न्यूजवेव @ कोटा
कॅरिअर पाॅइंट यूनिवर्सिटी (सीपीयू) में स्कूल आॅफ सांइसेज (केमिस्ट्री) की होनहार स्टूडेंट पायल वर्मा को शोध कार्य पूरा करने पर यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी उपाधि प्रदान की गई।
महावीर नगर निवासी पायल ने यूनिवर्सिटी के रिसर्च गाइड डाॅ. प्रदीप पाराशर के सानिध्य में ’डिटरमिनेशन आॅफ एंटीबायोटिक्स इन हाॅस्पिटल वेस्ट वाॅटर यूजिंग साॅलिड वेस्ट एक्स्ट्रेक्शन एंड एचपीएलसी’ थीम पर रिसर्च किया।
पायल ने बताया कि आजकल सामान्य मौसमी बीमारियों जैसे फ्लू, जुखाम आदि में चिकित्सक ब्राड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाएं मरीज को देते है अथवा मरीज स्वयं भी मेडिकल स्टोर्स या आॅनलाइन स्टोर से एंटीबायोटिक खरीदकर खा लेते है।
जिससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया पनप रहे है, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। हमारा शरीर दवा का सिर्फ 35 से 40 प्रतिशत ही मेटाबोलाइज कर पाता है और शेष यूरिन अथवा मल द्वारा शरीर से त्याग दिया जाता है जो सीवेज टैंक में चला जाता है। जिसके जरिये सरफेस वाटर एवं अंततः ग्राउंड वाटर में चला जाता है जो कि जलीय जीव, पर्यावरण एवं मनुष्य के लिए हानिकारक है।