महत्वपूर्ण फैसला : सत्र 2019-20 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से पात्रता प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य नहीं
न्यूजवेव @ कोटा
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने देश के विद्यार्थियों एवं ओवरसीज नागरिकों को एक महत्वपूर्ण फैसला कर बड़ी राहत दी है। गुरूवार को एमसीआई वेबसाइट पर जनरल सेक्रेटरी डॉ.संजय भारद्वाज ने बताया कि यदि कोई भारतीय विद्यार्थी अथवा ओवरसीज नगारिक किसी विदेशी यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के लिए पात्रता हेतु नीट-यूजी,2019 का रिजल्ट ही प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा। अर्थात नीट प्रवेश परीक्षा परिणाम के बिना विदेशों से एमबीबीएस करना संभव नहीं हो सकेगा।
यह था दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
कॅरियर प्वाइंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देव शर्मा ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सितंबर,2018 में एक याचिका पर फैसला देते हुए स्पष्ट किया था कि सत्र 2018-19 में यदि कोई भारतीय या ओवरसीज विद्यार्थी विदेश से एमबीबीएस डिग्री करना चाहता है, तो नीट प्रवेश परीक्षा की बाध्यता नहीं है। लेकिन ऐसे विद्यार्थियों को एमसीआई से एक पात्रता प्रमाणपत्र हासिल करना होता था। उसके बाद ही विदेशों से एमबीबीएस की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती थी।
सत्र 2019-20 के लिए एमसीआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से अग्रिम अनुमति लेते हुए नीट प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट को विदेशों से एमबीबीएस हेतु ‘पात्रता प्रमाणपत्र’ घोषित कर दिया है। जिससे अब नीट देने वाले विद्यार्थियों को विदेशों से एमबीबीएस करने हेतु एमसीआई से अन्य किसी पात्रता प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
पाकिस्तान के लिए एमसीआई से अनुमति जरूरी
एमसीआई ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भारतीय या ओवरसीज विद्यार्थी पाकिस्तान के किसी मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करना चाहता है तो नीट प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट तो पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा, साथ ही ऐसे विद्यार्थियों को एमसीआई से भी एक पात्रता प्रमाणपत्र लेने की बाध्यता होगी।