Thursday, 12 December, 2024

‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ अकाउंटिंग’ से कॉमर्स में आयेगा बूम

यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
न्यूजवेव@ मुंबई/कोटा
यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई के सी.के.ठाकुर कॉलेज द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में कोटा विश्वविद्यालय की वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग की सह आचार्य CMA डॉ. मीनू माहेश्वरी मुख्य अतिथि रहीं।

Dr Meenu Maheshwari

डॉ. माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत सरकार ने 30 मार्च 2022 को लोकसभा में IIT तथा IIM की तरह कॉमर्स विद्यार्थियों के लिये ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ अकाउंटिंग’ (IIA) खोलने का निर्णय लिया है। इस एतिहासिक निर्णय से अकाउंटिंग क्षेत्र में जबरदस्त बूम आयेगा। इससे डिग्री कोर्सेस से विद्यार्थियों को अकाउंट्स में उंचा कॅरिअर में बनाने में बहुत मदद मिलेगी। अकाउंटिंग क्षेत्र में रिसर्च की संभावनाएं ज्ञान के नए अवसरों को खोलेंगी।
डॉ माहेश्वरी ने बताया कि वर्तमान में साइंस में जो शोध कार्य हो रहे हैं, उनको लेखांकन सहित वित्तीय विवरण, स्टॉक मूल्य, सर्वे, एक्सपेरीमेंट्स द्वारा सभी के हित के लिए प्रयुक्त कर सकते हैं । अकाउंटिंग रिसर्च, ऑडिटिंग तथा वित्तीय सूचनाओं को सम अंकों में परिवर्तित करके न केवल कंपनियों को बल्कि अनेक हित धारको के लिए उपयोगी रहेगी।
उन्होंने कहा कि कार्बन अकाउंटिंग ,IFRS, फाइनेंशियल रिर्पोटिंग ,सस्टेनेबल अकाउंटिंग, डिजिटल अकाउंटिंग संपूर्ण विश्व में अपनी उपयोगिता व प्रासंगिकता सिद्ध कर रहे हैं। कार्बन अकाउंटिंग से कार्बन उत्सर्जन को मापने के साथ पर्यावरणीय संतुलन के बारे में तुरंत निर्णय करने के लिए भी सहायक सिद्ध हो रही है। IFRS के प्रयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सूचनाओं की क्वालिटी को बढ़ा रही है तथा उनमें पारदर्शिता के साथ साथ आर्थिक निर्णय लेने के लिए विनियोजन तथा बाजार के भागीदारों को भी सहायता पहुंचा रही है।
फाइनेंशियल रिर्पोटिंग वित्तीय क्रियाओं के डॉक्यूमेंटेशन एवं कम्युनिकेशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो समय विशेष में परफॉर्मेंस मेजरमेंट के लिए उपयोगी है। सस्टेनेबल अकाउंटिंग कॉस्ट सेविंग तथा सामाजिक वातावरण में एक उपयोगी उपकरण सिद्ध हो रही है। डिजिटल अकाउंटिंग वित्तीय सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रस्तुत करने एवं परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त की जा रही है।
कॉमर्स में नई तकनीक का प्रवेश
डॉ. माहेश्वरी ने इंटीग्रेटेड अकाउंटिंग तथा ब्लॉकचेन अकाउंटिंग के साथ-साथ बिग डाटा एनालिटिक्स ,मोबाइल अकाउंटिंग ,लीन अकाउंटिंग एप्रोच, कॉग्निटिव कंप्यूटिंग, क्लाउड बेस्ड अकाउंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन अकाउंटिंग तथा फिनटेक के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एनवायरमेंटल अकाउंटिंग, एक्टिविटी एक्टिविटी बेस्ड कॉस्टिंग, बिहावरल फाइनेंस , फॉरेंसिक अकाउंटिंग, कॉरपोरेट रिपोर्टिंग,एथिक्स इन अकाउंटिंग , प्रोडक्टिविटी अकाउंटिंग, बैलेंस स्कोर कार्ड जैसे अनेक विषयों पर शोध के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कॉमर्स के शिक्षकों, शिक्षार्थियों एवं शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपने शोध को संपूर्ण मानव जाति के विकास को ध्यान में रखते हुए बदलते हुए परिवेश के अनुसार नई नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए शोध को एक नया आयाम प्रदान करें।
डॉ. माहेश्वरी ने शोधार्थियों को शोध स्तर को नई ऊंचाई देने का आह्वान किया ,उन्होंने अधिक से अधिक अध्ययन ,चिंतन एवं मनन के साथ साथ केवल गूगल और गूगल फॉर्म पर आधारित सूचनाओं पर निर्भर रहने की अपेक्षा विद्वानों, अच्छी संदर्भ पुस्तकों ,पुस्तकालयों एवं अनुभवी जनों का मार्गदर्शन लेने का सुझाव दिया ।

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