परिचर्चा – एलन स्टूडेंट वेलफेअर सोसायटी की परिचर्चा में ‘कोटा की स्वच्छ छवि में हमारी भूमिका’ पर वरिष्ठजनों ने दिए उपयोगी सुझाव
कोटा
एलन स्टूडेंट वेलफेअर सोसायटी (एएसडब्ल्यूएस) के स्नेह-मिलन समारोह में इंद्रविहार स्थित सद्भाव परिसर में शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। ‘शिक्षानगरी की स्वच्छ छवि में हमारी भूमिका’ परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा कि अब विद्यार्थियों में निराशा का अंधकार दूर कर सफलता का प्रकाश फैलाना हमारा नैतिक दायित्व है।
एलन निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि कोचिंग विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के विश्वास से ही शहर में चारों ओर विकास हो रहा है। हमें मिलजुलकर कोटा की स्वच्छ छवि को लम्बे समय तक बनाए रखना हैं। कोचिंग क्लास के बाद करीब 18 घंटे बच्चे बाहरी वातावरण में रहते हैं। मकानमालिक अभिभावक बनकर उनकी देखभाल करें। वरिष्ठ एचओडी पीबी सक्सेना ने कहा कि घर से दूर रहते हुए बच्चों को पढ़ाई के साथ परिवार जैसा प्यार चाहिए। यह नहीं मिलने पर कुछ बच्चे रास्ते भटक जाते हैं। नागरिकों को उन्हें परिवार जैसा प्यार देना होगा। जेेके में टेक्सटाइल्स इंजीनियर रहे आरके सिंह ने कोचिंग से शहर के उत्थान पर प्रेरक काव्य पाठ किया। पार्षद गोपाल मंडा ने कहा कि आज ठेलेवाले से उद्यमी सभी कोचिंग विद्यार्थियों से जुडे़ हुए हैं, इसलिए हमें मिलकर सामाजिक जिम्मेदारी निभानी है। सोसायटी के संरक्षक एसके वत्सल, अध्यक्ष वीके नागर, उपाध्यक्ष सुरेशचंद्र तोषनीवाल व ईश्वरलाल माहेश्वरी ने बताया कि एक दर्जन आवासीय काॅलोनियों से सैकडों वरिष्ठ नागरिक साझा मंच पर एकजुट हुए।
सार्वजनिक पार्कों में चैकीदार नियुक्त हों
जेके सिंथेटिक्स में 30 वर्ष वरिष्ठ अधिकारी रहे 76 वर्षीय आरपीएस चैहान ने कहा कि बच्चों को कमरा देने से पहले मकान मालिक उसके परिवार की पूरी जानकारी अवश्य लें, ताकि कोचिंग क्लास के बाद समय पर घर नहीं लौटने पर पेरेंट्स को सूचना दे सकें। विकास समितियों के सहयोग से पार्कों में चैकीदारों की व्यवस्था की जा सकती है। एडवोकेट रामबाबू सक्सेना ने कहा कि किशोर उम्र में बच्चे गलत दोस्ती होने से राह भटक जाते हैं। अभिभावक के रूप में मकान मालिक को उन्हें गाइडेंस देनी होगी। रिटायर्ड बैंक अधिकारी जीएल मेवाड़ा एवं श्रीराम रेयंस से रिटायर्ड प्रभूनारायण ने कहा कि कोचिंग विद्यार्थी हमारी आजीविका से जुडे हैं, उनसे हर दिन बातचीत करें। पारिजात काॅलानी महिला समिति की भूपिंदर कौर, प्रवेश सोनी एवं प्रभा विजयवर्गीय ने कहा कि आवासीय काॅलोनियों में सिविल सोसायटी बनाई जाएं। सुरक्षा एवं स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन को सूचित करें। पार्षद प्रत्येक माह वार्ड में बैठक लेकर जन समस्याओं को सुनें।
सिविल सोसायटी निभाए यह जिम्मेदारी
– परिवार से दूर यहां आकर रहने वाले बच्चों को अकेलापन महसूस न होने दें। हम ताऊ, दादा या नाना के रूप में उनका दुखदर्द बांटकर परिवार जैसा प्यार दंे तो अप्रिय स्थिति टल जाएगी।
– पीजी या हाॅस्टल मकान मालिक सिर्फ किराये का व्यापार नही करें, अपने व्यवहार मे भी सुधार करें। बच्चों की उपस्थिति पर निगरानी रखें और पेरेंट्स को सूचित करें। बच्चों को कई मकानों में फिल्टर पानी नहीं मिलन सेे वे बीमार हो जाते हैं। इसमें सुधार करें।
– कुछ बाहरी बच्चे असामाजिक तत्वों के सम्पर्क में आ जाते हैं। ऐसे में मौहल्ले के नागरिक या सोसायटी उसकी सूचना संबधित पुलिस थाने तक पहुंचाएं।
– बच्चे बीमार हो जाने पर मकान मालिक यह सूचना उनके पेरेंट्स और कोचिंग संस्थान तक अवश्य पहुंचाएं। एएसडब्ल्यूएस के दूरभाष: 0744-5161141 पर प्रातः 9 से रात 8 बजे तक सूचना दे सकते हैं।
काश, प्रशासन का सहयोग मिल जाए
– कुछ काॅलोनियो के सार्वजनिक पार्कों में विद्यार्थी काफी देर तक बैठे रहते हैं या ड्रिंक कर लेते हैं। मौहल्ले के नागरिक पार्क में चैकीदार रखें या पुलिस को सूचित कर माहौल सुधारने की जिम्मेदारी लें।
– बाहर से कोटा में रहने वाले बच्चों को मैस व भोजनालय में क्वालिटी भोजन नहीं मिलता है। इसकी गुणवत्ता जांच प्रशासन द्वारा समय-समय पर की जाए।
– परीक्षा के दिनों में आवासीय क्षेत्रों में लाउडस्पीकर की तेज आवाजों से विद्यार्थी बहुत परेशान होते हैं। प्रशासन तेज आवाजों पर रोक लगाए।
– तलवंडी से ओपेरा मार्ग पर रोड़ को चैड़ा कर दोनों तरफ फुटपाथ खाली कराए जाएं। सैकडों विद्यार्थियों को रोज संस्थान तक पैदल आने-जाने की सुविधा मिले और दुर्घटनाएं कम हो सके।
– भारतीय योग संस्थान द्वारा नियमित योग केन्द्र नए शहर में चलाए जा रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक मौहल्ले में घूमकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ योग से जुडने के लिए प्रेरित करें।
– हाॅस्टल और आटोवालों की मनमानी रोकने के लिए प्रशासन एक गाइड लाइन बनाकर लागू कर दे तो हजारों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिकों ने दिए सुझाव-
परिचर्चा में वरिष्ठ नागरिक अर्जुन सिंह भाटी, महीप कुमार जोशी, नरेंद्र तिवारी, नन्द सिंह नरूका, कैलाश चंद्र गौतम, प्रद्युम्न जैन, हीरालाल चैधरी, बाबूलाल सेठी, हरपाल सिंह, बृजराज सोनी, जगदीश शर्मा, केएज आहूजा, सुरेंद्र मित्तल, स्वाधीन शर्मा, भंवरसिंह राठौर,, नन्दलाल सैनी, मोहनलाल गहलोत, सत्यनारायण शर्मा, नीरज ठाकुर, जगदीश प्रसाद जैन सहित कई वरिष्ठजनों ने लिखित सुझाव दिए। एएसडब्ल्यूएस द्वारा उनके उपयोगी सुझावों पर अमल किया जाएगा।