अहमदाबाद हाईकोर्ट से आये अधिवक्ता ने अदालत में रखा पक्ष, न्यायाधीश ने स्वीकार की जमानत याचिका
न्यूजवेव@ बूंदी/कोटा
पं. मोतीलाल नेहरू परिवार मामले में जिला कारागार में बंद अभिनेत्री पायल रोहतगी को आखिर मंगलवार को जमानत मिल ही गई। सोमवार को एसीजेएम कोर्ट से उनकी जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। ऐसे मे उनके अधिवक्ता पूर्व लोक अभियोजक भूपेन्द्र सहाय सक्सेना ने जिला एवं सेशन न्यायालय में जमानत अर्जी लगाई थी लेकिन मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अवकाश पर होने से एडीजे प्रथम कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुुनवाई हुई।
अभिनेत्री पायल रोहतगी की और से पैरवी करने के लिए मंगलवार सुबह अहमदाबाद हाईकोर्ट के वकील अमरीश शर्मा बूंदी पहुंचे थे। उन्होंने एडवोकेट सक्सेना से केस के बारे में पूरी जानकारी ली और कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई। दोनों एडवोकेट ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला मजिस्ट्रेट लेवल का है और सजा भी तीन साल से कम होने के कारण जमानती है। साथ ही पायल रोहतगी अभी न्यायिक अभिरक्षा में है। उनसे किसी तरह का पुलिस अनुसंधान शेष नहीं है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए। वहीं परिवादी चर्मेश शर्मा की ओर से अधिवक्ता दिनेश शर्मा तथा पुलिस की ओर से अपर लोक अभियोजक योगेश यादव ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की। कोर्ट द्वारा इस मामले में वीडियो पेन ड्राइव में मांगा जिस पर पायल के अधिवक्ताओं ने विडियो पेश कर दिया। दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने 25-25 हजार रुपये के दो जमानत मुचलकों पर पायल रोहतगी को जमानत दे दी।
पायल रोहतगी को जमानत मिलने के साथ ही अहमदाबाद से 17 दिसम्बर को बूंदी पहुंचे उनके मंगेतर संग्राम सिंह व हिन्दू संगठन के पदाधिकारी उपदेश राणा सहित अन्य चेहरे खिल गए। वहीं दूसरी ओर हाईप्रोफाइल मामले के कारण मंगलवार को दूूसरे दिन भी कोर्ट परिसर में पूरे दिन कोतुहल बना रहा।