– कोटा में राजस्थान क्षेत्र के 20 दिवसीय संघ कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम का समापन
न्यूजवेव@कोटा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ के निरन्तर विस्तार का आधार है- स्वयंसेवको का आत्मअनुशासन व सामाजिक आत्मीयता। संघ गुणवत्ता व दृढ़ता बढ़ाते हुए शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। संघ मनुष्य को श्रेष्ठ आचरण के लिए प्रेरित करता है।
वे शनिवार को स्वामी विवेकानंद आदर्श विद्या निकेतन में आयोजित 20 दिवसीय संघ कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम के समापन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज परिवर्तन एक-एक व्यक्ति के भाव परिवर्तन से होता है। स्वयंसेवकों में कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता आवश्यक है। भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक भारतीय नागरिक व स्वयंसेवक शाखा व परिवार के साथ सामाजिक जीवन में अनुशासित होकर अपना उदाहरण प्रस्तुत करें। समरोह के मुख्य अतिथि बूंदी घराने के महाराव वंशवर्धन सिंह ने कहा कि मुझे संघ के स्वयंसेवकों का समर्पण व अनुशासन देख गर्व महसूस हुआ। यह अनुशासित जीवन शैली भारतीय संस्कृति की पहचान है।
जन्म आधारित भेदभाव समाप्त हो-
क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि समाज में जन्म आधारित भेदभाव समाप्त होना चाहिए। सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकात्म व एकरस बनाने के लिए स्वयं एवं परिवार में बदलाव लाना आज की महती आवश्यकता है। परिवार ही समाज में सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का संवर्धन कर उन्हें अगली पीढ़ी में ले जाने का सशक्त माध्यम है। परिवार से ही स्वच्छ वातावरण, पर्यावरण के प्रति चेतना व पंच तत्वों की देखभाल करना, जल व ऊर्जा की बचत करने जैसे संस्कार मिलते हैं। पारिवारिक जीवन में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है।
स्व आधारित जीवन ही परम वैभव का सोपान-
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा है-स्व। स्वधर्म, स्वभाषा, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग एवं शिक्षा, न्याय व्यवस्था आदि में स्व आने से स्वतंत्रता सार्थक होगी। व्यक्ति से राष्ट्र के सम्पूर्ण आयामों में स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान है। उन्होंने कहा कि वैचारिक संघर्ष के समय अफवाह या दुष्प्रचार के माध्यम से देश के समाज तोड़ने का प्रयास इस बार के निर्वाचन में भी दिखा। हम स्वयं सजग होकर भारत को तोड़ने वाले विचार व व्यक्तियों को समाज के समक्ष उजागर करें। जिससे भारत की सत्य आधारित कल्याणकारी विचारधारा स्थापित बनी रहे।
‘सूत्रपात नव वेला का, हम नवयुग की पहचान बने’
प्रारंभ में स्वयंसेवकों ने घोष वादन से सबको स्वागत प्रणाम किया। कार्यक्रम में ध्वजारोहण के पश्चात स्वयंसेवकों ने ध्वज की परिक्रमा कर गुरु वंदन किया। उसके पश्चात घोष संरचना, दंड, व्यायाम, योगासन, दंड योग व गण समता का सामूहिक प्रदर्शन किया। स्वयंसेवकों ने समूह गीत- ‘सूत्रपात नवयुग वेला का, हम नवयुग की पहचान बनें। राष्ट्र प्रथम जीवन में अपने, हर जन का उद्देश्य बने’ प्रस्तुत किया। वर्ग कार्यवाह रमेशचंद पारीक ने प्रतिवेदन का वाचन किया।
वर्गाधिकारी जगदीश सिंह राजपुरोहित ने बताया कि राजस्थान क्षेत्र के 10 वर्गों में कोटा का कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम आयोजित हुआ। जिसमें क्षेत्र के 22 विभाग, 71 जिलों से 352 शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें प्रक्षिशु प्रवासी कार्यकर्ता भी रहे। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक राजेंद्र द्विवेदी, पूर्व अ.भा. शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी, संगठन मंत्री दिनेश चंद्र, पाथेय कण संपादक माणकचंद एवं ओमप्रकाश, संस्कृत भारती के कमल शर्मा सहित बाहर से पधारे संघ प्रचारक एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे। समापन समारोह में विभाग संघचालक पन्नालाल शर्मा ने सबका आभार जताया।
समापन कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, भाजपा विधायक संदीप शर्मा, कल्पना देवी, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन, पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल सहित शहर के गणमान्य नागरिक शामिल हुये। शहर के 5 हजार से अधिक नागरिकों ने स्वयंसेवकों के अनुशासन, समर्पण व राष्ट्र साधना को सराहा।
वर्ग में इनका मिला बौद्धिक सान्निध्य-
इस 20 दिवसीय वर्ग में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह-सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, अ.भा. सह प्रचारक प्रमुख अरूण कुमार जैन, गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख शंकरलाल का सानिध्य मिला। संघ के क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, सह-क्षेत्र कार्यवाह गेंदालाल, क्षेत्र संघचालक डॉ.रमेश, क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख गंगाविष्णु, क्षेत्र बौद्धिक शिक्षक प्रमुख डॉ.श्रीकांत, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्याम मनोहर एवं प्रान्तीय अधिकारियों का स्वयंसेवकों को बौद्धिक सान्निध्य मिला।