राज्य के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढाई सबसे सस्ती
न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान में इस वर्ष नए व पुराने मेडिकल कॉलेजों की वार्षिक फीस में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। नीट काउंसलिंग में जब विद्यार्थियों ने विभिन्न मेडिकल कॉलेज के एजुकेशन लेवल एवं फीस की जानकारी ली तो चौंकाने वाली बातें सामने आई।
राज्य में प्रतिष्ठित पुराने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में इस वर्ष 5 जिलों में खोले गए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज विद्यार्थियों से करीब 120 प्रतिशत तक ज्यादा फीस वसूल रहे है। विद्यार्थी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि शुक्रवार को स्टेट रैंक के आधार पर उन्हें नये मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस या बीडीएस की सीट आवंटित हुई तो फीस का दोगुना आर्थिक मार झेलना पडे़गा।
कॅरिअर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट देव शर्मा ने सभी मेडिकल कॉलेजों की फीस का विश्लेषण कर बताया कि कोटा, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर के पुराने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए वार्षिक फीस 33,500 रूपए है। जबकि इस वर्ष राज्य के पांच नए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों भरतपुर, भीलवाड़ा, चुरू, डूंगरपुर व पाली मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए सालाना फीस 77 हजार रूपए निर्धारित हैं।
सीट आवंटन 6 जुलाई को
वेबसाइट के अनुसार, नीट में स्टेट कोटा की 85 प्रतिशत एमबीबीएस/बीडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग में प्रथम राउंड की सूची 6 जुलाई को जारी की जाएगी।
झालावाड मेडिकल कॉलेज सबसे सस्ता
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस की तुलना करें तो झालावाड मेडिकल कॉलेज की सालाना फीस सबसे कम है। इस कॉलेज में एडमिशन लेने वाले ले विद्यार्थियों को सालाना फीस मात्र 19,360 रूपए ही दनी होगी। जबकि अन्य प्राइवेट कॉलेजो में यह राशि कई गुना ज्यादा है।
देव शर्मा के अनुसार, प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सालाना फीस पर कोई नियंत्रण नहीं है। निम्स,जयपुर में एमबीबीएस के लिए वार्षिक शुल्क 18.50 लाख रूपए है, वहीं राजसमंद अजंता मेडिकल कॉलेज में यह राशि 12 लाख सालाना है। एनआरआई के लिए नए मेडिकल कॉलेज में यह राशि 15 लाख रूपए है।