प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीट 50 लाख से 1 करोड़ में बेच रहे हैं। कोटा में अभिभावकों के पास आ रहे सीट पक्की करने के लिए कॉल।
न्यूजवेव @ नईदिल्ली/कोटा
आपका बजट कितना है? एमबीबीएस के लिए कौनसे कॉलेज में सीट चाहते हैं? हर स्टेट के मेडिकल कॉलेज में रेट्स अलग-अलग हैं… कुछ इस अंदाज में आपसे जानकारी लेकर कंसलटेंट या दलाल आपके बजट के अनुसार आपको मेडिकल कॉलेजों की सूची दिखा रहे हैं।
स्टूडेंट यदि इस वर्ष कम अंकों से नीट में क्वालिफाई है तो दलाल उसे एमबीबीएस में सीट दिलाने का पक्का भरोसा दिला रहे हैं। मेडिकल एजुकेशन में इन दिनों दलाली का करोबार तेजी से फलफूल रहा है।
सीबीआई ने शिकंजा कसा, फिर भी बेखौफ
एक ओर नईदिल्ली में सीबीएसई निदेशक की शिकायत पर सीबीआई ने नीट के जरिए सीटें बेचने वाले दलालों कीे तत्काल धरपकड़ शुरू कर दी। इसके बावजूद ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ का यह गोरखधंधा पूरे देश में धड़ल्ले से जारी है। सूत्रों ने बताया कि ये दलाल प्रमुख कोचिंग संस्थानों के नजदीक ऑफिस खोलकर विद्यार्थियों को जाल में फंसाने के लिए बिचौलिए छोड देते हैं। इसमें बडे़ स्तर पर मिलीभगत का खेल चल रहा है।
शिक्षा नगरी कोटा में 6 मई को परीक्षा केंद्रों के बाहर पेपर छूटने पर कुछ दलालों ने अभिभावकों को अपने पर्चे वितरित किए। एक कंसलटेंसी एजेंट के पंपलेट देश के 32 मेडिकल कॉलेजों के नाम अंकित हैं, जहां नीट की काउंसलिंग से पहले 50 लाख से 1 करोड़ रूपए में एमबीबीएस की सीट दिलाने की गारंटी दी जा रही है।
एक अभिभावक ने बताया कि उन्होंनें एक कंसलटेंसी एजेंट से एमबीबीएस सीट के बारे में जानकारी चाही तो पुणे से संचालित इस अपंजीकृत कंसलटेंसी के संचालक ने विद्यार्थी के मार्क्स व बजट की जानकारी लेकर भरोसा दिलाया कि ‘नंबर कम है तो नीट की काउंसलिंग के बिना भी हम अच्छे कॉलेज में एमबीबीएस की सीट दिला देंगे। आपको 2 लाख रू एडवांस फीस के साथ 12वीं की मार्कशीट, फोटो व आईडी जमा करके रजिस्ट्रेशन फार्म भरना है।’
खास बात यह कि इस पर्चे में 32 मेडिकल कॉलेजों की सूची अंकित की गई हैं, जिसमें सबसे पहले डीवाय पाटिल मेडिकल कॉलेज, पुणे व मुंबई में एमबीबीएस के लिए कुल फीस व खर्च 1 करोड़ रूपए बताया। संचालक ने कहा कि इसमें काउंसलिंग से पहले हम आपको एमबीबीएस की सीट फाइनल करवा देंगे।
यदि बजट 50 लाख से 80 लाख तक है तो पुणे, बैंगलुरू के मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य राज्यों के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भी सीट मिल जाएगी। हमारी ब्रांच कोटा में इंद्रविहार स्थित एक प्रमुख कोचिंग संस्थान के नजदीक है, वहां से आप पंजीयन फार्म भर सकते हैं। उन्होंने राजस्थान में निम्स व गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में भी एडमिशन का भरोसा दिलाया।
विदेशी मेडिकल कॉलेजों में भी दाखिला संभव
इस साल नीट देने वाले स्टूडेंट्स को चीन, रूस, अमेरिका, यूरोप, फिलिपिन्स, सेंटल अमेरिका, यूक्रेन, नेपाल व बारबाडोस आदि देशों के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के लिए दलाल बहुत सक्रिय हैं। उनका कहना है कि विदेशों में एमबीबीएस की फीस भारत से बहुत कम है। नीट क्वालिफाई करने वालों को मान्यता भी दी जा रही है।
एक एमबीबीएस सीट के लिए 22 दावेदार
विशेषज्ञों के अनुसार, देश में इस वर्ष 476 मेडिकल कॉलेजों में 61,140 एमबीबीएस की सीटें हैं। अर्थात जिनके लिए 13.26 लाख परीक्षार्थियों ने नीट-यूजी परीक्षा दी है अर्थात एक सीट के लिए 22 परीक्षार्थी दावेदार हैं। एमबीबीएस व बीडीएस की सीटें मिलाकर इस वर्ष लगभग 90 हजार सीटों पर नीट से दाखिले दिए जाएंगेे।
इसके बावजूद सीबीएसई द्वारा 7 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को क्वालिफाई घोषित किया जाता है। स्टेट रैंक के अनुसार राज्यों के मेडिकल कॉलेजों की 85 प्रतिशत सीटें भरी जाती है। इसमें से 10 प्रतिशत सीटें मैनेजमेंट कोटा से मोटी फीस लेकर भरी जाती है। ऐसे में काउसंलिंग से वंचित रहने वाले विद्यार्थी लाखों रूपए डोनेशन देकर प्राइवेट कॉलेजों में सीट पक्की कर लेते हैं।