Saturday, 20 April, 2024

सड़कों पर भीख मांगने वाला जयावेल अब पढ़ेगा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में

न्यूजवेव @ चेन्नई
जब किसी व्यक्ति का भाग्य करवट लेता है, तो उसकी कामयाबी का मंज़र रोके नहीं रुकता। किस्मत ने कुछ ऐसा ही चमत्कार किया चेन्नई के रहने वाले जयावेल के साथ, जिनके पिताजी बचपन में ही गुज़र गये। इसके बाद जयावेल सड़कों पर भीख मांगते हुए अपना गुजरा कर रहे थे, पर भाग्य में उनके लिए कुछ और ही लिखा था। सड़क पर गुजर बसर करने वाले जयावेल अब वह यूके में रहकर इंजीनियरिंग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

‘गरीबी में खिलता फूल’ 

नैल्लोर चेन्नई के रहने वाले जयावेल अभी 22 साल के हैं। उसने बचपन से संघर्ष, भूखमरी और विफलता का दौर देखा है। बरसात के दिनों में उसके पास सिर छिपाने के लिये कोई जगह नहीं थी। आसपास की दुकानों में उसने शरण लेकर गुजारा किया है।
एक बार समाजसेवी उमा मुथुरमन और उसके पति की नजर उस पर पडी। उन्होंने उसका विडियो ‘गरीबी में खिलता फूल’ बनाया। कई लोगों ने उसके नाम से सरकारी मदद लेने की कोशिश भी की। लेकिन 1999 में उसे सही एजुकेशन दिलान के लिये एक एनजीओ सुयम चेरिटेबल ट्रस्ट आगे आया। कक्षा-10वीं और 12वीं उसने अच्छे अंकों से पास की। उसके बाद केम्ब्रिज परीक्षा पास करने से उसका नामांकन हो गया। इस समय वह ग्लनद्वार यूनिवर्सिटी से कार इन्हेेंसमेंट टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग कर रहा है। बचपन से भोजन, कपडे़ व घर से मोहताज रहे जयावेल गरीब विद्यार्थियों के लिये उजले भविष्य की किरण बन गये हैं।

तीन साल की उम्र में पिता चल बसे


जयावेल जब सिर्फ़ 3 साल के थे, तभी उनके पिताजी का देहांत हो गया था। वे तीनों भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। पिताजी के देहांत के बाद उनकी माँ को शराब की आदत लग गयी, जिसके कारण वे अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पाती थीं। इन बच्चों को भूख मिटाने के लिए सड़कों पर भीख मांगने पड़ती थी। फिर एक दिन सुयम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक उमा मुथुरमन ने इन बच्चों का जीवन बदल दिया। उन्होंने इन तीनों बच्चों का दाखिला सिरगु मॉन्टेसरी स्कूल में करवाया।

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