Wednesday, 24 April, 2024

कैसी होगी भविष्य की दुनिया, यह भावी वैज्ञानिकों पर निर्भर

उमाशंकर मिश्र
न्यूज वेव, नईदिल्ली (इंडिया साइंस वायर)

देश के जिन क्षेत्रों में साइंस एंड टेक्नोलाॅजी का लाभ नहीं मिल पा रहा है, वहां एजुकेशन के माध्यम से इसे पहुंचाया जाए ताकि ज्ञान का सही उपयोग समाज के विकास में किया जा सके।

मणिपुर यूनिवर्सिटी में 16 से 20 मार्च तक चल रही भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन मुख्य अतिथि नागालैंड के राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने यह बात कही। उन्होने एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित 10 होनहार किशोर वैज्ञानिकों को उत्कृष्ट वैज्ञानिक कार्यों एवं विज्ञान आधारित मॉडल्स के लिए वर्ष 2017-18 के इन्फोसिस फाउंडेशन-इस्का ट्रेवल अवार्ड से सम्मानित किया।

मणिपुर यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति प्रो.आद्याप्रसाद पांडेय ने कहा कि हमारे भावी वैज्ञानिकों पर निर्भर है कि भविष्य की दुनिया कैसी होगी। किसी भी देश के विकास के लिए विज्ञान जरूरी है। इसे देखते हुए इस बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस की थीम ‘रीचिंग टू अनरीच्ड थ्रू साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ रखी गई है। इसका मकसद साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उपयोग से समाज के उन वर्गों को विकास की रोशनी पहुंचे जो अब तक इससे वंचित हैं।

भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (इस्का) के अध्यक्ष श्री ए.के. सक्सेना ने बताया कि इस वर्ष करीब 7000 बच्चे राष्ट्रीय किशोर विज्ञान कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। देश भर से आए बच्चों ने विज्ञान कांग्रेस के प्रदर्शनी हॉल में अपने उत्कृष्ट मॉडल प्रदर्शित किए हैं।

विजेता स्टूडेंट्स में शाइन एकेडमी, सिकंद्राबाद की अंजलि कुमारी, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉलेज एंड टेक्नोलॉजी, तेलंगाना के तन्नेरू युराज एवं कर्णम सत्या प्रसन्न कुमार, देहरादून स्थित रिवेरियन पब्लिक स्कूल की शिखा टम्टा एवं सपना धीमान, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, कानपुर की यशी गुप्ता, सेंट एन्स हाई स्कूल, सिकंद्राबाद की छात्रा जी. लक्ष्मी प्रिया, पी. सुधीक्षा एवं जी. रिशिता और जेड.पी. हाईस्कूल, अनंतपुर के अमरनाथ रेड्डी शामिल थे।

गौरतलब है कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस के साथ ही प्रतिवर्ष बच्चों के लिए अलग से विज्ञान कांग्रेस का आयोजित की जाती हैै, जिसे राष्ट्रीय किशोर वैज्ञानिक कांग्रेस के रूप में जाना जाता है। स्कूल लेवल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 10-17 वर्ष उम्र के छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन होता है।

इस्का के महासचिव प्रो गंगाधर ने बताया कि ज्यादा संख्या में भावी किशोर वैज्ञानिकों को शामिल करने के लिए विज्ञान की 14 श्रेणियों में ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। साथ ही सभी वर्गों में दो पोस्टर अवार्ड दिए जाते हैं।

प्रो. गंगाधर ने बताया कि इस वर्ष पहली बार विज्ञान कांग्रेस में साइंस मॉडल प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें विज्ञान कांग्रेस संघ की देश में फैली 29 शाखाओं से दो छात्रों को चुना गया ।
इस अवसर पर मणिपुर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग विभाग के चेयरमैन राधाकिशोर ने कहा कि संसाधनों के कुशल प्रयोग, जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण जैसी चुनौतियों से लड़ने में ऐसे युवा वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। (इंडिया साइंस वायर)

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