टॉपर्स टॉक
न्यूजवेव @ कोटा
जेईई-एडवांस्ड,2018 के रिजल्ट ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि एजुकेशन हब कोटा आईआईटी का प्रवेश द्वार क्यों है।
‘राह के पत्थर से बढ़कर कुछ नहीं है मंजिलें, रास्ते आवाज देते हैं, सफर जारी रखो….’
इस सोच के साथ हजारों कोचिंग विद्यार्थी एक-दो वर्ष तक दिन-रात सवालों से जूझते हैं। ऐसा करते हुए वे नेशनल कॉम्पिटीशन की चुनौतियों का सामना करना सीख जाते हैं। इस वर्ष ऑल इंडिया मेरिट में टॉप रैंक पर चयनित कोटा के कोचिंग विद्यार्थी आने वाले विद्वार्थियों को मानो संदेश दे रहे हैं-
‘ये आसमान का इशारा है, कल का सूरज तुम्हारा है…’
पढि़ए- टॉपर्स की कहानी, उन्हीं की जुबानी
मेडिटेशन किया लेकिन मोबाइल से दूर रहा
साहिल जैन, एआईआर-2
स्कोर- 326/360
कोटा के छात्र साहिल को जेईई-एडवांस्ड में 326 अंक मिले। सरकारी स्कूल में शिक्षक धनराज जैन के इकलौते पुत्र साहिल ने 12वीं बोर्ड में 95.2 प्रतिशत अंक तथा जेईई-मेन में 330 अंकों से ऑल इंडिया रैंक-40 हासिल की। वह एनटीएसई स्कॉलर है। केवीपीवाय में उसने एआईआर-3 पर प्रतिभा को साबित किया। मां सुनीता साथ रहीं और मामा नवीन ने उसे बहुत मोटिवेट किया। 2 साल वह स्मार्ट फोन से दूर रहा, केवल मां के मोबाइल से जरूरी बात करता था। रोज 15 मिनट योग व मेडिटेशन करने से वह हमेशा तनावमुक्त रहा।
एडवांस्ड के लिए मॉक टेस्ट की प्रेक्टिस करने से ऑनलाइन पेपर में दिक्कत नहीं हुई। शुरू में फिजिक्स में कमजोर था लेकिन वायब्रेंट के निदेशक शिक्षक के रूप में स्वयं क्लास में पढ़ाते हैं, जिससे बहुत इम्प्रूव किया। मैथ्स में हमें अलग-अलग मैथड व कंसेप्ट सीखने को मिले जिससे अच्छ मार्क्स मिले। साहिल को आईआईटी बॉम्बे से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करना है।
कोई डाउट कल पर नहीं छोड़ा
मीनल पारख, एआईआर-6, गर्ल्स टॉपर
स्कोर- 318/360
जेईई-एडवांस्ड में गर्ल्स केटेगरी में सर्वाधिक 318 अंक हासिल कर मीनल पारख ने टॉप-10 में आने का गौरव हासिल किया। क्लास-9 से वायबें्रट एकेडमी में पढ़ते हुए हमेशा अपना लक्ष्य सामने रखा। जेईई-मेन में 289 अंकों से एआईआर-387 रैंक मिलने से वह निराश नही हुई बल्कि एडवांस्ड के लिए दोगुना मेहनत की। 12वीं बोर्ड में उसे 93 प्रतिशत अंक मिले।
कोटा में मां मंजू पारेख उसकी देखभाल करती थी। पिता गुलाबचंद पारेख बीएसएनएल, बूंदी में सेवारत है। उन्हें अपनी दोनों बेटियों पर गर्व है। उसने अपना होमवर्क रोज पूरा किया। कोई डाउट अगले दिन के लिए नहीं छोडती थी। टीचर्स ने तीनों सब्जेक्ट में वीकनेस दूर की, जिससे कॉफिडेंस बढ़ा। संस्थान के टेस्ट से पता चलता रहा कि हम कहां खडे़ हैं, इससे बहुत फायदा मिला। मॉक टेस्ट की खूब प्रेक्टिस करने से ऑनलाइन पेपर का डर नहीं रहा। रिलेक्स होने के लिए उसे पैदल सैर करना पसंद है।
स्टडी मेटेरियल अच्छा होने से सक्सेस मिली
पवन गोयल, एआईआर-4
स्कोर- 320/360
कक्षा-8 से सोच लिया था कि आईआईटीयन बनना है। वहीं से स्कूल के साथ रेजोनेंस में कोचिंग ली। पिता महेश गोयल सरकारी सेवा में नोएडा में हैं लेकिन मां मंजू गोयल उसके साथ रहीं। दीदी श्रृष्टि गोयल आईआईटीयन होने से सही गाइडेंस मिली।
उसने 10वीं में एनटीएसई स्कॉलर के बाद आईजेएसओ में गोल्ड मेडल जीता। 11वीं में केवीपीवाय में एआईआर-2 से उसने अपनी योग्यता को साबित कर दिखाया। गत वर्ष इंटरनेशनल फिजिक्स ओलिम्पियाड में देश के लिए सिल्वर मैडल जीता। इस वर्ष भी पवन पिफजिक्स ओलिम्पियाड में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
