एमसीआई के निर्देशः 31 अगस्त के बाद मेडिकल कॉलेजों में दाखिले बंद, अवैध प्रवेश रोकने के लिए उठाए कडे़ कदम
न्यूजवेव @ कोटा
मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों, यूनिवर्सिटी एवं अन्य संस्थानों को दिशानिर्देश दिए कि MBBS की प्रत्येक सीट पर दिए गए एडमिशन की संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन अपलोड की जाए। जिसमें प्रत्येक गवर्नमेंट व प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को विद्यार्थी का नाम, नीट-2018 के रोल नंबर, केटेगरी, एडमिशन की तिथी, 12वीं बोर्ड में फिजिक्स, केमिस्ट्री,बायोलॉजी व इंग्लिश प्राप्तांक, फीस आदि की सम्पूर्ण जानकारी काउंसिल द्वारा दिए गए फॉर्मेट में भरकर ऑनलाइन अपलोड करनी होगी।
4 सितंबर के बाद संशोधन मान्य नहीं
कॅरिअर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देव शर्मा ने बताया कि काउंसिल द्वारा मांगी गई जानकारी अपलोड करने में कोई त्रुटि या कमी रह जाती है जो 4 सितंबर तक उसमें संशोधन किया जा सकता है। उसके बाद कोई संशोधन मान्य नहीं होगा। इस संपूर्ण जानकारी का प्रिंटआउट सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर सहित 7 सितंबर तक एमसीआई में भेजना अनिवार्य है।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में कहा गया कि 31 अगस्त के बाद MBBS की एक भी रिक्त सीट पर एडमिशन देय नहीं होगा। एमसीआई के कडे़ दिशानिर्देश मेडिकल कॉलेजों में होने वाले उन अवैध एडमिशन को रोकने के लिए है जो कि नियम विरूद्ध़ दिए जाते हैं। एमसीआई के अनुसार एमबीबीएस की प्रत्येक सीट पर एडमिशन नीट-2018 की मेरिट लिस्ट के आधार पर पारदर्शिता से होना चाहिए। किसी भी स्थिति में मेरिट का उल्लंघन कर कोई एडमिशन नहीं दिये जाए।
निष्पक्ष जांच हुई सच उजागर होंगे
विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के तमाम प्रयासों के बावजूद इस वर्ष भी नीट-2018 काउंसलिंग के समय मेडिकल कॉलेजों में MBBS में एडमिशन दिलाने के लिए देशभर में निजी कंसलटेंसी कंपनियां व बिचौलिये सक्रिय रहे। उन्होंने नीट में किसी भी रैंक पर सफल विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को निरंतर कॉल करते हुए 20 लाख से 1 करोड़ रू. डोनेशन पर एमबीबीएस की सीट पर एडमिशन दिलाने का भरोसा दिलाया। कई निचली रैंक के विद्यार्थियों को भी कथित डोनेशन या कमिटेशन फीस के आधार पर MBBS सीट पर दाखिले मिल गए हैं। यदि उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हुई तो प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा व स्टेट रैंक से एडमिशन देने में धांधलियां उजागर हो सकती है।