उसने कहा कि रेजोनेंस में स्टडी मेटेरियल अच्छा होने और डाउट्स जल्द दूर करने से हर एग्जाम में सक्सेस मिली। वह आईआईटी बॉम्बे से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर कंपनी खोलना चाहता है। वहां जाकर आईएएस की तैयारी भी करेगा।
रोज 6 घंटे सेल्फ स्टडी की
लय जैन, एआईआर-9
पढ़ाई करते हुए अपना एनालिसिस खुद ही करके गलतियांे में सुधार करते जाएं तो आत्मविश्वास बढता जाता है। एलन के क्लासरूम छात्र लय जैन ने एआईआर-9 हासिल कर कोटा का गौरव बढाया। मां भावना जैन ने उसकी केअरिंग पर पूरा ध्यान दिया। पापा अनिल कुमार जैन कोटा रेलवे में असिस्टेंट डिवीजनल इंजीनियर हैं। उसने रोज 6 घंटे सेल्फ स्टडी की। होमवर्क करके नियमित रिविजन भी किया। तीनों सब्जेक्ट को समान समय दिया। रिलेक्स होने के लिए टीटी, गाने सुनना और नॉवेल पढना पसंद है। एलन में दो साल में आगे बढने के लिए बहुत अवसर मिले। 12वीं में 94.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
उसे इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड,2017 में गोल्ड मेडल मिला। साथ ही एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड-2018 में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया। केवीपीवाय-2017 में एआईआर-1 लेकर उसने टेलेंट साबित कर दिखाया। इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड-2018 में वह देश का प्रतिनिधित्व करेगा।
सेल्फ असेसमेंट सबसे बड़ी सीख
नील आर्यन गुप्ता, एआईआर-10
चंडीगढ़ के नील आर्यन एलन में 4 साल क्लासरूम छात्र रहे। उसने पढाई के साथ नियमित योग, मेडिटेशन व आर्ट ऑफ लिविंग से खुद को स्वस्थ रखा। उसने बताया कि अकेले रहते हुए सबसे ज्यादा खुद से ही सीखा जा सकता है। सेल्फ असेसमेंट आपको आगे बढाता है।
अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए फैकल्टी से सपोर्ट मिला। जेईई-मेन एग्जाम से पहले बीमार रहा लेकिन हिम्मत से तैयारी जारी रखी। जेईई-मेन में एआईआर-182 प्राप्त की। 12वीं में 93.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
मेरा पसंदीदा सब्जेक्ट मैथ्स है और मुझे सवाल हल करने में मजा आता है। कोचिंग के साथ-साथ रोजाना करीब 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता था। मां रेणु गुप्ता ओरियन्टल इंश्योरेंस में सीनियर ब्रांच मैनेजर हैं। वे मेरी मेंटर रही। पापा शंकर गुप्ता प्रोपर्टी डीलर है। पढ़ाई के साथ हर रविवार को मम्मी-पापा के साथ समय बिताया।
हर कदम मंजिल की ओर
आयूष कदम, एससी ऑल इंडिया टॉपर
स्कोर-278/360
नुक्लियस एजुकेशन में क्लासरूम छात्र आयुश कदम नीमच से कोटा पढ़ने आया तो उसे आईआईटी में सलेक्शन के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए। रोज के डाउट्स दूर करके नियमित पढ़ाई करता रहा। संस्थान में सभी निदेशक स्वयं पढाते हैं, इसलिए नींव मजबूत हुई। उसका 50वें इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलिम्पियाड,2018 कैम्प में चयन हुआ है। स्लोवाकिया में वह देश का प्रतिनिधित्व करेगा।
जेईई-एडवांस्ड में रैंक-78 मिलने के साथ ही वह एससी केटेगरी मंे ऑल इंडिया टॉपर बना। इतना ही नहीं, उसे आईआईटी, कानपुर जोन टॉपर होने का गौरव भी मिला। वह आईआईटी, बॉम्बे से सीएस में बीटेक करेगा। उसने बताया कि कोटा मंे रहते हुए हर कदम सक्सेस की ओर ही बढता है।